तीन चेयरमैनों ने दिखाई साइट, मौके पर असिस्टैंट कमिश्नर विज्ञापन साइज नपवाने को नहीं माने
punjabkesari.in Thursday, Feb 25, 2021 - 04:05 PM (IST)

जालंधर(सोमनाथ): संविधान चौक (पहले बी.एम.सी. चौक) में दादा मोटर्स कंपनी के पास एक टीवी धारावाहिक के लगे एक विज्ञापन बोर्ड की पैमाइश को लेकर आज करीब तीन घंटे ड्राम चलता रहा। इस बीच कुछ लोगों ने जोकि कंपनी के कर्मचारी बताए जाते हैं ने मौके का फायदा उठाकर विज्ञापन बोर्ड की कोशिश उतारने की भी कोशिश की लेकिन मौके पर पहुंची एडवरटाइजमैंट एडहॉक कमेटी के चेयरपर्सन नीरजा जैन को देखकर उक्त लोग भाग गए। हालांकि इस बीच विज्ञापन बोर्ड उतारने वाले लोगों से थोड़ी बहस भी हुई। आखिर तीन घंटे तक चले इस ड्रामे के चार एडहॉक कमेटियों के चेयरमैन पैमाइश करवाने में सफल हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज दोपहर करीब 1.30 बजे एडवरटाइजमैंट एडहॉक कमेटी की चेयरपर्सन नीरजा जैन, ओ. एंड एम. एडहॉक कमेटी के चेयरमैन पवन कुमार, स्ट्रे एनिमल कंट्रोल एडहॉक कमेटी के चेयरमैन गुरविन्द्रपाल सिंह बंटी नीलकंठ और पार्षद पति मोहिन्द्र सिंह गुल्लू, वार्ड नं. 16 से पार्षद मनमोहन सिंह राजू संविधान चौक पहुंचे और एक विज्ञापन बोर्ड की पैमाइश करवाई। पैमाइश करवाने पर पाया गया कि यह बोर्ड शर्तों के मुताबिक पैमाइश में बढ़ा है। 1.45 बजे तीन कमेटियों के चेयरमैनों ने नगर निगम के असिस्टैंट कमिश्नर जिनके पास दूसरे विभाग सहित एडवरटाइजमैंट ब्रांच का भी प्रभार है को फोन कर मौके पर बुलाया। करीब 2 बजे मौके पर पहुंचे असिस्टैंट कमिश्नर एस.एस. सिद्धू को तीनों चेयरमैनों ने विज्ञापन बोर्ड के अधिक साईज के बारे में बताया और कहा कि यह सीधे तौर विज्ञापन कंपनी द्वारा टैक्स चोरी है। इसलिए इसकी पैमाइश करवाई जाए और कंपनी के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाए। चेयरमैनों ने मौके पर मांग की कि उन्हें अशंका है कि विज्ञापन कंपनी अब इस बोर्ड को उतार सकती है इसलिए अभी इसकी पैमाईश करवाकर रिपोर्ट फाईल की जाए। इस पर असिस्टैंट कमिश्नर यह कहते हुए कि वह लिखित आदेश देकर इसकी पैमाइश करवाएंगे। वहीं जब चेयरमैनों ने कहा कि उन्हें अशंका है कि रात को बोर्ड उतारा जा सकता है लेकिन अधिकारी अपनी बात कहकर मौके से आ गए और चेयरमैन हक्के-बक्के रह गए। इसके बाद करीब 4 बजे चेयरमैन पवन कुमार और चेयरमैन बंटी नीलकंठ असिस्टैंट कमिश्नर के पास आए और पैमाइश के लिखित आर्डर करवा लिए। पैमाइश के लिए आदेश बी. एंड आर. के सुपरिंटैंडैंट इंजीनियर को मार्क कर दिए गए। जानकारी मिलने पर बी. एंड आर. एडहॉक कमेटी के चेयरमैन जगदीश दकोहा भी मौके पर पहुंच गए। इस बीच अचानक चेयरपर्सन नीरजा जैन संविधान चौक की तरफ से गुजरी तो उन्होंने देखा कि कुछ लोग विज्ञापन को उतारने की कोशिश कर रहे हैं। सड़क के दूसरी तरफ से चेयरपर्सन को आते देख विज्ञापन बोर्ड उतारने की कोशिश करने वाले लोग भाग खड़े हुए। इस बीच चेयरपर्सन ने ग्रीन बैलट की ग्रिल फांदकर भाग रहे लोगों की वीडियो बना ली। इस बीच उक्त लोगों के साथ थोड़ी बहस भी हो गइ। करीब साढ़े चार बजे बी.एंड आर. शाखा के जूनियर इंजीनियर नवजोत ने विज्ञापन बोर्ड की पैमाईश की। कमेटी के अनुसार अलॉट किया गया साइज 10 फीट गुना 20 फीट है जबकि जे.ई. द्वारा पैमाइश के बाद जो साइज पाया गया वह 10 फीट गुना 20 फीट फ्रेम साइज और 12 फीट गुना 21.8 फीट बोर्ड साइज है।
कब से हो रही टैक्स चोरी
संविधान चौक में अलॉट साइज से अधिक लगे विज्ञापन बोर्ड तो एक मामला है जिसकी आज निगम की एडहॉक कमेटियों ने पैमाइश करवाकर अधिकारियों की आंखें खोली हैं, जो लंबे समय से आंखें मूंदे बैठे हैं। मगर सवाल यह है कि शहर मे और कितनी ऐसे विज्ञापन बोर्ड लगे हैं जिनकी पैमाइश की जानी चाहिए ताकि टैक्स चोरी के साथ-साथ निगम के फाइनांस डिपार्टमैंट को चूना लगा रहे हैं के खिलाफ कार्रवाई हो सके। इसके साथ ही यह भी पता लगना चाहिए कि कौन-सा बोर्ड कब से लगा है और उस पर कितना टैक्स बनता है।
हमने अपना काम कर दिया, अब अधिकारी बताएं कौन गलत
चेयरपर्सन नीरजा जैन, चेयरमैन पवन कुमार, चेयरमैन गुरविन्द्रपाल सिंह बंटी नीलकंठ, चेयरमैन जगदीश दकोहा, पार्षद मनमोहन सिंह राजू, पार्षद पति मोहिन्द्र सिंह गुल्लू ने कहा कि जब से हाऊस ने एडवरटाईज में टैंडर की शर्तों और विज्ञापन कंपनी के साथ हुए एग्रीमैंट में हेर-फेर का मुद्दा उठाय है, तब से अधिकारी उन्हें गलत साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। यही नहीं अधिकारी और कर्मचारी यूनियन उनकी मीटिंगों का बहिष्कार कर रही हैं और आगे भी मीटिंगों में नहीं जाने की बात कह रहे हैं। आज विज्ञापन के साइज में हुई गड़बड़ी सामने लाकर अपना काम कर दिया है। अब अधिकारियों बताएं कि कौन गलत है।
अधिकारियों को अपनी कार्यशैली सुधारनी ही होगी: मेयर
मेयर जगदीश राज राजा के साथ जब आज घटनाक्रम को लेकर बात की गई तो उन्होंने कहा कि पार्षद हाऊस ने विज्ञापन कंपनी का टैंडर रद्द कर दिया है, वहीं निगम अधिकारियों को अपनी कार्यशैली सुधारनी ही होगी। उन्होंने कहा कि पार्षद जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं और उन्हें जनता के बीच जाकर जवाब देना होता है। उन्होंने कहा कि चेयरमैनों पर आरोप लगते हैं कि वे कुछ करते नहीं है। अब जब वे कुछ कर रहे हैं तो अधिकारी उनका बहिष्कार क्यों करते हैं। अगर अधिकारी सही हैं तो उन्हें पार्षद हाऊस की मीटिंग का बहिष्कार न करते हुए अपनी बात साबित करनी चाहिए थे।