शहरवासियों की जीना हुआ हालों-बेहाल, लोग नरक भरी जिंदगी व्यतीत करने पर हुए मजबूर
punjabkesari.in Monday, Aug 26, 2024 - 03:37 PM (IST)
संगरूर (विवेक सिंधवानी, यादविन्द्र) : शहर संगरूर जहां का प्रशासन शहरवासियों को बेहतरीन सहूलियतें देने की बातें करता है, लेकिन प्रशासन की यह बातें सिर्फ दफ्तरों के कागजों तक ही सीमित है, जबकि संगरूर निवासी सीवरेज के ओवरफ्लो होते गंदे पानी की मार झेल रहे हैं तथा इसके अलावा कूड़े के बड़े-बड़े ढेरों का तथा आवाारा पशुओं की समस्या का सामना कर रहे हैं। सीवरेज के ओवरफ्लो की समस्या शहर के कई स्थानों पर आ रही है, लेकिन जिले के उच्चाधिकारी तथा सीवरेज विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी नींद सोए पड़े हैं। अब कुछ दिनों से शहर की सुंदर बस्ती तथा राम नगर मोहल्ले में लोग इन दिनों सीवरेज की समस्या से जूझ रहे हैं तथा लोग सीवरेज की समस्या करके नरक भरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं।
पंजाब केसरी टीम से बात करते मोहल्लावासियों का कहना है कि सरकारें बस वोटों के समय ही सार लेती हैं, उपरांत बस भगवान के सहारे ही छोड़ दिया जाता है। संगरूर के जिला अधिकारियों पर भी नाराजगी प्रकट करते उन्होंने कहा कि प्रशासन यह दावे करता रहता है कि लोगों को भरपूर विकास दिया जाएगा तथा लोगों की सहूलियतों का ख्याल रखा जाएगा, लेकिन प्रशासन का यह दावा शायद संगरूर की सुंदर बस्ती वालों के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां के लोग इन दिनों सीवरेज की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन कोई हल नहीं हुआ तथा सीवरेज विभाग के अधिकारी या दफ्तरों में से बाहर निकल कर राजी ही नहीं। नरक भरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर इन लोगों ने कहा कि उनकी प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। सीवरेज के ओवरफ्लो होने के कारण जो गंदा पानी है, वह हमारे घरों तथा गलियों में घुस चुका है। छोटे बच्चों को खेलना तो बहुत दूर की बात है, स्कूल जाने में भी बहुत मुश्किलें आ रही हैं तथा इसके अलावा गंदे पानी के कारण बस्ती में बीमारियां फैलने का खतरा है। लोगों ने कहा है कि इस संबंध में विभाग के दफ्तर के मुलाजिमों को मिल चुके हैं, लेकिन हमारी मुश्किलों का हल नहीं हो रहा।
गंदे पानी में से गुजरने पर मजबूर हुए स्कूली बच्चे
सुंदर बस्ती में पढ़ते सरकारी स्कूल के बच्चे भी सीवरेज विभाग की घटिया कारगुजारी के कारण गंदे पानी में से गुजरकर स्कूल आने-जाने के लिए मजबूर हैं। उक्त स्कूल के आगे गंदा पानी खड़ा रहने के कारण घर से तैयार होकर स्कूल आने वाले छोटे-छोटे बच्चे गंदे पानी में ईंटें रखकर मुश्किल से राम-राम करते यहां से गुजरते हैं तथा छुट्टी के समय भी उनको इसी समस्या का फिर सामना करना पड़ता है। बच्चों ने बताया कि कई बार गंदे पानी में से गुजरते बैलेंस बिगडऩे पर वह पानी में गिर भी पड़ते हैं तथा उनकी वर्दी वगैरह खराब हो जाती है तथा उनको दोबारा घरों से नहाकर आना पड़ता है।
महाराजा रंजीत सिंह भी गंदे पानी की चपेट में
स्थानीय उप्पली रोड पर स्थित महाराजा रंजीत सिंह मार्कीट जिसके सामने भाजपा का दफ्तर भी है, कुछ दिनों से बारिश के पानी की निकासी न होने के कारण गंदे पानी की चपेट में है। इस मार्कीट में मौजूदा स्थिति यह है कि यहां पानी खड़ा होने के कारण जिलब तक जम गई है, लेकिन अधिकारियों की अभी तक आंख नहीं खुली। गंदे पानी यहां खड़ा रहने के कारण भयानक बीमारियां फैलने का खतरा तो बना ही हुआ है, ऊपर से बदबू मार रहे पानी के कारण मार्कीट के दुकानदार परेशान हैं। यहां से गुजर रहे कुछ राहगीरों ने तंज कसते कहा कि यदि प्रशासन झील बन चुकी इस मार्कीट के आगे खड़े पानी की निकासी का प्रबंध नहीं कर सकता, तो कम से कम इसमें मछलियां ही पाल लो।
लोग निजी टैंकरों द्वारा गंदा पानी निकलवाने पर हुए मजबूर
जब संगरूर का सीवरेज विभाग तथा जिले के उच्चाधिकारी लोगों को आ रही समस्या से निजात दिलाने में असफल हो जाएं, तो लोग अपनी समस्याओं का हल निकालने के लिए खुद प्रयत्न करने शुरू कर देते हैं। स्थानीय नाभा गेट के पास स्थित एक धार्मिक स्थान के नजदीक जब खड़े गंदे पानी की समस्या का हल विभाग तथा अधिकारियों ने न किया, तो कुछ समाजसेवियों ने अपनी जेब में से पैसे खर्च करके वहां खड़े गंदे पानी को निजी टैंकरों द्वारा हटाया। इस संबंधी वातावरण प्रेमी रोशन अग्रवाल ने कहा कि यदि संगरूर के अधिकारी शहरवासियों की समस्याओं का हल ही नहीं निकाल सकते, तो उनको वेतन लेने का भी कोई अधिकार नहीं।
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