पंजाब सरकार मैडीकल कॉलेज के किस डाक्टर पर होगी मेहरबान, सरकार जल्द लगा सकती है नया प्रिंसीपल

punjabkesari.in Tuesday, Jun 27, 2017 - 07:13 AM (IST)

अमृतसर(दलजीत): मैडीकल कॉलेज के मौजूदा प्रिंसीपल व रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख डा. सोहन सिंह 30 जून को रिटायर होने वाले हैं। उन्हें मैडीकल कॉलेज के पूर्व प्रिं. डा. बी.एस. बल के स्थान पर प्रिंसीपल नियुक्त किया गया था। अब मैडीकल कॉलेज का नया प्रिंसीपल कौन होगा? आजकल कॉलेज में यही चर्चा का विषय बना हुआ है कि सरकार इस बार भी मैरिट के आधार पर सीनियोरिटी के अनुसार ही किसी योग्य को प्रिंसीपल बनाएगी या फिर किसी सिफारिशी को इस पद पर बैठा दिया जाएगा।

कइयों ने अपने राजनीतिक आकाओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है तो कई नेताओं के पी.ए. टाइप कारिंदे डाक्टरों को आकर कह रहे हैं कि वे नेता जी से कह कर उनका काम फिट करवा देंगे।    जानकारी के मुताबिक सीनियोरिटी की बात की जाए तो फार्माकोलॉजी विभाग के डा. जसवंत राय का नाम सबसे ऊपर आ रहा है, लेकिन उनकी सेहत उन्हें इस के लिए अनुमति नहीं देती है कि वे अधिक तनाव झेल सकें, क्योंकि हाल ही में उनकी हार्ट की बाईपास सर्जरी हुई है और वह छुट्टी पर चल रहे थे, लेकिन अब उन्होंने ज्वाइन कर लिया है। उसके बाद नाम आता है, मैडीकल एजुकेशन डायरैक्टर डा. सुजाता शर्मा का।

जानकारी के मुताबिक 31 अगस्त को उनका डायरैक्टर का कार्यकाल खत्म होने वाला है, क्योंकि नियमों के मुताबिक 58 साल की आयु के बाद किसी को एडमिनिस्ट्रेटिव कार्यभार नहीं दिया जा सकता। यदि प्रिंसीपल कोई और बन जाता है तो 1 सितम्बर से उन्हें अपने किसी जूनियर के नीचे काम करना पड़ेगा, जो उन्हें शायद पसंद नहीं होगा। वहीं मैडीकल रिसर्च एंड एजुकेशन विभाग के ही डायरैक्टर रह चुके एस.पी.एम. विभाग के डा. तेजवीर सिंह भी प्रिंसीपल की दौड़ में शामिल हो गए हैं। उसके बाद ऑर्थोपेडिक विभाग के प्रमुख डा. एच.एस. सोहल का नाम सामने आ रहा है।

यदि डा. सोहल की किस्मत ने साथ दिया था तो इस बार मैडीकल कॉलेज के प्रिंसीपल वहीं बनेंगे, क्योंकि डा. जसवंत हो सकता है कि अपनी सेहत का हवाला देकर प्रिंसीपल बनना स्वीकार न करें, क्योंकि प्रिंसीपल बनने के बाद उनका काम काफी बढ़ जाएगा और काम के सिलसिले में उन्हें चंडीगढ़ के कई चक्कर काटने पड़ सकते हैं।

डा. सोहन सिंह कहते हैं कि उन्होंने अपने 40 दिन के कार्यकाल में ही मैडीकल कॉलेज में बहुत सुधार किया है। उनके प्रयासों से ही कैथ लैब शीघ्र शुरू होने जा रही है। एम.आर.आई. और सी.टी. स्कैन की 24 घंटे सुविधा देने के लिए 7 रेडियोग्राफर नियुक्त हो चुके हैं, जो शीघ्र ही ज्वाइन करेंगे। इसके अलावा उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया है। वह मानते हैं कि उन्हें प्रिंसीपल के तौर पर काम करने के लिए कम समय मिला, लेकिन फिर भी वह अपने किए गए कामों से संतुष्ट हैं।


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