Monkeypox को लेकर PGI में अलर्ट, जारी हो चुकी हैं Guidelines

punjabkesari.in Wednesday, Jul 27, 2022 - 09:01 AM (IST)

चंडीगढ़ (पाल): केरल के बाद दिल्ली में मंकीपॉक्स का मरीज मिलने के बाद राज्यों में भी इसे लेकर चिंता बढ़ गई है। पी.जी.आई. भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट हो गया है। पी.जी.आई. ने मंकीपॉक्स को डॉ. आर.के. सहगल को लेकर नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया है। वहीं मरीजों के लिए खास इंतजाम कर लिए गए हैं। 

एहतियात के तौर पर सभी इंतजाम किए गए हैं, ताकि अगर कोई मरीज कन्फर्म होता है तो किसी तरह की परेशानी न हो। पी.जी.आई. ने नेहरू हॉस्पिटल के नॉन कम्युनिकेबल वार्ड में कुछ बेड्स का इंतजाम किया है साथ ही नेहरू हॉस्पिटल एक्सटैंशन में आई.सी.यू. बेड्स बनाए हैं। मंकीपॉक्स स्किन से जुड़ी हुई बीमारी है, ऐसे में डिपार्टमैंट ऑफ डर्माटोलॉजी से खास डॉक्टरों की टीम को तैनात किया गया है जो सभी तरह के इंतजाम देखेगी। डिपार्टमैंट ऑफ वायरोलॉजी को टैस्टिंग और सैम्पलिंग की जिम्मेदारी दी गई है। पी.जी.आई. का कहना है कि ट्रांसमिशन बढ़ता है तो उसे रोकने के लिए गंभीर मरीजों को होम आइसोलेशन की जरूरत है, जबकि जिन्हे हॉस्पिटल में एडमिट करने की जरूरत होगी उन्हें एडमिट किया जाएगा।   
 

पिछले हफ्ते की थी गाइडलाइन्स जारी  
पी.जी.आई. का कहना है कि मिनिस्ट्री ऑफ हैल्थ ने भी मंकीपॉक्स से जागरूक करने के लिए पिछले हफ्ते गाइडलाइन्स जारी की थी, जिसे देखते हुए उन्होंने सारे इंतजाम कर लिए हैं। साथ ही लोगों को इसके बारे में जागरूक रहने को कहा गया है। इसके तहत अगर किसी को बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते निकलते हैं तो वह तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। मंकीपॉक्स की समस्या होने पर 21 दिन का आइसोलेशन अनिवार्य है।  

कोमोर्बिडिटी से ग्रसित लोग अधिक जोखिम वाले
मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं, जैसे आंख में दर्द या धुंधला दिखना, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, पेशाब में कमी, बार-बार बेहोश होना और दौरे पडऩा जैसे दिक्कतें आती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अधिक जोखिम वाले व्यक्तियों पर मंकीपॉक्स के गम्भीर प्रभाव पडऩे की अधिक संभावना है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार जिनकी इम्युनिटी कम हो, कोमोर्बिडिटी से ग्रसित लोग अधिक जोखिम वाले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंकीपॉक्स मनुष्य से मनुष्य में फैलाता है।
 

 मंकीपॉक्स के लक्ष्ण और सिम्टम्स
मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। संक्रमण का प्रसार संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है। यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है। वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है। इनमें से कुछ संक्रमण यौन संपर्क के माध्यम से संचरित हो सकते हैं। डब्ल्यू.एच.ओ. के मुताबिक होमोसैक्शुयल और बायोसैक्शुयल लोगों में अभी तक इसके मामले ज्यादा है।  

इन पर ध्यान देने की जरूरत
तेज बुखार आ सकता है। सिर में तेज दर्द होना। आपको शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन आ सकती है। त्वचा पर लाल चकत्ते या फफोले पड़ते हुए दिखाई देना। शरीर में लगातार एनर्जी की कमी होना भी इस बीमारी का लक्षण हैं।


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Vatika

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