ए.सी. कोच खराब होने की सूरत में स्लीपर में कर दी बुकिंग, यात्रियों ने ट्रेन को रोककर किया प्रदर्शन

punjabkesari.in Tuesday, Jul 09, 2019 - 10:26 AM (IST)

पठानकोट(आदित्य): रेलवे विभाग की ओर से रेल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के वायदों के साथ इसे लागू करने की चेष्टा भी की जाती रही है लेकिन कई बार कुछेक कारणों से अधिकारियों की ओर से ऐसे फैसले लिए जाते हैं, जिससे रेल यात्रियों को सुविधा मिलने की जगह भारी परेशानी का सामना करना पड़ जाता है। यहां तक ही नहीं कई बार विभाग तथा चंद लोगों की आपसी तालमेल की कमी के चलते यहां रेलवे विभाग को समय के साथ-साथ अन्य कारणों से भी नुक्सान उठाना पड़ता है, वहीं सबसे ज्यादा परेशानी दूर-दराज एरिया में आने-जाने वाले रेल यात्रियों को उठानी पड़ती है।

ऐसी ही परेशानी का नजारा उस समय देखने को मिला जब माता वैष्णो देवी कटड़ा से पठानकोट कैंट होते हुए दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेन संख्या नम्बर 12,920 ‘मालवा एक्सप्रैस’ जब कटड़ा स्टेशन से अपने निर्धारित समय 6.55 पर चलने लगी तो वहां पर ए.सी. कोच के रेल यात्रियों ने ट्रेन को रोककर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।  उक्त रेल यात्रियों का कहना था कि उनकी ओर से ए.सी. कोच की बुकिंग करवाई गई है, लेकिन उनकी ए.सी. कोच की जगह स्लीपर में टिकट कन्वर्ट की गई है। जब उन्होंने ए.सी. कोच में बुकिंग करवाई है तो वह स्लीपर कोच में सफर क्यों करें। इस सारे विवाद को खत्म करने के चलते ट्रेन 1 घंटा देरी से अपने गतव्य की ओर रवाना हुई। 

पठानकोट कैंट रेलवे स्टेशन पर 2 घंटे देरी से पहुंची मालवा एक्सप्रैस
इस सारे विवाद के चलते मालवा ट्रेन नम्बर 19,920 पठानकोट कैंट रेलवे स्टेशन पर अपने निर्धारित समय 11 बजे की जगह 1 बजे पंहुची, उक्त विवाद के चलते 2 घंटे देरी से पठानकोट कैंट रेलवे स्टेशन पर पंहुचने का खमियाजा रेल यात्रियों को उमस भरी गर्मी में ट्रेन का इंतजार करते हुए भुकतना पड़ा। पठानकोट कैंट रेलवे स्टेशन पर मौजूद रेल यात्रियों, कुसुम महाजन, धनंजय प्रताप, श्याम लाल, दीक्षांत ने कहा कि रेलवे को चाहिए कि ऐसी स्थिति से निपटने हेतु अतिरिक्त कोच का इंतजाम होना चाहिए ताकि दूरदराज क्षेत्रों की ओर जाने वाले यात्रियों को परेशानी से राहत मिल सके तथा वे अपने गंतव्य पर समय पर पंहुच सकें।इसकी बाबत अधिकारियों का कहना था कि ए.सी. कोच खराब होने के चलते रेल यात्रियों हेतु स्लीपर में बुकिंग कर दी गई थी। बाद में रेल यात्रियों के साथ तालमेल बिठाते हुए उक्त समस्या का समाधान कर लिया गया था।


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