हाल-ए-स्मार्ट चिप कंपनी, लाइसैंस किसी और का फोटो किसी और की

punjabkesari.in Tuesday, Oct 25, 2016 - 11:17 AM (IST)

जालंधर (अमित): डी.टी.ओ. कार्यालय के अंदर बतौर बूट आप्रेटर अपनी सेवाएं प्रदान कर रही निजी कंपनी स्मार्ट चिप के स्टाफ का हल किसी से छिपा नहीं हुआ है, क्योंकि निजी कंपनी के कर्मचारी अक्सर अपनी मनमानी और सरेआम गलत काम करने के लिए काफी चर्चाएं बटोरते रहते हैं। 


काम के दौरान लापरवाही का आलम ऐसा है कि कब क्या कर देते हैं इसका इन्हें खुद भी बाद में ही पता लगता है। एक ऐसा ही मामला गत दिवस सामने आया जब बढ़ा पिंड निवासी संतोख सिंह पुत्र तेजा सिंह अपने लाइसैंस की डिलीवरी लेने के लिए ट्रैक पर पहुंचे। उनको मिले लाइसैंस परउनकी फोटो न लगी देखकर उनके पैरों तले जमीन ही खिसक गई, क्योंकि नाम, पता आदि सारी जानकारी सही थी मगर लाइसैंस पर फोटो किसी अन्य की थी। संतोख ने फौरन मामले की जानकारी काऊंटर पर बैठे कर्मचारी को दी, जिसने कहा कि कम्प्यूटर में चैक कर मामले की सच्चाई का पता लगेगा इसलिए थोड़ा इंतजार करो। थोड़ी देर बाद कर्मचारी ने संतोख को बताया कि गलती से किसी अन्य आवेदक की फोटो उसके लाइसैंस पर छप गई है, क्योंकि दूसरे आवेदक का नाम भी संतोख सिंह ही है। इसलिए अगर आपको अपना लाइसैंस ठीक करवाना है, तो करैक्शन ऑफ लाइसैंस की फीस जमा करवाओ आपको नया प्रिंट दे देंगे। 

 

संतोख ने कहा कि वह दूसरी बार पैसे क्यों जमा करवाए, क्योंकि इसमें उसका क्या कसूर है? उसके फीस जमा करवाने से मना करने पर कर्मचारी ने उसे बताया कि दरअसल जिस एजैंट को उसने अपनी फाईल दी थी, उससे सारी गलती हुई है, क्योंकि दूसरे संतोख सिंह की फीस वाली रसीद उसने आपके आवेदन के साथ लगा दी और आपकी रसीद उसके आवेदन के साथ। इसलिए कम्प्यूटर में आपकी रसीद का नंबर दूसरे आवेदक की खिंचवाई गई फोटो के साथ अटैच हो गया और गलत फोटो के साथ लाइसैंस प्रिंट हो गए। निजी कंपनी के कर्मचारी ने कहा कि आप एजैंट को जाकर शिकायत करो वह आपकी फीस अपनी जेब में से जमा करवाकर आपको नया लाइसैंस लेकर दे देगा।  मीडिया में मामला जाने की बात पता लगते ही संतोख सिंह को सही फोटो वाला लाइसैंस जारी कर दिया गया। मगर सोचने वाली बात है कि न जाने कितने ऐसे और लोगों के साथ किसी न किसी बात को लेकर धक्का किया जा रहा है, जिसकी खबर तक किसी को नहीं लगती। ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के कारण ही परिवहन विभाग की साख को गहरा धक्का लग रहा है, इसलिए उच्चाधिकारियों को इस मामले में समय रहते कोई ठोस कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आम जनता को बिना कसूर परेशानी झेलने से बचाया जा सके। 


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