विधानसभा में समर्थन करने के बाद कैप्टन के खेती बिलों पर AAP का यू-टर्न

punjabkesari.in Wednesday, Oct 21, 2020 - 01:52 PM (IST)

चंडीगढ़: केंद्र के खेती कानूनों के खिलाफ पंजाब सरकार की नीयत पर आम आदमी पार्टी ने सवाल उठाए हैं। पार्टी के राज्य प्रधान भगवंत मान ने कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह किसानों और लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं। मान ने कहा कि अभी तो लड़ाई की शुरुआत हुई है। अगर वास्तव में कैप्टन किसानों के रक्षक हैं तो एम.एस.पी. का बिल विधानसभा में क्यों नहीं लेकर आते?

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मान ने कहा कि पंजाब सरकार कह रही है कि एम.एस.पी. से कम अगर कोई फ़सल ख़रीदता है तो उसे 3 साल की सज़ा की निर्धारित की गई है लेकिन अगर केंद्र एम.एस.पी. पर कह दें कि हमें कम फ़सल चाहिए फिर किसान कहां जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार एम. एस. पी. का बिल लेकर आए और उसमें साफ़ करे कि यदि केंद्र फ़सल नहीं उठाता या फिर फ़सल बच जाती है तो उसे पंजाब सरकार उठाएगी। आगे बोलते हुए मान ने कहा कि मालवे में कपास और नरमा बेकार पड़ा है क्या पंजाब सरकार को उन्हें किसान नहीं समझती है। लिहाज़ा कैप्टन अमरेंद्र सिंह आंखों में धूल झोकने की बजाय किसानों के हक में सही फ़ैसला लें। इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक मीत हेयर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने मोदी सरकार के साथ मिलकर नाटक खेला है, इसलिए मुख्यमंत्री ने कल किसानों को धरने उठाने के लिए कहा है।
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विपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने पंजाब सरकार के बिलों को पंजाब, पंजाबियत के साथ धोखा बताते कहा कि माहिरों की राय के बाद पता लगा है कि इन कानूनों में बड़ी कमी हैं और इसके साथ किसानों को कोई फ़ायदा नहीं होगा। चीमा ने कहा कि कल सिर्फ़ 'आप' की तरफ से यही संदेश देने का यत्न किया गया था कि खेती कानूनों के खिलाफ सभी गुट एक हैं। उन कहा कि विधानसभा में कैप्टन अमरिन्दर सिंह और स्पीकर की तरफ से आम आदमी पार्टी की आवाज़ दबाई गई है। बार -बार समय मांगने के बावजूद विपक्ष के नेताओं को बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि हम एम.एस.पी. का मुद्दा कैप्टन सामने उठाना चाहते थे लेकिन हमें बोलने ही नहीं दिया गया जबकि विधानसभा के स्पीकर सदन में कांग्रेस के प्रवक्ता बन कर काम कर रहे हैं।'आप' विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार के मन में चोर है इसीलिए फ़सल पर एम.एस.पी. नहीं दी जा रही है। यदि सरकार के पास पैसों की कमी है तो सरकार रेत माफिया, शराब माफिया, केबल माफिया, बिजली माफिया को बंद कर दे तो 25 -30 हज़ार करोड़ तो वैसे ही आ जाएगा।


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