जालंधर के सिविल अस्पताल का स्टिंग आपरेशन, आपके भी उड़ जाएंगे होश

punjabkesari.in Tuesday, Apr 09, 2024 - 02:54 PM (IST)

जालंधर : सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में रोजाना काफी गिनती में गर्भवती महिलाएं डिलवरी के लिए आती हैं और उन्हें तथा उनके परिजन को आस होती है कि सरकार द्वारा डिलवरी फ्री होने के साथ जहां बढ़िया सेहत सुविधाएं उन्हें मुहैया होगी, लेकिन करनी और कथनी में अंतर है। डिलवरी के बाद महिलाओं के परिजनों से धक्के से बधाई मांगी जाती है। लोगों द्वारा लगातार मिल रही शिकायतों की जमीनी हकीकत जानने के लिए ‘पंजाब केसरी’ की टीम ने जच्चा-बच्चा अस्पताल का दौरा किया तो लोगों के बयान चौकाने वाले थे।

उक्त बयान को सुनकर यदि समय रहते चंडीगढ़ में बैठे सीनियर उच्च अधिकारियों ने कोई कार्रवाई न की तो सिविल अस्पताल से लोगों का विश्वास ही उठ जाएगा। इसके साथ सरकार के दावे भी फेल साबित होते दिख रहे हैं। कुछ लोगों का यहां तक कहना था कि उन्होंने इस आस से आम आदमी पाटी को वोटें डाली थी कि जीतने वाले नेताओं ने चुनावी घोषणा पत्र में दावा किया था कि सरकारी अस्पतालों में सुधार होंगे और भ्रष्टचार बंद होगा, लेकिन धक्के से बधाई मांगने वालों पर कोई रोक नहीं लगाई जा रही है। बधाई भी इतनी मांगी जा रही है कि गरीब लोग देने में असमर्थ हो जाते हैं।

PunjabKesari

देवरानी के पैड बदलने पर भी हुई पैसे की मांग

अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में मौजूद मंजू बाला ने बताया कि उसकी देवरानी मुस्कान बाला निवासी दकोहा की डिलवरी के बाद 200 रुपए स्टाफ को खुशी से दिए। इसके बाद वार्ड में मुस्कान को उसकी कोख से पैदा हुई बेटी सहित शिफ्ट किया। मुस्कान के खून से लथपथ पैड बदलने के लिए स्टाफ को कहा तो उसने पहले बधाई मांगी, मना किया तो वह बिना पैड बदले वहां से ली गई। इसके बाद मौके पर पहुंचे ‘पंजाब केसरी’ की टीम ने इस बाबत स्टाफ से पूछा तो उसने तुरंत महिला का पैड बदल दिया।

PunjabKesari

पहले 500 लिए, फिर दोबारा मांगे, पंखे तक खराब, मरीज बेहाल

फोकल प्वाइंट निवासी प्रशांत कुमार ने बताया कि उसकी परिजन जूलो कुमारी को गर्भवती हालत में अस्पताल लाए। डिलवरी के बाद बधाई मांगी गई और बोला जो इच्छा है दे दो, जिसके बाद उसने 500 रुपए बधाई के तौर पर दिए। प्रशांत ने कहा कि यह गलत है सरकार से वेतन लेने के बाद पैसे नहीं लेने चाहिए। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। इसके साथ प्रशांत अपने मरीज को कपडे़ की मदद से हवा झुलाता नजर आ रहा है। उसका कहना था कि पंखें खराब हैं और बाकी मरीज भी गर्मी सहन कर रहे हैं।

PunjabKesari

 बेटा पैदा होने पर लिए 200 रुपए, महिला बोली सरकार को एक्शन लेना चाहिए

वहीं गांव धन्नोवाली से आई ज्योति पत्नी गगन कुमार ने बताया कि उसके पिता राज कुमार ने उसे बताया कि बेटा पैदा होने पर स्टाफ ने 200 रुपए लिए है। ज्योति ने सरकार से अपील की कि ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए, ताकि बधाई रूपी भष्टाचार खत्म हो सके।

डिलवरी के नहीं, बैड शीट बदलने के लगे पैसे

नूरमहल से आई कश्मीर कौर पत्नी कुलविंदर सिंह ने बताया कि बहु काजल गर्भवती थी। नूरमहल के सरकारी अस्पताल से जालंधर के सिविल अस्पताल उसे रैफर किया गया। 1 अप्रैल को डिलवरी हुई और बेटा पैदा हुआ जिसके बाद डिलवरी का कोई पैसा नहीं लगा। बैड शीट बदलने तथा सफाई करने वाले स्टाफ ने करीब 1 हजार से 1100 रुपए उनसे बधाई के तौर पर लिए।

 बेटा सीरियस पर स्टाफ ने की पैसों की मांग

रामामंडी के आई निशा पत्नी सन्नी ने बताया कि 2 अपैल को वह अस्पताल आई और उसकी डिलवरी होने के बाद बेटा पैदा हुआ। उसके पति से धक्के से 500 रुपए बधाई के तौर पर लिए गए, जबकि उसका बेटा सीरियस था और उसे निक्कू वार्ड में मशीन में रखा गया। निशा का कहना है कि बधाई मांगने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

एम.एस डा. गीता बोली-बधाई मांगने वालों पर होगी कार्रवाई

वहीं सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटैंडैंट (एम.एस) डा. गीता से फोन पर बात के दौरान बधाई मांगने का मामला उनके नोटिस में लाया गया। डा. गीता का कहना था कि बधाई मांगनी गलत बात है। ऐसे तमाशे अस्पताल में थोड़ी देर बाद शुरू हो जाते हैं। लोग इस बाबत शिकायत करें और अस्पताल में बोर्ड पर अफसरों के नंबर लिखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह किसी को बख्शेगी नहीं और वहां से स्टाफ की डयूटी भी बदल देगी।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Urmila

Recommended News

Related News