सिविल अस्पताल में डिलीवरी फ्री लेकिन स्टाफ खुशी के नाम पर लेता है पैसे
punjabkesari.in Monday, Jan 13, 2020 - 12:01 PM (IST)
जालंधर(शौरी): सरकार से भारी वेतन लेने के बावजूद भी कुछ सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आते। सरकार ने जहां लोगों को सहूलियतें देने के लिए सुविधा फीस फ्री रखी है वहीं सरकारी कर्मचारी खुशी के नाम पर अपनी फीस वसूलने से पीछे नहीं हटते। सिविल अस्पताल में स्थापित जच्चा-बच्चा वार्ड में बधाई लेने वाली बात तो आम हो चुकी है। शिकायत जब अधिकारियों के पास पहुंचती है तो कुछ दिनों के लिए खानापूर्ति के लिए वार्ड में कागज के पोस्टर लगा दिए जाते हैं जिस पर लिखा होता है कि बधाई के तौर पर किसी को पैसे न दें और इसकी शिकायत करें लेकिन दोबारा से हालात वैसे के वैसे ही हो जाते हैं और लोगों को लूटने का सिलसिला शुरू हो जाता है।
केस-1 : पैसे लेने पर ही स्टाफ बताता है कि बेटा हुआ या बेटी
बस्ती बावा खेल के राज नगर से सटे किला मोहल्ला निवासी किरण कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती थी, जिसको सिविल अस्पताल लाया गया। बड़े आप्रेशन से पत्नी की डिलीवरी हुई और स्टाफ से पूछा कि बेटा हुआ या बेटी तो स्टाफ ने बधाई मांगी। जब उसने 500 रुपए दिए तो उसने 200 रुपए और मांगें। बाद में उसके हाथ में बच्ची थमाकर उसे बताया गया कि उसके घर बेटी पैदा हुई है। किरण के मुताबिक सरकार के दावे फेल हो रहे हैं और अस्पतालों में डिलीवरी के बाद हर किसी से बधाई मांगी जाती है और न देने पर परिजनों को परेशान किया जाता है। अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ सख्ती हो और फ्लैक्स बोर्ड लगाकर लोगों को जागरूक किया जाए।
केस-2 : बेटी होने पर दोबारा दी बधाई
अस्पताल के डिलीवरी रूम के हाल बेहाल हो चुके हैं, जिस प्रकार सरकारी रजिस्ट्रियों के निर्धारित पैसे सरकार ने रखे हैं, उसी प्रकार यहां कुछ स्टाफ ने भी अपने पैसे निर्धारित कर रखे हैं कि डिलीवरी के बाद परिजनों से कितने पैसे लेने हैं और कितना डिस्काऊंट देना है। छोटे लाल निवासी गदईपुर ने बताया कि 10 तारीख को उसकी पत्नी ने बेटी को जन्म दिया लेकिन स्टाफ ने पहले बधाई के तौर पर 400 रुपए लेने के बाद ही बेटी उसे दी। 2 साल पहले उसकी पत्नी ने सिविल अस्पताल में डिलीवरी के दौरान बेटे को जन्म दिया तो स्टाफ ने 500 रुपए लिए थे। छोटे लाल का कहना है कि ऐसे भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती।
कुछ साल पहले भी बधाई लेने के बाद हुआ था हंगामा
जच्चा-बच्चा अस्पताल में कुछ साल पहले भी ऐसा मामला हुआ था जोकि चर्चा का विषय बना था, दरअसल डिलीवरी रूम में 2 महिलाओं की डिलीवरी हुई। इसमें एक को बेटी तो दूसरे को बेटा हुआ। बधाई लेने के चक्कर में स्टाफ ने जिस महिला के घर बेटा पैदा हुआ, उसके परिजनों को बेटी दे दी और दूसरे मरीज को बेटा देकर दोनों से बधाई ले ली। बाद में जब महिला को होश आया तो उसने अपने पति को बताया कि जब उसकी डिलीवरी हुई तो वह कुछ होश में थी और स्टाफ ने उसे बताया था कि उसके घर बेटा पैदा हुआ है। इस बात को लेकर महिला के परिजनों ने जमकर हंगामा किया और कारण थाना नं. 4 की पुलिस मौके पर पहुंची थी।
मैंने पहले भी लगाई थी बधाई पर रोक, दोबारा से होगी सख्ती : डा. कुलविंद्र कौर
वहीं सीनियर मैडीकल ऑफिसर डा. कुलविंद्र कौर का कहना है कि वह इंडिया से बाहर एक माह की छुट्टी पर गई हुई थी। अब उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन कर ली है और वह बधाई मांगने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। इससे पहले भी कुछ स्टाफ की शिकायतें आई थीं और उन्होंने कार्रवाई कर उन्हें दूसरे वार्ड में शिफ्ट करवा दिया था। डा. कुलविंद्र कौर ने लोगों से अपील की है कि किसी को अस्पताल में बधाई न दें और बधाई मांगने वालों की शिकायत उनसे करें।