डा. सत्यपाल के नाम पर जारी डाक टिकट का हुआ लोकार्पण

punjabkesari.in Saturday, Sep 23, 2017 - 12:15 PM (IST)

जालंधर  (विनीत): ए.पी.जे. एजुकेशन सोसाइटी की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में डाक विभाग, भारत के सौजन्य से सोसाइटी के संस्थापक डा. सत्यपाल जी के नाम पर डाक टिकट रिलीज की गई। इस संबंधी कालेज सभागार में विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें डाक विभाग, जालंधर के सीनियर सुपरिंटैंडैंट मोहम्मद हनीफ बतौर मुख्यातिथि पधारे, जबकि सत्य एवं स्वर्ण ग्रुप व ए.पी.जे. एजुकेशन सोसाइटी की अध्यक्षा सुषमा पॉल बॢलया एवं सोसाइटी के महासचिव आदित्य विजय बॢलया विशेषातिथि रहे। कालेज की पिं्रसीपल डा. सुचरिता शर्मा ने मुख्यातिथि का पुष्पित अभिनंदन किया और उन्हें कालेज की विशेष उपलब्धियों की जानकारी दी। 


मुख्यातिथि मोहम्मद हनीफ ने डाक टिकट जारी करते हुए सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारा देश कला और संस्कृति के क्षेत्र में विश्व गुरु रहा है और डा. सत्यपाल जी ने देश की संस्कृति व कला की धरोहर का संरक्षण करते हुए सांस्कृतिक एवं नैतिक मूल्यों पर आधारित जिस शिक्षण पद्धति का आरंभ किया, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने अपनी ओर से ए.पी.जे. सोसाइटी के निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर रहने के लिए शुभकामनाएं दीं। 


 सुषमा पॉल बॢलया ने कहा कि डा. सत्यपाल जी ने अपना संपूर्ण जीवन न केवल अपने परिवार, बल्कि समाज और राष्ट्र हित में बिताया। वह सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहे। सेठ जी का मूलमंत्र था कि अपने चारित्रिक गुणों के संरक्षण में जीवन व्यतीत करते हुए सफलता के चरम तक पहुंचना। वह बड़े दूरदर्शी थे और शिक्षा के महत्व को समझते थे इसीलिए वह लड़कियों की उच्च शिक्षा का समर्थन भी करते रहे। सेठ जी ने कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया, सच्चाई की राह पर चलते हुए डा. सत्यपाल जी ने कड़ी मेहनत की और सभी को परिश्रम से आगे बढऩे की प्रेरणा दी। मैडम बॢलया ने कहा कि सेठ जी के समाज के प्रति निष्ठा एवं समर्पण को देखते हुए ही पोस्टल विभाग ने उनके नाम पर डाक टिकट का लोकार्पण किया है। 


कार्यक्रम में कालेज स्टूडैंट्स ज्योति, नेहा, सुप्रीत, गीतिका, साज, ऋचा, तनवी ने अनादि मिश्रा द्वारा तैयार देशभक्ति का गीत ‘अपने वतन की सरजमीं से हमें प्यार है’ गाकर सब में उत्साह भर दिया। कालेज के विभिन्न विभागों के स्टूडैंट्स ने डा. अमिता मिश्रा और डा. विवेक वर्मा के निर्देशन में डा. सत्यपाल जी का प्रिय भजन ‘विश्वपति के ध्यान में जिसने लगाई हो लगन, क्यों न हो उसको शांति, क्यों न हो उसका मन मगन’ भजन गाकर उन्हें याद किया तथा ‘तेरे माथे पे उगते हुए सूरज को देखा है’ गाकर सेठ सत्यपाल जी को श्रद्धासुमन अॢपत किए। स्टूडैंट्स प्रवीण और ज्योतिका ने डा. मिक्की वर्मा के निर्देशन में शास्त्रीय नृत्य की शानदार प्रस्तुति भी दी। इस अवसर पर ए.एस.पी. हैडक्वार्टर कैलाश शर्मा, एन.के. खैहरा, विशाल महाजन, अमित कुमार, मीनू कालिया, निधि गुप्ता, डा. राजेश बग्गा व अन्य गण्यमान्य भी मौजूद थे। समापन में आदित्य बॢलया ने डाक विभाग के साथ ही सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें डा. सत्यपाल जी के सिद्धांतों व आदर्शों का अनुसरण करने की प्रेरणा दी।


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