2 सालों में दर्जनों जिंदगियां निगल चुकी है दक्षिणी बाईपास की मेन क्रॉसिंग

punjabkesari.in Friday, Jan 12, 2018 - 02:06 PM (IST)

पटियाला (बलजिन्द्र): दक्षिणी बाईपास की मेन क्रॉसिंग पिछले 2 सालों में दर्जनों जिंदगियां निगल चुकी है क्योंकि इस बाईपास में सिर्फ एक ही क्रॉसिंग जमीन के साथ है। वह मेन क्रॉसिंग है, जहां दोनों तरफ से आने वालों को कुछ पता नहीं लगता और सीधी टक्कर में अक्सर व्यक्ति की मौत ही होती है। यहां ही सुखचैन सिंह चीमा की मौत हुई।

यहां वर्णनीय है कि दक्षिणी बाईपास की संगरूर रोड से लेकर राजपुरा रोड तक कुल लंबाई 19 किलोमीटर है। समूची सड़कों पर बाईपास ऊपर से गुजर जाता है और नीचे से क्रॉसिंग है, सिर्फ मेन सड़क पर बाईपास ऊपर से नहीं जाता बल्कि मेन रोड के साथ नीचे बराबर होकर क्रॉस करता है जोकि बड़े हादसों का कारण बनता है।

मेन रोड पर कई स्थानों पर नहीं है लाइटिंग का प्रबंध
मेन रोड पर कई स्थानों पर टॄनग प्वाइंट हैं परन्तु वहां लाइटिंग का कोई प्रबंध नहीं। जहां हादऐसा हुआ, वहां भी लाइट का कोई ज़्यादा बढिय़ा प्रबंध नहीं है। यही कारण है कि रात के समय तो सुखचैन चीमा की पहचान ही नहीं हो सकी। लाइटिंग न होने के कारण रात को अक्सर यहां हादसे होते रहते हैं। 


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