स्मार्ट फोन देने व किसान ऋण माफी का ऐलान बजट में करेगी अमरेन्द्र सरकार

punjabkesari.in Saturday, Apr 29, 2017 - 05:44 PM (IST)

जालंधर (धवन): राज्य विधानसभा के आम चुनावों से पहले कांग्रेस द्वारा जारी किए गए अपने चुनावी घोषणापत्र में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा नौजवानों को स्मार्ट फोन व एक वर्ष के लिए 4-जी डाटा देने तथा किसानों का ऋण माफ करने का ऐलान किया गया था। अब उसे व्यवहारिक रूप देने के लिए अमरेन्द्र सरकार ने अपने यत्न शुरू कर दिए हैं। सरकारी हलकों से पता चला है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने स्मार्ट फोन देने के लिए वैश्विक टैंडर देने के निर्देश संबंधित विभागों को दे दिए हैं। इस पर काम शुरू कर दिया गया है। विभिन्न मोबाइल फोन कम्पनियों के साथ संपर्क साधा जाएगा।

अमरेन्द्र सरकार द्वारा उन नौजवानों को स्मार्ट फोन व 4 जी डाटा उपलब्ध करवाया जाएगा, जिन्होंने चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान स्मार्ट फोन लेने के लिए अपने नाम पंजीकृत करवाए थे। स्मार्ट फोन खरीदने के लिए जून में पेश होने वाले पंजाब के वार्षिक बजट में धनराशि का प्रावधान भी किया जाएगा। हर वर्ष तय नौजवानों को स्मार्ट फोन व 4जी डाटा दिया जाएगा। कांग्रेस ने चुनाव से पहले ऐलान किया था कि जो नौजवान पहले स्मार्ट फोन के लिए अपने नाम पंजीकृत करवाएंगे, उन्हें सरकार बनते ही पहले स्मार्ट फोन मिलेंगे। पहले आओ, पहले पाओ की प्रथा को अब कांग्रेस सरकार द्वारा लागू किया जाएगा।

सरकारी हलकों ने बताया कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के निर्देशों पर गठित ऋण माफी संबंधी कमेटी ने अपना कामकाज शुरू कर दिया है। राज्य में फसल ऋण की कुल मात्रा 31000 करोड़ है, जिसमें से 18000 करोड़ की मूल राशि है, जबकि शेष राशि ब्याज से जुड़ी हुई है। इसमें से आधी राशि सहकारी क्षेत्र से संबंधित है। जिसके साथ सरकार ने बातचीत का कार्य शुरू कर दिया है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इसके अलावा और कितना ऋण किसानों ने लिया हुआ है। एक अन्य अनुमान के अनुसार किसान ऋण की कुल मात्रा 62000 करोड़ है। कैप्टन के निर्देशों पर अधिकारियों द्वारा राज्य में कमिशन एजैंट्स के साथ भी किसान ऋण माफी को लेकर बातचीत शुरू की गई है। वाॢषक बजट में ही किसान ऋण माफी का ऐलान भी होने के आसार हैं। इसी तरह से हर घर एक नौकरी का ऐलान भी कांग्रेस द्वारा अपने चुनावी घोषणापत्र में किया गया था। उस पर अमल भी बजट में शुरू किया जा रहा है। सरकार इसके लिए हरवर्ष दी जाने वाली नौकरियों की सीमा तय कर सकती है। योजनाबद्ध तरीके से इस स्कीम पर अमल करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। 


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