देखिए, कैसे खतरनाक नशा कर जिंदा लाश बन रहे ये मासूम बच्चे

punjabkesari.in Sunday, Jun 25, 2017 - 04:57 PM (IST)

लुधियाना(खुराना): एक ओर जहां कैप्टन सरकार द्वारा नशा विरोधी अभियान छेड़कर नामचीन नशा तस्करों को सलाखों के पीछे धकेलने संबंधी दावे किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकारी दावों के उलट देश का भविष्य कहलाने वाले मासूम बच्चे फ्ल्यूड (घुग्गू) का नशे के तौर पर सेवन करके जिंदा लाश बने महानगर की सड़कों पर आम देखे जा सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इस नशे के सेवन से बच्चों का दिमाग तेजी से डैड होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

इस संबंध में पड़ताल करने पर सामने आया कि आसानी से व सस्ता मिलने वाले फ्ल्यूड को बच्चे रूमाल या फिर किसी कपड़े पर स्प्रे करके नशे के रूप में सूंघते हैं, जोकि खतरनाक है और सूंघने वाले बच्चों को बेसुध कर देता है। यह नशा करने के बाद बच्चों का दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है। नशे की हालत में कई बार ये बच्चे ट्रैफिक लाइटों पर खड़ी गाडिय़ों से कीमती सामान उड़ाने के साथ स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम देते हैं। ऐसे कई केस भी सामने आ चुके हैं। 

क्या है यह घुग्गू का नशा : इस विषय पर बातचीत करते हुए बुकशॉप के मालिक तिलकराज तनेजा ने बताया कि फ्ल्यूड (घुग्गू) असल में स्कूलों, कालेजों व अन्य कामकाजी संस्थानों पर इस्तेमाल किए जाने वाला यह लिक्विड पदार्थ है, जोकि पैन की ओवर-राइटिंग या फिर अन्य प्रकार की लिखित गलतियों को मिटाने के काम आता है, जिसे पिछले कुछ समय से कालेजों के लड़के/लड़कियां व अन्य छोटे बच्चे नशे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। तनेजा ने बताया कि वैसे तो घुग्गू पाबंदीशुदा पदार्थ है लेकिन बावजूद इसके अधिकतर दुकानदार उक्त पदार्थ की बिक्री बड़ा मुनाफा कमाने के लालचवश चोरी-छिपे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फ्ल्यूड की पैकिंग में निकलने वाला थिन्नर सूंघने से आदमी बेसुध हो जाता है।


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