पंजाब में लिंगानुपात सुधरा

punjabkesari.in Monday, Nov 02, 2015 - 10:40 AM (IST)

चंडीगढ़ : लड़कियों के कम हो रहे लिंगानुपात को लेकर पंजाब के लोगों को लगता था कि अाने वाले समय में उनके बेटे कुंवारे ही रह जाएंगे लेकिन अब एेसा नहीं होगा क्योंकि पंजाब में लिंगानुपात में पिछले वर्षों के मुकाबले बेशक सुधार हो रहा है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर राज्य अब भी काफी पीछे है। राष्ट्रीय  स्तर  पर 1000 लड़कों के मुकाबले 898 लड़कियों की जन्म दर के  मुकाबले पंजाब में यह दर 876 ही है। देश के 29 में से 22 राज्यों और सभी 7 केंद्र शासित प्रदेशों में स्थिति पंजाब से बेहतर है। राष्ट्रीय जन्म-मृत्यु पंजीकरण  महानिदेशालय द्वारा वर्ष 2013 की हाल ही में जारी रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए हैं। 

पंजाब के लिए संतोष की बात सिर्फ यह है कि इसकी राज्य स्तरीय दर में पिछले वर्षों 2012 (844), 2011 (852), 2010 (824),  2009 (822) तथा 2008 (820) के मुकाबले न केवल सुधार हुआ है बल्कि पड़ोसी राज्य हरियाणा की दर 840 के मुकाबले भी इसकी जन्म लिंगानुपात दर 876 के रूप में बेहतर है।

हरियाणा के अलावा जिन अन्य राज्यों में पंजाब के मुकाबले यह दर कम है उनमें मणिपुर (700), नागालैंड (873), राजस्थान (859), तमिलनाडु (853) तथा उत्तराखंड (843) शामिल हैं। पंजाब में जन्म दर में लगातार गिरावट लेकिन हरियाणा में एकदम उलट : आंकड़ों के अनुसार पंजाब जनसंख्या नियंत्रण में अहम भूमिका निभा रहा है क्योंकि राज्य में वर्ष 2011 के बाद नवजातों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है जबकि हरियाणा में स्थिति इससे एकदम उलट है। पंजाब में वर्ष 2013 के दौरान जहां 4,48,409 नवजात पंजीकृत हुए वहीं हरियाणा में यह संख्या 5,81,213 थी। हालांकि दोनों राज्यों में शत-प्रतिशत नवजातों के पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है।


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