पंजाब के लोगों पर मंडरा रहा बड़ा खतरा! बाढ़ के बाद नई मुसीबतों का सामना कर रहे लोग
punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 04:13 PM (IST)

सुल्तानपुर लोधी (धीर): बाढ़ की चपेट में आए सुल्तानपुर लोधी विधानसभा क्षेत्र के मंड क्षेत्र में बिजली-पानी की आपूर्ति और सड़क यातायात प्रभावित हुआ था, जिसके कारण इस क्षेत्र के साथ लगते कई अन्य गांवों में बिजली गुल होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं, शुक्रवार को जलस्तर कम होने के बाद बिजली आपूर्ति फिर से शुरू होने पर लोगों ने राहत की सांस ली है। इस संबंध में जानकारी देते हुए तलवंडी चौधरी फीडर के जेई इंजीनियर गुरशरण सिंह ने बताया कि मंड क्षेत्र के अधिकतर गांवों में बिजली आपूर्ति शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण बिजली विभाग के कई ग्रिड पूरी तरह से बंद हो गए थे और कई ग्रिड में पानी भी भर गया था। उन्होंने बताया कि जिन इलाकों और कैंपों में आज बांध टूटा है, वहां बिजली आपूर्ति शुरू करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं और बिजली कर्मचारी बिजली आपूर्ति में लगे हुए हैं और जैसे ही जलस्तर और कम होगा, इन कैंपों में भी बिजली बहाल कर दी जाएगी।
नदी में जलस्तर कम होने के बावजूद गांवों में हालात अभी भी चिंताजनक
हालांकि मंड क्षेत्र में ब्यास नदी का जलस्तर काफी कम हो गया है, लेकिन कई गांव अभी भी 5 से 6 फीट पानी से घिरे हुए हैं, जहां हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं। किसान नेता परमजीत सिंह बाऊपुर ने बताया कि अभी तक केवल 10 प्रतिशत लोग ही अपने घरों तक पहुँच पाए हैं, क्योंकि पानी के कारण हालात अभी सामान्य नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि जलस्तर कम तो हुआ है, लेकिन परेशानियों का दौर शुरू हो गया है। किसान नेता बाऊपुर ने कहा कि हालांकि सरकार ने घोषणा की है कि जिसके खेत की रेत है, वह उसका है, लेकिन यह रेत नहीं है, इसमें गंदी मिट्टी है, जिसके कारण इस रेत को बेचा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि खेतों में लगभग पांच फीट रेत पड़ी है, जिसे जल्द हटाना संभव नहीं है। किसान बलविंदर सिंह प्रताप सिंह ने कहा कि खेतों को देखकर ऐसा लग रहा है जैसे ये हमारे अपने खेत हैं, जहाँ एक महीने पहले धान की फसल लहलहा रही थी और अब यह ज़मीन रेगिस्तान का रूप ले चुकी है।
सड़कों पर यातायात अभी पूरी तरह से बहाल नहीं
किसान नेता परमजीत सिंह बाऊपुर ने बताया कि पुल से पानी का स्तर कम होने के बाद भी गाँवों की ओर जाने वाले रास्ते पर यातायात पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाया है, क्योंकि गाँवों और आसपास के रास्ते में नदी में अभी भी पानी बह रहा है। उन्होंने बताया कि कई गाँवों में अभी भी नावें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति सुधरने में कम से कम 4 से 5 महीने लग सकते हैं। अगर सरकार या प्रशासन गंभीर हो तो।
समाजसेवी संगठनों से लेकर कलाकार लगातार कर रहे हैं मदद
समाजसेवी संगठन, कलाकार और अन्य धार्मिक संगठन बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए लगातार मदद कर रहे हैं। पंजाबी गायक दविंदर दयालपुरी, निज्जर, मनप्रीत औलख, अभिनेता सोनू सूद के अलावा बड़ी संख्या में धार्मिक संगठनों ने भी बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सरबत दा भला फाउंडेशन ने भारी मात्रा में हरा चारा भी भेजा है।
बाढ़ के कारण ठेके पर खेती करने वाले किसानों की फसलें नष्ट
मंड क्षेत्र के कई गाँवों में ठेके पर खेती करने वाले किसानों को अपनी फसलों के नुकसान के कारण मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो गया है, क्योंकि किसानों को आय का कोई स्रोत दिखाई नहीं दे रहा है और ज़मीन मालिकों ने भी उन्हें ये ठेके दे रखे हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए किसान नेता रशपाल सिंह संधू ने बताया कि आहली वाला तटबंध टूटने से जो तीन से चार हज़ार एकड़ फसलें बर्बाद हुई हैं, उनमें से कई किसानों ने ठेके पर फसल बोई थी। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ऐसे किसानों को भी मुआवजे की राशि बढ़ाकर मुआवजा दिया जाए।
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