पंजाब में बारिश बनी आफत, 20 गांवों का सम्पर्क देश से टूटा

punjabkesari.in Friday, Jul 19, 2019 - 03:40 PM (IST)

गुरदासपु(विनोद): पंजाब में अलग-अलग क्षेत्रों में हो रही झमाझम बारिश के चलते लोगों को जहां भीषण गर्मी से राहत मिली है वहीं मानसून की बारिश लोगों के लिए आफत भी बन कर बरस रही है। जिला गुरदासपुर व पठानकोट इलाके में दरियाओं पर बने पैंटून पुल खोल दिए जाने से रावी दरिया के पार जहां लगभग 20 गांवों का देश से सड़क संपर्क समाप्त हो गया है, वहीं पर चक्की दरिया पर आबादगढ़ के पास बने पैंटून पुल को खोल दिए जाने से लगभग 4 दर्जन गांवों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। प्रशासन के पास बरसात के दिनों में इन पुलों को खोलने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है।


भरियाल इलाके के करीब 12 गांवों का सड़क सम्पर्क देश से टूटा
एकत्रित जानकारी के अनुसार जिला गुरदासपुर व पठानकोट में बरसात का मौसम 1 जुलाई से शुरू हुआ माना जाता है। बरसात का मौसम शुरू होने से रावी दरिया पर मकौड़ा पत्तन के पास बना पैंटून पुल, घनिए-के-बेट के पास बना पुल खोल दिया जाता है। हर साल यह पल्टून पुल नवम्बर माह में तैयार किए जाते हैं और 1 जुलाई से पहले खोल दिए जाते हैं। मकौड़ा पत्तन के पास बने पल्टून पुल को खोल दिए जाने पर दरिया पार के भरियाल इलाके के लगभग 12 गांवों का सड़क सम्पर्क पूरे देश से टूट गया है। अब भरियाल इलाके के लोगों को अपने कामकाज के लिए गुरदासपुर या पठानकोट आने-जाने के लिए केवल किश्ती का ही सहारा है। इसी तरह डेरा बाबा नानक के आगे घनिए-के-बेट इलाके में जाने के लिए भी रावी दरिया पर पैंटून पुल बना हुआ था जो खोल दिया गया है।


BSF के जवानों भी कर रहे परेशानी का सामना
अब घनिए-के-बेट इलाके में जाने के लिए लोगों के पास केवल किश्ती ही एकमात्र सहारा है, जबकि घनिए-के-बेट इलाके में 8 से अधिक गांव हैं तथा हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि है। घनिए-के-बेट व भरियाल इलाके में सीमा सुरक्षा बल के जवानों को भी अब किश्ती सहारे ही अपना काम चलाना पड़ेगा। इसी तरह से चक्की दरिया पर आबादगढ़ के पास बने पैंटून पुल के खोल दिए जाने के कारण बेशक इन गांवों का देश सम्पर्क नहीं टूटता, परंतु इन लगभग 4 दर्जन गांवों के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को दरिया पार करने के लिए पानी में से निकलना पड़ता है या वाया पठानकोट जाना पड़ता है। इस तरह से लोगों को लगभग 50 कि.मी. का रास्ता अधिक तय करना पड़ता है। इसी प्रकार जलालिया पुल पर मस्तकोट के पास बना पैंटून पुल खोल दिए जाने के कारण इस इलाके के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब इस पुल का प्रयोग करने वाले लगभग 2 दर्जन गांवों के लोग वाया बमियाल होकर जाते हैं, जिस कारण उन्हें कई किलोमीटर लम्बा रास्ता तय करना पड़ता है। जिला गुरदासपुर से जम्मू-कश्मीर में जाने के लिए भी यह पुल बहुत महत्व रखता था।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vatika

Recommended News

Related News