सिविल अस्पताल में ऑटों, ई-रिक्शा चालकों के कारण हो रहा ट्रैफिक जाम, प्रशासन बेखबर
punjabkesari.in Thursday, Sep 21, 2023 - 10:28 AM (IST)

जालंधर : बेशक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी काफी कदम उठाते हैं कि सड़क पर ट्रैफिक जाम न हो सके, इसी क्रम में अधिकारियों ने अहम फैसला लिया था। जिसके तहत आदेश जारी हुए थे कि श्री राम चौक (कम्पनी बाग), प्लाजा चौक, नकोदर चौक रोड, बस्ती अड्डा चौक आदि चौकों से दिन के समय ऑटों, ई रिक्शा की एंट्री बंद कर दी गई थी। क्योंकि सैकड़ों से हिसाब से आने वाले ऑटों, ई रिक्शा चालकों के कारण ट्रैफिक जाम हो रहा था।
इस फैसले के बाद काफी हद तक सफलता पुलिस के हाथ लगी और ट्रैफिक जाम होने से रुका। काफी समय तक तो यह ठीक चलता रहा। लेकिन अब दोबारा हालात बेकाबू होने लगे हैं और काफी संख्या में ऑटों, ई रिक्शा चालक दोबारा से अपने ऑटों, ई रिक्शा लेकर नो एंट्री जोन में प्रवेश कर रहे हैं। बात की जाए तो दोपहर की तो सिविल अस्पताल के बाहर काफी संख्या में ऑटों,ई रिक्शा चालक सवारियां उठाने के लेकर काफी देर तक खड़े रहे हैं, जब तक उनका ऑटों, ई रिक्शा सवारियों से न भर जाए। जिस कारण अस्पताल के मेन गेट के बाहर ट्रैफिक जाम हो जाता है।
इतना ही नहीं गंभीर मरीजों को अस्पताल लेकर आने वाली एम्बुलैंस को भी ट्रैफिक जाम में फंसना पड़ता है। कई बार को सवारियां उठाने को लेकर भी ऑटों, ई रिक्शा चालक गलत तरीके से ऑटों,ई रिक्शा खड़ा करते हैं और आपस में विवाद व गाली-गलौच करते हैं।
यदि कल को कोई गंभीर मरीज की ट्रैफिक जाम के कारण समय पर अस्पताल न पहुंचने के कारण मौत हो गई तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। आस-पास के दुकानों की भी यह मांग है कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को सुबह 9 से लेकर करीब 3 बजे तक ट्रैफिक पुलिस जवान को तैनात किया जाना चाहिए, ताकि ट्रैफिक जाम न हो सके।
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर करूंगी समस्या का हल : एम.एस. डा. गीता
वहीं सिविल अस्पताल की एम.एस (मैडीकल सुपरिंटैंडैंट) डा. गीता ने कहा कि अस्पताल आने वाले मरीजों तथा लोगों को ट्रैफिक जाम में न फंसना पड़े इसके लिए वह वीरवार को ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को एक पत्र लिखकर ट्रैफिक पुलिस जवान को अस्पताल के बाहर खड़े करने हेतु कहेगी। डा. गीता ने कहा कि उनके नोटिस में भी यह बात आई है कि ऑटों,ई रिक्शा चालकों के कारण ट्रैफिक जाम रहता है।
अस्पताल के बाहर तैनात होगा ट्रैफिक पुलिस जवान
दूसरी और ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक कवंर प्रीत सिंह चाहल का कहना है कि जब से उन्होंने ट्रैफिक विभाग में बतौर ए.डी.सी.पी का चार्ज संभाला है। उसके बाद से ही उनका शुरू से प्रयास रहा है कि महानगर में ट्रैफिक की समस्या का हल हो सके। इसके लिए पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चाहल के साथ वह महानगरों की सड़कों का दौरा भी समय-समय पर करते रहते हैं। रही बात अस्पताल के बाहर खड़े होने वाले ऑटों, ई रिक्शा चालकों की तो उन्हें रोका जाएगा और उनके चालान काटे जाएगें।
क्या चलेगी इस बार भी सिफारिश ?
गौर हो कि सिविल अस्पताल के बाहर कुछ समय पहले पुलिस अधिकारियों ने ट्रैफिक पुलिस जवान की ड्यूटी लगाई थी, ताकि वह ट्रैफिक जाम न होने दे। काफी दिनों तक तो उक्त पुलिस जवान ने अपनी बढ़िया ड्यूटी निभाई। लेकिन बाद में ड्यूटी सख्त होने के कारण वह तत्कालीन मुंशी के साथ सैट्रिंग कर बैठा और अपनी ड्यूटी जहां से बदला ली। इसके बाद उसके स्थान पर दूसरा फिर तीसरा और बाद में कोई पुलिस जवान नहीं आया। अब देखना है कि ए.डी.सी.पी. कंवरप्रीत सिंह द्वारा लगाए जाने वाले पुलिस जवान भी अपनी सिफारिश करवाकर जहां से ड्यूटी बदलवा पाता है या नहीं।
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