करोड़ों रुपए में बना जी.एस.टी. भवन अनदेखी का शिकार

punjabkesari.in Thursday, Jun 27, 2019 - 10:17 AM (IST)

जालंधर(बुलंद): 8 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया जी.एस.टी. भवन मुरम्मत और देखरेख न होने के कारण खस्ताहाल होता जा रहा है। जी.एस.टी. विभाग की ओर जाने वाली सड़क से लेकर भवन की दीवारें, सीढिय़ां व कई अन्य स्थान ऐसे हैं, जिनको देख कर लगता है कि सरकार का अपनी इमारतों की ओर ध्यान ही नहीं है।  जानकारी के लिए बता दें कि इस इमारत का निर्माण पुडा द्वारा किया गया था पर आज तक इस भवन की मेन सड़क का सीवरेज मेन सीवर से जोड़ा नहीं जा सका।

लीक करता सीवर, टूटी सीढिय़ां व गलत पार्किंग को सुधारने की जरूरत
वहीं भवन के मुख्य गेट के पास नो पार्किंग का बोर्ड लगा होने के बावजूद दोपहिया वाहन व कारें यहीं पार्क होती हैं। भवन में दाखिल होते ही एक खुला सीवर दिखाई पड़ता है जिसमें से गंदा पानी लीक होने के कारण बदबू फैली रहती है। भवन के बाहर की सीढिय़ां 2-3 सालों में ही टूटने लगी हैं, जोकि भवन निर्माण के लिए प्रयोग किए गए माल की क्वालिटी पर सवालिया निशान है।

करोड़ों का राजस्व देने वालों का हाल बेहाल
मामले बारे जी.एस.टी. विभाग से जुड़े कर्मचारी व वकीलों का कहना है कि सरकार को राजस्व देने के मामले में जी.एस.टी. विभाग किसी अन्य विभाग से कम नहीं है पर इसकी प्राथमिक सुविधाओं की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। अक्सर विभाग की लिफ्ट खराब रहती है। लोगों को दर्जनों सीढिय़ां चढ़ कर ऊपर जाना पड़ता है। जब लिफ्ट सही रहती है तो सारी इमारत की सफाई का हाल बुरा रहता है। साफ सफाई के मामले में तो जी.एस.टी. भवन को शायद जीरो नंबर भी न मिले। न तो बाथरूम साफ होते हैं और न ही इमारत की तीनों मंजिलों के फर्श चमकते दिखते हैं।विजीलैंस जांच हो 
मामले बारे विभाग के कुछ कर्मचारियों का कहना है कि इस इमारत में घटिया सामान का प्रयोग किया गया है। इमारत के लिए कितना फंड खर्च किया गया और लगा कितना, इसकी विजीलैंस जांच के लिए कई बार आवाज उठी है पर न तो आबकारी विभाग और न ही अर्बन डिवैल्पमैंट विभाग ने इस ओर कोई ध्यान दिया, जिस कारण विभाग की इमारत का हाल बेहाल हो रहा है।


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