कोरोना वायरस : सिविल अस्पताल में दाखिल हुए 3 नए संदिग्ध मरीज

punjabkesari.in Sunday, Mar 22, 2020 - 09:40 AM (IST)

जालंधर(शौरी): महामारी बन चुके कोरोना वायरस के संदिग्ध करीब 70 से अधिक लोगों ने सिविल अस्पताल के ट्रोमा वार्ड आकर अपनी जांच करवाई। डाक्टरों व स्टाफ ने उनका चैकअप किया तो उनके शरीर में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिले।

बताया जा रहा है कि कोरोना के संदिग्ध एक पुरुष तथा 2 महिला मरीज इस समय अस्पताल में दाखिल हैं। एक महिला में संदिग्ध स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए जा रहे है और दूसरी महिला तथा पुरुष में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। एहतियात के तौर पर तीनों के सैम्पल लेकर टैस्ट के लिए लैबोरेटरी भेज दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही साफ होगा कि तीनों को बीमारी है या नहीं? 

वहीं सिविल अस्पताल में वैस्ट हलके के कांग्रेसी विधायक सुशील रिंकू ने अपने साथियों अश्विनी जंगराल, जोगिंद्र पाल बब्बी, अर्जुन बराड़ के साथ दौरा कर चैक किया कि कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों का उपचार ठीक हो रहा है या नहीं। विधायक रिंकू ने मौके पर सीनियर मैडीकल ऑफिसर डा. कश्मीरी लाल व अन्य डाक्टरों के साथ चैकिंग कर मरीजों से स्वयं बातचीत की और उनका हाल-चाल जाना।

स्टाफ कम, बढ़ रहा रोष
ट्रोमा वार्ड जहां आज 70 से अधिक विदेश से आए लोगों ने अपना चैकअप करवाया वहीं एक शिफ्ट में 2 स्टाफ नर्स तथा एक डाक्टर चैकअप करते नजर आ रहे थे। स्टाफ कम और काम का बोझ अधिक होने के चलते कुछ स्टाफों में इस बाबत रोष बढ़ता ही जा रहा है। नाम न छापने की शर्त पर एक नर्स ने कहा कि सुबह से लेकर दोपहर के समय कम-से-कम 4 स्टाफ नर्स ड्यूटी पर होनी चाहिए ताकि मरीजों की देखभाल ठीक तरह से हो सके।

लो जी खत्म हो गए मास्क!
सरकार ने चाहे लाख दावे कर रखे हैं कि सिविल अस्पताल में लोगों के लिए मास्क खत्म नहीं होने दिए जाएंगे लेकिन आज कइयों को दोपहर से लेकर शाम तक मुंह में बांधने वाला मास्क नहीं मिला। लोग स्टाफ नर्स से मास्क मांगते दिखे और आगे से जवाब था कि बाहर कैमिस्ट शॉप से मास्क लेकर आओ, सिविल अस्पताल में मास्क खत्म हो चुके हैं।

चैकअप के दौरान परेशान हुए कई लोग
वहीं सिविल अस्पताल में विदेश से आए कई लोगों में दहशत थी कि कहीं वे कोरोना वायरस के शिकार तो नहीं हो गए। काफी संख्या में लोग शनिवार को अस्पताल में अपना चैकअप करवाने आते दिखे। इस दौरान कुछ लोग परेशान भी दिखाई दे रहे थे और उनका आरोप था कि उन्हें ठीक तरीके से अटैंड नहीं किया जा रहा। इसके बाद मामला सीनियर अधिकारियों के नोटिस में पहुंचा तो परेशान लोगों का चैकअप शुरू हुआ।


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Edited By

Sunita sarangal

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