प्रभु को शुद्ध मन, शुद्ध कर्म और शुद्ध भाव ही प्रिय होते हैं : आचार्य विष्णु शास्त्री

punjabkesari.in Saturday, Dec 07, 2019 - 04:05 PM (IST)

जालंधर(शास्त्री): सेवा, समर्पण और सिमरन से ही प्रभु कृपा संभव हो सकती है, इसके लिए हमें सद्गुरु द्वारा दर्शाए मार्ग को अपनाना होगा। उक्त वाक्य शिव नगर वैल्फेयर सोसायटी द्वारा शिव मंदिर खन्नेयां बगीची में करवाए जा रहे श्रीमद् भागवत कथा व्यास आचार्य विष्णु शास्त्री ने कहे। उन्होंने कहा कि अर्जुन युद्ध भूमि में संबंधियों को देखकर कहने लगे कि यह संसार अथाह सागर है, मानुष देह इस संसार रूपी सागर को पार करने के लिए हमें न जाने कितने पुण्यों के बाद नौका के रूप में मिली है, जब तक हमारे मन में अपने ईष्ट के प्रति श्रद्धा, विश्वास नहीं होगा तब तक हमारा लक्ष्य साकार नहीं होगा। 

उन्होंने कहा कि इच्छाओं में वृद्धि ही दुख का मुख्य कारण है और उनकी पूर्ति के लिए हमारा सम्पूर्ण कर्म लग जाता है जिसके तहत हमें केवल अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने के सिवा अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रहता और हम इसी धन में लगातार आगे बढ़ते जाते हैं। इस अमूल्य मानुष देह के असली लक्ष्य 84 लाख योनियों से मोक्ष पाने का है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रभु को शुद्ध मन, शुद्ध कर्म और शुद्ध भाव ही प्रिय है अत: हमें इस रहस्य को अपने जीवन में धारण करना चाहिए। 


वहीं, राजन शारदा ने आए हुए विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया। महासचिव राजकुमार ने सभी से आग्रह किया कि ऐसे आयोजनों में बच्चों को अवश्य शामिल करना चाहिए तभी हमारी धर्म-संस्कृति मजबूत होगी। कार्यक्रम में मुख्य यजमान के तौर पर श्रीमती एवं श्री चंद्रशेखर, श्रीमती एवं श्री राजेश अग्रवाल, श्रीमती एवं श्री प्रमोद अग्रवाल ने पूजन करवाया।कथा में मुख्य मेहमान के तौर पर अकाली दल के उपप्रधान पंजाब चंदन ग्रेवाल, महामंत्री महालक्ष्मी मंदिर एस.के. रामपाल, कोषाध्यक्ष महालक्ष्मी मंदिर राहुल बाहरी विशेष तौर पर उपस्थित थे, जिनका संस्था द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान श्री महालक्ष्मी मंदिर प्रधान पं. दर्शन लाल शर्मा भी विशेष तौर पर पहुंचे थे।कार्यक्रम को सफल बनाने में अरुण कोहली, राज कुमार वर्मा, गुरमेल सिंह सैणी, जङ्क्षतद्र चोपड़ा, सोहन लाल, पवन धवन, वरिंद्र ग्रोवर, विजय कुमार, आकाश शर्मा, आयुष कोहली, कृष्णा लूथर, भूषण लूथर, मीरा कोहली, अंजू शर्मा, शशि महेंद्रू, ङ्क्षबदू लूथर, हरितिका, कनिका, सुरभि, कानन शारदा आदि ने अपना-अपना सहयोग दिया।


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swetha

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