भाजपा के कार्यक्रमों में कैप्टन की गैरहाजिरी राज्य भर में बन रही चर्चा का विषय
punjabkesari.in Friday, Jun 16, 2023 - 11:21 AM (IST)

जालंधर/पटियाला (अनिल पाहवा): भाजपा के अंदर सिख चेहरों की कमी नहीं है। पार्टी के पास वर्षों से काम करने वाले कुछ सिख चेहरे हैं पर इसके बावजूद भाजपा इधर-उधर से सिख चेहरों को इम्पोर्ट कर रही है। अब इस मामले में पार्टी को वह सफलता नहीं मिल रही, जो उसने सोच रखी थी। अब कैप्टन अमरेंद्र सिंह की ही बात कर लें, जिन्हें भाजपा बड़े शौक से अपने दल में लेकर आई थी, लेकिन अब हालात यह हो गए हैं कि पार्टी को कैप्टन से फिलहाल कोई फायदा नहीं मिल रहा है। कैप्टन उनकी बैठकों से भी गायब रहते हैं और बड़े आयोजनों में भी कहीं नजर नहीं आते। पार्टी के वर्करों को उस समय ज्यादा धक्का लगा, जब पटियाला में रैली के दौरान कैप्टन गायब रहे।
गौरतलब है कि पटियाला कैप्टन का अपना गढ़ है। इसके बाद होशियारपुर में बुधवार को हुई रैली में भी कैप्टन नहीं पहुंचे। उनकी गैर हाजिरी सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है। होशियारपुर रैली में शिरकत करने आए भाजपा प्रधान जे.पी. नड्डा और जनरल सचिव सुदान सिंह ने चंडीगढ़ के नजदीक सिसवां फार्म पहुंच कर पूर्व मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के साथ बैठक की। कै. अमरेंद्र सिंह पिछले कुछ समय से सक्रिय राजनीति से दूर दिखाई दे रहे हैं। पटियाला उनका अपना जिला है और भाजपा हाईकमान द्वारा पटियाला लोकसभा हलके की पूरी बागडोर कै. अमरेंद्र सिंह के हवाले की गई है पर पटियाला रैली में न पहुंचने पर जहां भाजपा वर्कर हैरान थे, वहीं आम लोगों में भी इस मामले पर कई तरह की चर्चाएं सुनने को मिल रही हैं। कुछ इसे कैप्टन की नाराजगी बता रहे हैं तो कुछ उनके स्वास्थ्य कारणों को उनकी सक्रियता में बाधा बता रहे हैं।
भाजपा प्रधान जे.पी. नड्डा शायद इसी कारण कैप्टन अमरेंद्र सिंह को उनके सिसवां फार्म हाऊस में मिलने पहुंचे। जब से कै. अमरेंद्र सिंह ने अपनी पार्टी पी.एल.सी. का भाजपा में विलय किया है, तब से ही लगातार ये चर्चाएं चल रही हैं कि मोदी सरकार द्वारा कै. अमरेंद्र सिंह को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। पहले मीडिया में उन्हें राष्ट्रपति, फिर उप राष्ट्रपति और फिर किसी राज्य का राज्यपाल बनाने की चर्चाएं गर्म रही हैं, पर यह सारा कुछ चर्चाओं तक ही सीमित रह गया। शायद यही कारण हो सकता है कि कै. अमरेंद्र सिंह भाजपा की रैलियां से दूरी बनाकर चल रहे हैं।
तो क्या घर वापसी कर सकते हैं मनप्रीत बादल?
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व खजाना मंत्री मनप्रीत बादल भी लोकसभा चुनावों के दौरान पहले भाजपा छोड़ कर अकाली दल में शामिल हो सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के देहांत के बाद मनप्रीत बादल और अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल के बीच पैदा हुआ डैडलॉक खत्म हो गया था। दोनों चचेरे भाई कई बार इकट्ठे देखे गए और दोनों ने लंबे समय तक बातचीत भी की। सूत्रों अनुसार मनप्रीत बादल का भी हृदय परिवर्तन हो रहा है। शायद वह भी जल्द ही भाजपा को अलविदा कह कर अपनी पारिवारिक पार्टी शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो जाएं।
दिसम्बर में सांसद पद से इस्तीफा दे सकती हैं परनीत कौर?
बेशक पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र और उनका पूरा परिवार भाजपा में शामिल हो चुका है। भाजपा ने कै. अमरेंद्र सिंह को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य और उनकी बेटी जयइंद्र कौर को पंजाब का उप प्रधान बना दिया है पर इसके बावजूद भी पटियाला से सांसद एवं कै. अमरेन्द्र सिंह की धर्मपत्नी परनीत कौर आज भी तकनीकी तौर पर कांग्रेस पार्टी की सांसद हैं। उन पर फिलहाल दल-बदली कानूनी लागू होता है। इसी कारण वह भाजपा की बैठकों में खुलकर भाग नहीं लेती। यह अलग बात है कि 2022 की विधानसभा चुनावों दौरान उन्होंने पार्टी से बगावत कर पटियाला में भाजपा-पी.एल.सी. गठजोड़ के हक में प्रचार किया था जिस कारण परनीत कौर को कांग्रेस हाईकमान द्वारा नोटिस जारी किया गया था। वीरवार को सिसवां फार्म में पहुंचे राष्ट्रीय प्रधान जे.पी. नड्डा का परनीत कौर ने भी भरपूर स्वागत किया। सूत्रों के अनुसार परनीत कौर दिसम्बर में सांसद पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो सकती हैं। इसके बाद वह भाजपा की मैंबरशिप लेकर पटियाला से लोकसभा की तैयारी शुरू कर सकती हैं।
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