30 लाख खर्च विदेश गए 70 पंजाबी युवक लगा रहे गुहार, सोशल मीडिया पर शेयर की पोस्ट
punjabkesari.in Friday, Jun 21, 2024 - 04:29 PM (IST)
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चंडीगढ़: पंजाब के 70 युवा टूरिस्ट वीजा पर रूस गए थे और नौकरी की तलाश में थे, लेकिन उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब उन्हें जेल में डालने की धमकी देकर जबरन सेना में भर्ती कर लिया गया। इसके साथ ही अमृतसर के तेजपाल सिंह भी सेना में भर्ती होना चाहता था. उनके परिवार को क्या पता था कि उनका सपना रूस में पूरा होगा लेकिन वह कभी घर नहीं लौटेंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 200 भारतीय युवा रूस में अपने वतन लौटने का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इनमें से 70 से ज्यादा पंजाब के हैं। इनमें से करीब 19 युवाओं ने आगे आकर मदद की गुहार लगाई है। होशियारपुर के रहने वाले 7 लोगों की शिकायत केंद्र और राज्य सरकार तक पहुंच गई है। इन संबंधित लोगों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसके आधार पर जांच शुरू कर दी गई है।
भुलत्थ के ट्रैवल एजेंट ने पहले 5 युवकों को गोराया से पहले आर्मेनिया और फिर रूस भेजा। गोराया के दिव्यांग मनदीप को सिक्योरिटी की नौकरी के नाम पर गोराया के दिव्यांग मनदीप को रशियन आर्मी में भर्ती किया गया था, बाकी 4 युवकों के परिजनों ने एजेंट से बात कर उन्हें वापस बुला लिया। इसके साथ ही 6 महीने पहले टूरिस्ट वीजा पर रूस गए बलाचौर के नारायण को वहां की सेना में भर्ती हुए 5 महीने से ज्यादा हो गए हैं। नारायण को जब भी मौका मिलता है, वह कहीं से वॉयस मैसेज या कॉल करता है, लेकिन परिवार का उससे कोई सीधा संपर्क नहीं है।
हैदराबाद के इमरान ने बताया कि उनका भाई मोहम्मद अफसान 9 नवंबर 23 को 'बाबा ब्लॉग' (यूट्यूब चैनल) के जरिए रूस गया था। वह एजेंट रमेश, नाजिल, मोइन और खुशप्रीत के संपर्क में था। रमेश और नाज़िल चेन्नई के रहने वाले हैं, जबकि खुशप्रीत पंजाब के रहने वाले हैं। असफान को रूसी सेना ने यूक्रेन के साथ युद्ध में झोंक दिया था, जहां मार्च में उनकी मौत हो गई थी। आपको बता दें कि रूस ने 200 से ज्यादा भारतीयों को जबरन सेना में भर्ती किया था और यूक्रेन युद्ध में ले गया था। 70 युवक पंजाब के अलग-अलग जिलों से हैं, इनमें से ज्यादातर टूरिस्ट वीजा पर थे।
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