WORLD WETLAND DAY: पंजाब के वैटलैंड की देखें खूबसूरत तस्वीरें

punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2020 - 08:28 AM (IST)

जालंधर: आज वर्ल्ड वैटलैंड डे पर हम आपको पंजाब के कुछ वैटलैंड के बारे में बताने जा रहे हैं। पंजाब में 6 अंतर्राष्ट्रीय वैटलैंड हैं जिनमें रोपड़ हैडवर्क्स, हरिके पत्तन, कांजली कपूरथला में, नंगल वैटलैंड, केशोपुर, ब्यास नदी का एरिया शामिल है। इनमें से कुछ वैटलैंड में आने वाले पक्षियों की प्रजातियां इस प्रकार हैं।

PunjabKesari, 6 Wetland of Punjab got title of International Wetland

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नंगल वैटलैंड
उल्लेखनीय है कि नंगल वैटलैंड और वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी का कुल एरिया 600 एकड़ से अधिक है जिसमें कई गांवों की जमीन आती है। इस एरिया में रशिया, साईबेरिया, चाइना, इंडो-तिब्बत बॉर्डर से 25 के करीब प्रजातियों के पक्षी आते हैं जिनमें ग्रेट क्रस्टेड, मोरेंट पिंटेल, डक गेड वाल, कॉमन टील रैड क्रस्टेड, पोचार्ड कॉमन आदि सहित कई अन्य शामिल हैं। विभाग के अधिकारियों की मानें तो इनके अलावा स्थानीय जंगलों की 150 से अधिक स्थानीय प्रजातियां जंगली बिल्ली, ऊदबिलाव, सांभर, कक्कड़, नील गाय, कोबरा आदि भी पाए जाते हैं।

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रूपनगर वेटलैंड 
रूपनगर वेटलैंड क्षेत्र का रकबा 1365 हैक्टेयर के लगभग है। यहां पर ब्रह्मणी ईल, पोचार्ड, बिरछी टील, सावा मग, सुरखाव, गैडवाल सहित अन्य विदेशी पक्षियों को आमतौर पर देखा जाता है। इसके अलावा साथ लगते सतलुज दरिया में तरह-तरह की मछलियां पाई जाती हैं जिसके चलते यह क्षेत्र सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहता है। वर्णनीय है कि वैटलैंड क्षेत्र में एक ओर शिवालिक की पहाड़ियों का कुदरती नजारा पेश होता है, वहीं सतलुज दरिया के अलावा इसमें से सरहिंद नहर निकलती है। 

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हरीके बर्ड सैंक्चुरी
हरीके बर्ड सैंक्चुरी में ब्यास और सतलुज दरिया का संगम होता है और यह अमृतसर-बठिंडा नैशनल हाईवे पर तरनतारन और फिरोजपुर की हद पर 86 वर्ग किलोमीटर के घेराव में फैली हुई है। वैटलैंड में मेहमान बनकर आए रंग-बिरंगे अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों की गिनती के सर्वे में पता चला है कि करीब दो हजार किलोमीटर का सफर तय करके आने वाले 450 किस्म के पक्षियों में पानी पर निर्भर रहने वाले 94 किस्म के 92,025 पक्षी इस साल यहां पहुंचे। 

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सर्दियों दौरान ज्यादातर साइबेरिया, आर्कटिक के अलावा और कई ठंडे देशों से ये पक्षी अंतर्राष्ट्रीय बर्ड सैंक्चुरी (वैटलैंड) हरीके पत्तन पहुंच जाते हैं। इनकी साल 2016 में गिनती 1 लाख 5 हजार, 2017 में 93 हजार, 2018 में 94,771, 2019 में 1,23,128 और 2020 के दौरान 92,025 गिनती रही है। इनकी आवभगत, देखभाल और सुरक्षा के लिए जंगलात विभाग और वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड की टीमें दिन-रात मेहनत कर रही हैं।

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हरीके पत्तन बर्ड सैंक्चुरी में सर्वे दौरान इरशियन कूट 48,185, ग्रे लैग गीज 17,913 व बार हैड्स गीज की गिनती 6339 रही। इसके अलावा लिटल कोरमोरैंट, इरशियन विज्यून, ब्रह्मनी, शौवलर, पिंनटेल, कौमन टील, कोचर, बैडवैल, कामन कौट, रूडी शैलडक, कौमन शैलडक,कौमन पोच्ड, सैंड पाइपर, साइबेरियन गल्ज, स्पून बिल्ज, पेंटेड स्टौरक, कौमन टौचर्ड और कुछ अन्य प्रजातियों के पक्षियों को देखा जा सकता है।

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पक्षी प्रेमियों ने सरकार से मांग की कि पंजाब में जितने भी राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय वैटलैंड हैं उनके रख-रखाव और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बाहर से आने वाले पक्षियों की आवक और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। 


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Edited By

Sunita sarangal

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