Jalandhar: NGT के डंडे के बाद साफ-सफाई को लेकर एक्शन मोड में नगर निगम

punjabkesari.in Friday, Jul 12, 2024 - 10:51 AM (IST)

जालंधर : स्वच्छ भारत अभियान और स्मार्ट सिटी मिशन से करोड़ों अरबों रुपए की ग्रांट आने के बावजूद अभी तक जालंधर नगर निगम से शहर के कूड़े की समस्या का कोई हल नहीं हुआ। निगम कई सालों से शहर के कूड़े को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर फैंकने के काम में ही लगा हुआ है जिसपर हर महीने करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। सैनीटेशन ब्रांच के पास अपनी असंख्य गाडियां हैं, फिर भी कूड़े की लिफ्टिंग हेतु नगर निगम प्राइवेट ठेकेदारों की सेवाएं भी लेता है। पिछले लंबे समय से इस काम पर भी करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं इसके बावजूद शहर की सैनीटेशन व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही।

जालंधर की साफ सफ़ाई व्यवस्था को लेकर एन.जी.टी. नगर निगम को कई निर्देश जारी कर चुका है और इसकी टीमें कई बार जालंधर का दौरा भी कर चुकी हैं। 10 जुलाई को भी आनलाइन सुनवाई दौरान ट्रिब्यूनल ने कूड़े की मैनेजमैंट संबंधी स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है। बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद निगम ने कूड़े की मैनेजमैंट को लेकर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

अब नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) के सब्र का पैमाना भी भर चुका है। अब एन.जी.टी ने निगम को डैडलाइन जारी कर दी है और प्रोसेसिंग संबंधी स्टेटस रिपोर्ट तलब कर ली है। एन.जी.टी ने अब इस मामले में बड़े अफसरों की जवाबदेही तय कर दी है और माना जा रहा है कि अब किसी भी लापरवाही के मामले में कमिश्नर लैवल के अफसर पर ही एक्शन होगा।

चाहे वर्तमान निगम कमिश्नर द्वारा पिछले समय दौरान शहर को कूड़े से मुक्त करने हेतु कई उपाय किए गए परंतु अभी भी इस क्षेत्र में बहुत कुछ किया जाना बाकी है। गत  शाम दो घंटे से ज्यादा चली बैठक दौरान कई आदेश निकालकर निगम कमिश्नर ने अब निगम के ओ.एंड एम. सैल तथा बी. एंड आर. विभाग से जुड़े अधिकारियों की ड्यूटी कूड़े की मैनेजमैंट से संबंधित काम में लगा दी है। इससे निगम में यह चर्चा फिर शुरू हो गई है कि जिन अफसरों से शहर का सीवर सिस्टम काबू में नहीं आ रहा और शहर की सड़कें ही नहीं संभल पा रहीं, वह कूड़े के काम की निगरानी कैसे करेंगे क्योंकि ऐसे ज्यादातर अफसर कभी फील्ड में निकलते ही नहीं।

कूड़े की मैनेजमैंट के लिए इन अफसरों की लगाई ड्यूटी

- निगम के सभी सैनेटरी इंस्पैक्टर्स और सैनेटरी सुपरवाइजर्स की ड्यूटी लगाई गई है कि वह कूड़े की 'एट सोर्स सेग्रीगेशन' सुनिश्चित करें यानी कि घरों से निकलते समय ही गीले और सूखे कूड़े को अलग अलग रखा जाए। पूरे शहर में यह प्रक्रिया 3 सप्ताह के भीतर पूरी तरह से लागू करने की हिदायत दी गई है। यह अधिकारी स्कूलों-कॉलेजों में बैठकें करके कूड़े को अलग-अलग करने बाबत सभी को जागरूक भी करेंगे।

- निगम के सभी एक्सियन लेवल के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है कि वह 'बल्क वेस्ट जैनरेटर' यानी जिन संस्थाओं से हर रोज ज्यादा मात्रा में कूड़ा निकलता है, उनकी एक बैठक करें और उन्हें अपने परिसर में ही कूड़े को मैनेज करने बाबत कहें वरना निगम आने वाले समय में उनका कूड़ा नहीं उठाएगा। अगर उन्होंने प्रोसेसिंग प्लांट लगा रखे हैं तो उन पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए जाएं। बल्क वेस्ट जैनरेटर सिस्टम की देखरेख असिस्टैंट कमिश्नर राजेश खोखर करेंगे।

- कूड़े के ट्रांसपोर्टेशन हेतु प्लान तैयार किया जाएगा जिस संबंधी कमेटी की अध्यक्षता एडिशनल कमिश्नर अमरजीत सिंह बैंस करेंगे। तकनीकी रूप से ट्रांसपोर्टेशन प्लान संबंधी ड्यूटी एस.ई राहुल धवन की लगाई गई है।

- एम.आर.एफ. फैसिलिटी और सेकेंडरी कलेक्शन प्वाइंट में किसी भी प्रकार की कमी पेशी को दूर करने संबंधी ड्यूटी एस.ई. रजनीश डोगरा की लगाई गई है। वहां मशीनरी लगाने और बिजली कनेक्शन इत्यादि संबंधी प्रक्रिया श्री डोगरा द्वारा पूरी की जाएगी।

- एमआरएफ सेंटर चलाने और सेकेंडरी प्वाईंट्स को मेंटेन करने संबंधी ड्यूटी ओ.एंड.एम सैल के एस.ई मंधीर सिंह की लगाई गई है। उनकी ड्यूटी यह भी लगाई गई है कि वह वरियाणा डंप पर सुविधाएं उपलब्ध करवाने का काम करेंगे। वहां एक कमरा बनाया जाएगा जहां वाटर कूलर और आर.ओ. सिस्टम लगेगा। जब तक वरियाणा डंप पर कूड़ा तोलने वाला कांटा निगम का अपना नहीं लगता, तब तक यह काम आऊटसोर्स के माध्यम से करवाया जाएगा।

- खालसा स्कूल के निकट कूड़े के डंप को समाप्त करने के लिए भी अधिकारियों पर आधारित एक कमेटी बनाई गई है। बी. एंड आर. शाखा से जुड़े अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है कि वह सड़क निर्माण के काम में वेस्ट प्लास्टिक के इस्तेमाल को सुनिश्चित करें।


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News Editor

Urmila

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