सिंचाई मंत्री से मिले सीमावर्ती गांवों के किसान

punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2019 - 04:34 PM (IST)

अबोहर (भारद्वाज): पंजाब सरकार द्वारा सरहिंद फीडर पर अवैध रूप से स्थापित किए गए 227 लिफ्ट पम्प बंद करने के निर्णय का किसानों ने स्वागत किया है।  ये पम्प बादल परिवार ने लंबी व गिद्दड़बाहा क्षेत्र में अपने समर्थकों को अवैध लाभ पहुंचाने के लिए बीते कई वर्षों से संचालित करने की अनुमति दी थी। लगभग एक दशक पूर्व फाजिल्का के किसानों ने इसके विरुद्ध उच्च न्यायालय में भी आवाज उठाई थी जिस पर अस्थाई रूप से इनका संचालन रोक दिया गया लेकिन बाद में तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने नियमों मं संशोधन कर पुन: इनके संचालन की अनुमति प्रदान कर दी थी। 

आज इस मुद्दे को लेकर पूर्व विधायक व नलकूप निगम के पूर्व अध्यक्ष डा. महिन्द्र रिणवा के नेतृत्व में सैंकड़ों किसानों ने सिंचाई मंत्री सुखबिन्द्र सिंह सरकारिया से लोहगढ़ हैडवक्र्स पर मुलाकात कर लिफ्ट पम्प बंद करने के निर्णय का समर्थन किया।  सरकारिया से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में जिला परिषद सदस्य सिद्धार्थ रिणवा, लेखराज सरपंच कोयलखेड़ा, सुखपाल सिंह सरपंच बकैनवाला, सतपाल सरपंच लक्खोवाली ढाब, सुरिन्द्र कुमार सरपंच बेगांवाली, हरदीप ढाका सरपंच खानपुर व पूर्व सरपंच गोपीराम बागडिय़ा शामिल थे। किसानों ने कहा कि अकाली समर्थक कुछ किसानों को अवैध लाभ पहुंचाने के लिए जो लिफ्ट पम्प स्थापित करवाए गए उनसे 250 क्यूसिक पानी खींचा जा रहा था जो अबोहर ब्रांच नहर की कुल क्षमता के बराबर है। यह गोरखधंधा चलाकर  फाजिल्का के उन गांवों को आर्थिक रूप से नुक्सान पहुंचाया जा रहा था। यहां लोग पानी के लिए तरसते हैं जबकि बादल के क्षेत्र के लोग मालामाल हो रहे हैं। लिफ्ट पम्प लगाने वालों ने सरकार को फूटी कौड़ी भी राजस्व के रूप में नहीं दी जबकि फाजिल्का के किसानों से लगातार आबियाना और मालिया वसूल किया गया। उन्होंने मांग की कि किसी भी दबाव तले यह लिफ्ट पम्प पुन: स्थापित करने की अनुमति न दी जाए। 
    

प्रतिनिधिमंडल ने सरकारिया को बताया कि आजमवाला डिस्ट्रीब्यूटरी व सदर्न डिस्ट्रीब्यूटरी की लाइनिंग न होने के कारण कम से कम 25 प्रतिशत नहरी पानी बर्बाद हो रहा है। यदि इन नहरों को पक्का करवाया जाए तो टेल के गांवों तक पानी उपलब्ध करवाना आसान हो जाएगा। इन गांवों में भूमिगत जल स्तर काफी नीचा और शोरायुक्त होने के कारण उसका प्रयोग न तो पीने के लिए किया जा सकता है और न ही सिंचाई के लिए। डा. रिणवा ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरहिंद फीडर के कुछ क्षेत्र को पक्का करने की चिरलंबित मांग अब पूरी हुई है लेकिन आसपास के किसानों को शिकायत है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता को तिलांजलि दे दी गई है। यह निर्माण कार्य सी.सी.टी.वी. कैमरे या वीडियोग्राफी की निगरानी में करवाया जाना चाहिए। पिछली अकाली-भाजपा सरकार के शासनकाल में हरीके बेराज के नवीनीकरण के काम में करोड़ों रुपए के घोटाले हुए थे जिसकी जांच कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में स्थापित हुई सरकार ने करवाई और सभी उच्चाधिकारियों को जेल भिजवाया गया लेकिन अधिकारियों ने उस कार्रवाई से कोई सबक नहीं सीखा और फिर सरङ्क्षहद फीडर की लाइनिंग में भी वैसी ही कोताही कथित रूप से बरती जा रही है। सरकारिया ने विश्वास दिलाया कि वह तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को इस शिकायत की मौके पर जाकर जांच करने को कहेंगे। 


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