केंद्र की पंजाब सरकार को लताड़, धान की फसल अदायगी के 24,100 करोड़ का विवरण गायब

punjabkesari.in Wednesday, Nov 04, 2020 - 09:48 AM (IST)

जालंधर (एन. मोहन): केंद्र सरकार ने एक बार फिर से पंजाब सरकार को घुड़की दी है। इस बार मामला 24,100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का विवरण स्पष्ट न करने का है। केंद्र सरकार ने ये राशि धान की खरीद के लिए पंजाब सरकार को दी थी और इसे फसल खरीद के 48 घंटों में किसानों को अदा करके केंद्र सरकार के पी.एफ .एम.एस. पोर्टल पर व राज्य के अनाज खरीद पोर्टल पर दर्ज किया जाना था। केंद्र सरकार द्वारा जारी 25,000 करोड़ रुपए की राशि का पोर्टल पर विवरण देना है जिसमें से किसानों को 900 करोड़ रुपए की अदायगी का विवरण तो दर्ज है, शेष 24100 करोड़ का विवरण चढ़ाया ही नहीं गया। इससे एक बार फिर से आढ़तियों के कमीशन, मजदूरी, सिलाई इत्यादि की राशि रुकने की आशंकाएं बन रही हैं।

कमीशन इत्यादि की ये राशि 800 करोड़ से अधिक की बनती है। आज चंडीगढ़ में खाद्य एवं आपूॢत विभाग की बैठक मंत्री भारत भूषण आशु की अध्यक्षता में हुई जिसमें तत्काल अधिकारियों और आढ़तियों को फसल के बदले अदा की राशि पोर्टल पर पंजीकृत करने की सख्त हिदायतें दी हैं और लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है। 

131 करोड़ की राशि अभी तक पेंडिंग
अतीत में ऐसी ही गलती के कारण आढ़तियों की कमीशन के रूप में 131 करोड़ रुपए की राशि एक वर्ष से भी अधिक समय से सरकार की तरफ  खड़ी है। एक वर्ष पूर्व केंद्र सरकार के निर्देशों पर पंजाब के करीब 20,000 आढ़तियों ने किसानों से उनके खातों का विवरण लेकर पी.एफ.एम.एस. पोर्टल पर डाल दिया था। किसानों को उनकी फसलों का पूरा दाम देने की गारंटी के मकसद से केंद्र सरकार ने ये आवश्यक कर दिया था कि फसल खरीद में माध्यम बनते आढ़ती किसानों के बैंक खातों, फसल वाली भूमि इत्यादि का विवरण दें। 

अकाली दल से संबंधित एक आढ़ती यूनियन के नेता के कहने पर इसका विरोध किया गया था। करीब 17 प्रतिशत आढ़तियों ने सरकार के इस फैसले के विरुद्ध पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी, परिणामस्वरूप इन 17 प्रतिशत आढ़तियों का 131 करोड़ रुपए का कमीशन रोक लिया गया और शेष 83 प्रतिशत आढ़तियों को 679 करोड़ रुपए बांट दिए गए। करीब 12 माह से आढ़तियों को उनका कमीशन मिलना तो दूर, उस राशि का अब तक करीब करोड़ों रुपए का ब्याज भी खत्म हो गया।  

25,000 करोड़ में से महज 900 करोड़ का विवरण पोर्टल पर डाला
पंजाब में 26 सितम्बर से धान की खरीद जारी है और आज 37 दिन हो चुके हैं, परन्तु 25000 करोड़ में से महज 900 करोड़ का विवरण पोर्टल पर डाला गया है। आज तक पंजाब में सरकारी एजैंसियों द्वारा 155 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। आज बैठक में इस बात पर ङ्क्षचता जताई गई कि अगर समय रहते पी.एफ .एम.एस. पोर्टल पर अदा की गई राशि का विवरण नहीं डाला गया तो केंद्र सरकार फिर से कोई कार्रवाई कर सकती है जिसमें आढ़तियों की फसल कमीशन और अन्य खर्चों की राशि में रुकावट हो सकती है। बैठक में विभाग के सचिव के.ए.पी. सिन्हा, निदेशक अनंदिता मित्रा, फैडरेशन ऑफ  आढ़ती एसोसिएशन ऑफ  पंजाब के अध्यक्ष विजय कालड़ा शामिल थे।

इस सन्दर्भ में उपभोक्ता, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री भारत भूषण आशु से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि राज्य के पोर्टल पर इसका विवरण नहीं चढ़ाया गया जबकि केंद्र और राज्य दोनों पोर्टल पर विवरण एक जैसा होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ गलतियां अधिकारियों की हैं और कुछ आढ़तियों की भी। मंत्री ने अगले 24 घंटों में पोर्टल को अपडेट करने के निर्देश सभी अधिकारियों को जारी कर दिए हैं।  

खरीद एजैंसियों के अधिकारी परवाह नहीं करते : कालड़ा
फैडरेशन ऑफ  आढ़ती एसोसिएशन ऑफ पंजाब के अध्यक्ष विजय कालड़ा का कहना था कि जब भी सरकारी खरीद एजैंसियों के अधिकारियों से पोर्टल का पासवर्ड व आई.डी. मांगा जाता है तो वे टालमटोल करते है। कालड़ा ने कहा कि आढ़तियों को कहा गया है कि वे स्वयं अधिकारियों से पासवर्ड, आई.डी. लेकर इस विवरण को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के पोर्टल पर रजिस्टर्ड कर दें और अगर कोई आढ़ती ऐसा नहीं करता तो वह अपने कमीशन व अन्य खर्चों की अदायगी न होने के लिए खुद जिम्मेदार होगा। जो आढ़ती तत्काल जानकारी को पोर्टल पर डाल देते हैं उन्हें कमीशन इत्यादि भी मिलना शीघ्र शुरू हो जाएगा। 


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Tania pathak

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