ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग में 121 करोड़ का घोटाला, मंत्री भुल्लर ने किया बेनकाब

punjabkesari.in Saturday, Oct 14, 2023 - 11:35 AM (IST)

चंडीगढ़/लुधियाना: पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने शुक्रवार को विभाग में करीब 121 करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला बेनकाब किया। उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए जहां ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के 10 अधिकारियों व 6 सरपंचों को तुरंत चार्जशीट करने के आदेश दिए हैं, वहीं घोटाले की आगे की जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंपने के लिए कहा है।

भुल्लर ने बताया कि ब्लॉक लुधियाना- 2 के अधीन गांव सलेमपुर, सेखेवाल, सेलकियाणा, बौंकड़ गुज्जरां, कड़ियाना खुर्द और धनानसू की सैंकड़ों एकड़ जमीन एक्वायर होने पर इन ग्राम पंचायतों को 252.94 करोड़ रुपए की अवार्ड राशि प्राप्त हुई थी परंतु विभाग के कुछ भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों द्वारा सरपंचों के साथ मिलकर इस राशि में से 120.87 करोड़ रुपए निकलवा लिए गए। मंत्री ने बताया कि जब यह मामला उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने इस मामले की जांच करवाने के आदेश दिए और ज्वाइंट डायरैक्टर स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम बनाई गई। 

बिना सरकार की मंजूरी के तोड़ दी एफ.डी. 

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि जांच में सामने आया कि विभाग के ब्लॉक विकास एवं पंचायत अफसरों, पंचायत सचिवों और सरपंचों ने आपसी मिलीभगत के साथ अपने स्तर पर ही एफ.डी. तोड़कर 120.87 करोड़ रुपए की रकम निकलवाई और बिना प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी से यह राशि अपनी मनमर्जी से खर्च कर दी गई जबकि विभाग द्वारा जारी पॉलिसी और हिदायतों अनुसार जब किसी ग्राम पंचायत को उसकी जमीन एक्वायर होने पर अवार्ड राशि प्राप्त होती है तो ऐसी रकम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में एफ.डी. के रूप में जमा करवाई जानी होती है। 

बिना सरकार की मंजूरी से ऐसी एफ.डी. को तोड़ने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। केवल इस एफ.डी. से प्राप्त ब्याज को ही तकनीकी अधिकारियों की सलाह से प्रशासनिक और तकनीकी मंजूरी लेने के उपरांत गांव के विकास कामों पर खर्च किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विभागीय हिदायतों में स्पष्ट है कि अगर कोई अधिकारी/कर्मचारी या सरपंच बिना सरकार की मंजूरी से ऐसी रकम अपनी मनमर्जी से खर्च करता है तो ऐसी रकम को अयोग्य खर्च घोषित किया जाएगा और इसकी वसूली खर्च करने वाले संबंधित अधिकारी/कर्मचारी/सरपंच से की जाएगी।

6 पंचायतों को अलॉट हुई थी राशि 

भुल्लर ने बताया कि गांव धनानसू की 299 एकड़ जमीन एक्वायर की गई थी और पंचायत को 104.54 करोड़ रुपए अवार्ड राशि के रूप में मिले थे जिसमें से 61.23 करोड़ रुपए बिना मंजूरी के खर्च किए गए। गांव सेखेवाल की एक्वायर की गई 81 एकड़ जमीन के बदले मिली 64.82 करोड़ रुपए राशि में से 29.50 करोड़ रुपए खर्च किए गए। गांव सलेमपुर की 86 एकड़ जमीन के लिए 5.63 करोड़ रुपए प्राप्त हुए जिसमें से 1.53 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

इसी तरह गांव कड़ियाना खुर्द की एक्वायर की गई 416 एकड़ जमीन के लिए 42.56 करोड़ रुपए अवार्ड राशि दी गई जिसमें से ग्राम पंचायत ने 3.36 करोड़ रुपए बिना मंजूरी से खर्च किए जबकि गांव बौंकड़ गुज्जरां की पंचायत द्वारा गांव की 27 एकड़ जमीन के बदले मिली 31.63 करोड़ अवार्ड राशि में से 25.25 करोड़ रुपए निकलवाए गए। उन्होंने बताया कि गांव सेलकियाणा को मिली 3.76 करोड़ अवार्ड राशि में से बिना मंजूरी खर्च की राशि संबंधी रिकॉर्ड आना अभी बाकी है।

मंत्री ने खास तौर पर बताया कि गांव धनानसू की पंचायत में करीब 58 मकान बिना किसी विभागीय पॉलिसी और बिना किसी विभागीय मंजूरी के मनमर्जी से बना दिए गए और इस संबंधी कोई भी रिकॉर्ड पेश नहीं किया गया। 

इन पर की गई कार्रवाई

भुल्लर ने इस घोटाले के प्राथमिक जांच के दौरान नामजद किए गए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के आदेश देते हुए ब्लॉक विकास एवं पंचायत अफसर रुपिंद्रजीत कौर, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह मांगट और सिमरत कौर, पंचायत सचिव गुरमेल सिंह (अब सेवामुक्त), हरपाल सिंह रंधावा, बग्गा सिंह, जशनदीप चंदेल, हरपाल सिंह सहजोमाजरा और हरजीत सिंह मल्होत्रा और सरपंच धनानसू सुदागर सिंह, सरपंच सलेमपुर नेहा, सरपंच सेखेवाल अमरीक कौर, सरपंच बौंकड़ गुज्जरां मुखत्यार सिंह, अधिकारित पंच बौंकड़ गुज्जरां गुरचरन सिंह, सरपंच सेलकियाणा हरप्रीत कौर और सरपंच कडिय़ाना खुर्द रजिंद्र कौर को तुरंत चार्जशीट करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को आगे की जांच विजीलैंस ब्यूरो को सौंपने के आदेश देते हुए बताया कि अब तक की जांच में नामजद अधिकारियों और सरपंचों से बिना मंजूरी खर्च की गई राशि वसूलने की कार्रवाई आरंभ कर दी गई है।


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News Editor

Urmila

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