जालंधर लोकसभा हलके में दावेदारों की अटकी सांसें

punjabkesari.in Friday, Mar 29, 2019 - 10:35 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा) : लोकसभा चुनावों के मद्देनजर दावेदारों की लंबी कतार के चलते जालंधर लोकसभा हलके का पेंच लगातार फंसता ही जा रहा है जिससे टिकट के दावेदारों की सांसें लगातार अटकी हुई हैं। चूंकि कांग्रेस पंजाब में मिशन 13 को सफल बनाने को फूंक-फूंक कर कदम रख रही है और इसी कड़ी में जहां लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों का पैनल तैयार करने को लेकर पूरी सक्रियता बरती जा रही है, वहीं जालंधर, अमृतसर, गुरदासपुर व लुधियाना हलकों में उम्मीदवारों को नाम फाइनल करने में खासी तवज्जो दी जा रही है।
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चाहे इन चारों हलकों में कांग्रेस के सांसद काबिज हैं, पंजाब में स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों पंजाब मामलों की प्रभारी आशा कुमारी, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह, प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ के मध्य हुई बैठक बेनतीजा रही और इस बैठक में भी 13 सीटों पर बनाए गए दावेदारों के पैनल पर आज भी कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाई। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अप्रैल के पहले सप्ताह होने जा रही मीटिंग में पंजाब की सभी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए जाने की प्रबल संभावनाएं हैं जिसे देखते हुए स्क्रीनिंग कमेटी की अगली बैठक 2 अप्रैल के करीब होनी तय मानी जा रही है जिसमें कमेटी के मैंबर एक सशक्त पैनल बनाकर सी.डब्ल्यू.सी. के समक्ष पेश करेंगे। जालंधर से टिकट के  लिए सांसद संतोख चौधरी, पूर्व सांसद व प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रधान मोहिन्द्र सिंह के.पी., वैस्ट हलका से युवा विधायक सुशील रिंकू, पूर्व मंत्री सरवण सिंह फिल्लौर में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। सभी दावेदार अपने-अपने स्तर पर अपने आकाओं के साथ गोटियां फिट करने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं।
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सांसद चौधरी अपने 5 साल के कामों को लेकर अपनी टिकट पक्की मान रहे हैं परंतु एक निजी टैलीविजन चैनल द्वारा उनके स्टिंग के खुलासे ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मोहिन्द्र के.पी. ने भी अपनी दिल्ली लॉबी के बल पर अपनी गोटियां बिठाई हुई हैं। इसी कड़ी में वह विगत दिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ भी पंजाब के राजनीतिक हालातों पर विशेष बैठक कर चुके हैं। चर्चा है कि इस बैठक के दौरान उन्होंने जालंधर सीट के लिए पूर्व प्रधानमंत्री से खास समर्थन हासिल करने में सफलता हासिल की है। वहीं, दूसरी तरफ बेहद कम समय में एक सशक्त दलित नेता के तौर पर उभरे विधायक सुशील रिंकू ने भी मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र के दरबार व राहुल गांधी के खेमे में खासी पैठ बनाते हुए अपनी दावेदारी को मजबूती से पेश किया है। पिछले कुछ दिनों में वह 2-3 बार मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र से इस संदर्भ में मिल चुके हैं। अगर पार्टी ने युवा चेहरों पर दाव खेला तो विधायक रिंकू की लॉटरी भी निकल सकती है।  कांग्रेस नेताओं की कतार में एक कांग्रेस नेता ऐसे भी हैं जिन्हें 2017 के विधानसभा चुनावों से पूर्व कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कांग्रेस ज्वाइन करवाई थी और उन्हें विधानसभा चुनावों में टिकट देने का वायदा किया था। विधानसभा चुनावों में सरवण सिंह टिकट तो हासिल नहीं कर सके परंतु कांग्रेस गलियारों में खासे कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर पार्टी जालंधर से सांसद चौधरी के स्थान पर किसी नए चेहरे को आगे लाती है तो सरवण सिंह का नाम भी सामने आ सकता है।


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