पराली से बनेगी बायो सीएनजी व बायो इथनोल: कांगड़

punjabkesari.in Monday, Jun 11, 2018 - 10:13 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के बिजली व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने आज कहा कि धान की पराली से बायोगैस/बायो सीएनजी/बायो इथनोल का उत्पादन किया जाएगा।  उन्होंने यहां जारी बयान में कहा कि वर्तमान में प्रदेश में वार्षिक 20 मिलियन टन पराली का उत्पादन होता है। इसका लगभग 20 से 25 प्रतिशत उपयोग किया जा रहा है और बाकी खेतों में जल जाता है। जबकि जो धान की पराली खेतों में जल रही है उससे 5-6 मिलीयन टन बायोगैस/बायो सीएनजी/बायो इथनोल का उत्पादन हो सकता है। 

कांगड़ ने कहा कि प्रदेश में पहले से ही सात बायोमास पावर प्लांट चल रहे हैं लेकिन अब धान की पराली से/बायो सीएनजी/बायो इथनोल की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। राज्य ने चार बड़ी कंपनियों से समझौता कर प्लांट लगाने की ओर कार्य शुरु कर दिया है। इससे प्रदूषण में कमी आएगी वहीं किसानों को इसका लाभ भी होगा। जो धान की पराली किसान के काम की न थी उसकी एवज में किसान को पैसा मिलेगा। वहीं जहां यह प्रोजेक्ट लगेंगे वहां के स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। 

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश में देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां निवेश कर रही है और हमने इन कंपनियों से अनुबंध भी कर लिया है। जिसके अंतर्गत हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल), इंडियन ऑयल कार्पोरेशन, वरबियो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, रिका बायो यूल डेवलेपमेंट लिमिटेड के साथ एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। यह कंपनियां धान की पराली से बायोगैस/बायो सीएनजी/बायो इथनोल का उत्पादन करेंगी। 

एचपीसीएल धान की पराली से बायो इथनोल बनाएगी जो कि पेट्रोल व डीजल के मिश्रण में काम आता है। कांगड़ ने कहा कि एचपीसीएल यह प्लांट जिला बठिंडा के तलवंडी साबो तहसील के गांव नसीबपुरा में लगाएगी। जिसकी लगभग कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है और इसको लगाने की दिशा में काम चल रहा है। कंपनी इस प्रोजेक्ट पर लगभग 1000 करोड़ रुपये निवेश कर रही है। प्लांट लगने के बाद यहां प्रति दिन करीब 500 टन धान की पराली का प्रयोग होगा और रोजाना इस पराली से 100 किलो लीटर बायो इथनोल बनेगा। 


 


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