नई कचहरी परिसर की 2 महीने पहले हो चुकी है कुर्की, कभी भी हो सकती है नीलामी!

punjabkesari.in Monday, Jun 18, 2018 - 07:23 AM (IST)

जालंधर(अमित): कुछ दिन पहले से जारी डी.सी. की कोठी को कुर्क करने और बाद में नीलामी की नौबत आने के मामले में हर रोज नई बातें सामने आने लगी हैं। रोज कुछ ऐसे पहलू सामने आ रहे हैं जो न केवल चौंकाने वाले हैं, बल्कि नीचे से लेकर ऊपरी स्तर पर बड़ी लापरवाही को दर्शा रहे हैं। डी.सी. की कोठी को कुर्क करने जैसी बड़ी कार्रवाई ने जहां पूरे जिले को हिला कर रख दिया था, वहीं इस मामले में प्राथमिक जांच के दौरान लापरवाही के दोषी पाए जाने पर डी.सी. ने 3 कानूनगो और 2 पटवारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पैंड करने का आदेश भी जारी कर दिया था।

मामला यहीं पर रुक जाता तो गनीमत थी, मगर आने वाले दिनों में यह मामला कितना विकराल रूप धारण कर सकता है, इसकी कल्पना तक करना संभव नहीं है, क्योंकि मुआवजे के तौर पर सरकारी प्रॉपॢटयों को नीलाम करके राशि वसूलने के माननीय अदालत के आदेश ने एक बेहद विकट परिस्थिति पैदा कर दी है जिसमें नई कचहरी परिसर जहां जिला व सैशन जज के साथ-साथ अन्य जजों की अदालतें स्थित हैं, की भी नीलामी की नौबत आ चुकी है। जिन 6 प्रॉपॢटयों की लिस्ट कुर्की करके कुछ देर पहले रैवेन्यू रिकार्ड में दर्ज करके अदालत के पास नीलामी के आदेश के लिए भेजी गई थी, उसमें एक खुद माननीय अदालत का नई कचहरी का परिसर भी है जो अपने आप में बेहद हैरान करने वाली बात है। अब देखने वाली बात है कि आने वाले दिनों में क्या माननीय अदालत खुद अपनी ही कचहरी की नीलामी के आदेश जारी करती हैं या नहीं।

डी.सी. की कोठी के साथ 5 अन्य सरकारी प्रॉपर्टियों को अदालत के आदेश से किया गया है अटैच
माननीय अदालत के आदेश का पालन करते हुए केवल डी.सी. की कोठी को अटैच नहीं किया गया है, बल्कि 5 अन्य सरकारी प्रॉपर्टियां बस स्टैंड की 2 प्रॉपटियां, लाडोवाली रोड स्थित एक सरकारी स्कूल, नई कचहरी परिसर और जिला लोक सम्पर्क दफ्तर भी शामिल हैं। इन सभी प्रॉपॢटयों की कुर्की करके रैवेन्यू रिकार्ड में रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है, मगर नीलामी की प्रक्रिया केवल डी.सी. की कोठी से ही शुरू की गई थी जिसको लेकर मौजूदा समय में काफी विवाद चल रहा है। 

जिले के सारे तहसील प्रधानों की मीटिंग बुलाई है, सर्वसम्मति से लिया जाएगा फैसला : जसविंद्र सिंह
दि रैवेन्यू पटवार यूनियन जिला जालंधर के प्रधान जसविंद्र सिंह धंजू ने कहा कि उन्होंने सोमवार को पूरे जिले के तहसील प्रधानों की एक मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में सस्पैंड किए गए स्टाफ से पूरे मामले की जानकारी प्राप्त करके उनकी राय मांगी जाएगी। इस दौरान जो भी फैसला सर्वसम्मति से लिया जाएगा, उसके अनुसार अगली कार्रवाई की जाएगी।

तहसीलदार को बचाने के लिए फील्ड स्टाफ की चढ़ाई गई बलि, कोर्ट के आदेश का पालन करने का मिला ईनाम : नरिंद्रपाल कंडा
दि रैवेन्यू कानूनगो एसो. के प्रदेश प्रधान नरिंद्रपाल सिंह कंडा का कहना है कि केवल तहसीलदार को बचाने के लिए ही फील्ड स्टाफ की बलि चढ़ाई गई है और उन्हें केवल कोर्ट के आदेश का पालन करने का ईनाम सस्पैंशन से मिला है। कंडा ने कहा कि अगर तहसीलदार ने अपनी ड्यूटी निभाने में गंभीरता दिखाई होती तो आज ऐसी नौबत ही न आती, क्योंकि उनके पास अदालत के आदेश एक महीने से अधिक समय तक पड़े रहे, इस दौरान उन्होंने इनकी पड़ताल करना भी उचित नहीं समझा। उन्होंने कहा कि सोमवार को एसो. द्वारा डी.सी. से मुलाकात करके अपना पक्ष रखा जाएगा, ताकि वह अपने फैसले पर पुर्विचार कर सकें। अगर फील्ड स्टाफ को इंसाफ नहीं मिला तो मजबूरन एसोसिएशन को संघर्ष का रास्ता भी अपनाना पड़ सकता है। 
 


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Anjna

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