मामला बुड्ढे नाले में हो रही सैंपलिंग का, इलेक्ट्रोप्लेटिंग इंडस्ट्री पर खड़े हुए सवाल
punjabkesari.in Friday, Aug 09, 2024 - 12:54 PM (IST)
लुधियाना (हितेश) : बुड्ढे नाले में प्रदूषण की समस्या के गुनहगारों को पकड़ने के लिए हो रही सैंपलिंग के दौरान डाइंग यूनिट बंद रहने के बावजूद जमालपुर एस टी पी पर काले रंग का पानी पहुंचने से इलेक्ट्रोप्लेटिंग इंडस्ट्री पर सवाल खड़े हो गए हैं। यहां बताना उचित होगा कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों की अपग्रेडेशन के प्रोजेक्ट पर कई सौ करोड़ खर्च करने के बावजूद बुड्ढे नाले में प्रदूषण का लेवल कम न होने की वजह से मालवा से लेकर राजस्थान तक फैल रही जानलेवा बीमारियों को लेकर एन जी ओ के सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया है।
डाइंग यूनिटों के मालिकों का कहना है कि उनके द्वारा लगाए गए 3 सी.ई.टी.पी. व ई.टी.पी. के जरिए पानी को निर्धारित मापदंडों के मुताबिक साफ करके छोड़ने के बावजूद हर बार उनकी तरफ ही उंगली उठाई जाती है मद्देनजर डी.सी. द्वारा नगर निगम व पी.पी.सी.बी. को बुडढे नाले के विभिन्न प्वाइंटों से लगातार 4 दिन तक सैंपलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस दौरान डाइंग इंडस्ट्री द्वारा अपने यूनिट बंद रखने का फैसला किया गया है जिसके बावजूद जमालपुर एस.टी.पी. पर काले रंग का पानी पहुंचने की रिपोर्ट सीवरेज बोर्ड द्वारा नगर निगम को भेजी गई है, जिससे इलेक्ट्रोप्लेटिंग इंडस्ट्री पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में डाइंग एसो. के अशोक मक्कड़ व कमल चौहान का कहना है कि महानगर में इलेक्ट्रोप्लेटिंग इंडस्ट्री के करीब 3300 यूनिट चल रहे हैं, जिनकी कंसैंट पी.पी.सी.बी. को चेक करनी चाहिए कि उसके मुकाबले सी ई टी पी की कैपेसिटी कितनी है जिससे साफ हो जाएगा कि कौन सी इंडस्ट्री की वजह से बुड्ढे नाले में हैवी मेटल की मौजूदगी पाई जा रही है।
गौशाला श्मशान घाट के नजदीक साफ किए बिना गिर रहे पानी की जिम्मेदार कौन लेगा
जिला प्रशासन द्वारा नगर निगम व पी पी सी बी के साथ मिलकर सैंपलिंग के रूप में बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या के गुनहगारों को बेनकाब करने की कवायद तो शुरू कर दी गई है, लेकिन बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि गौशाला श्मशान घाट के नजदीक साफ किए बिना गिर रहे पानी की जिम्मेदार कौन लेगा। इस प्वाइंट पर पानी को सीधे बुड्ढे नाले में गिरने से रोकने के लिए पंपिंग स्टेशन लगाने का काम शुरू किया गया था, जो कि जमीन की मलकियत के विवाद की वजह से काफी देर से अधर में लटका हुआ है और साफ किए बिना पानी गिरने के चलते बुड्ढे नाले के प्रदूषण में इजाफा हो रहा है।
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