सभी विभागों को जारी हुई Deadline, इतने दिनों में देना होगा विजिलेंस द्वारा मांगा गया रिकॉर्ड

punjabkesari.in Friday, May 05, 2023 - 10:38 AM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब में सत्ता परिवर्तन के साथ ही बड़ी व अहम भूमिका में सामने आए विजिलेंस ब्यूरो की लगातार बढ़ रही कार्रवाईयों में सरकारी बाबुओं द्वारा पैदा की जा रही सभी अड़चनों को दूर करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। सरकार ने विजिलेंस ब्यूरो द्वारा मुख्यमंत्री तक पहुंचाई बात के बाद सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि विजिलेंस ब्यूरो को अपनी जांच के कार्य में बेवजह होने वाले विलंब का सामना न करना पड़े।

विजिलेंस ब्यूरो ने बताई थी परेशानी

कुछ ही समय पहले राज्यभर में आई.ए.एस. व पी.सी.एस. अधिकारियों द्वारा विजिलेंस ब्यूरो की कार्रवाई के खिलाफ हड़ताल की गई थी। अधिकारियों का कहना था कि विजिलेंस ब्यूरो अनावश्यक रूप से दबाव बना रही है और विभाग के कई उन फैसलों के लिए मौजूदा अधिकारियों को परेशान किया जा रहा है, जिन्हें पहले की सरकारों के समय लिया गया था। यह भी कहा गया कि जांच के लिए नियमों के मुताबिक विजिलेंस ब्यूरो द्वारा सरकार से अनुमति भी हासिल नहीं की जा रही।
इसके बाद मुख्यमंत्री के साथ विजिलेंस ब्यूरो चीफ की कई बैठकें हुईं। इस दौरान ही विभागों के बाबुओं द्वारा विजिलेंस ब्यूरो की जांच में पैदा की जातीं अड़चनों के बारे में भी चर्चा हुई, जिसके बाद ब्यूरो के प्रमुख को उक्त सारी बातें लिखित तौर पर भेजने के लिए कहा गया। इस पर ब्यूरो द्वारा मार्च महीने में एक डी.ओ. पत्र मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व विजिलेंस विभाग के सचिव को भेजा गया था जिस पर चर्चा के बाद तय किया गया कि सभी विभागों को विजिलेंस ब्यूरो के संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किए जाएंगे। 

...ताकि वैरीफिकेशन का काम बिना रुके किया जा सके 

विजिलेंस ब्यूरो को जांच के मामलों में पेश आ रही समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार की तरफ से सभी विभागों, राज्य सरकार के अधीन चलने वाले सभी संस्थानों व डिप्टी कमिश्नरों को विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें स्पष्ट किया गया है कि ऐसे मामले, जिनमें विजिलेंस ब्यूरो द्वारा सिर्फ वैरीफिकेशन के मकसद से दस्तावेज मांगे गए हों, उन मामलों में भ्रष्टाचार उन्मूलन एक्ट 1988 की धारा 17-ए के मुताबिक सरकार से पहले अनिवार्य अनुमति हासिल करने की जरूरत नहीं है। ऐसे मामलों में बिना किसी देरी के विजिलेंस ब्यूरो को दस्तावेज मुहैया करवाए जाएं ताकि वैरीफिकेशन का काम बिना रुके किया जा सके।

जांच भटकाने वाला काम न हो

जिन मामलों में विजिलेंस ब्यूरो को जांच के लिए रिकॉर्ड की जरूरत होगी, उन मामलों में विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारी (डी.एस.पी. रैंक से नीचे नहीं) द्वारा एस.एस.पी. या ए.आई.जी. स्तर के अधिकारी की अनुमति के बाद संबंधित विभाग के सचिव या विभाग प्रमुख को लिखित पत्र सौंपा जाएगा, जिसमें संबंधित मामले की शिकायत का ब्यौरा देते हुए जांच के लिए जरूरी रिकॉर्ड व दस्तावेजों की सूची भी सौंपी जाएगी। विभागीय अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि विजिलेंस ब्यूरो द्वारा मांगी गई जानकारी व संबंधित रिकॉर्ड व्यवस्थित तरीके से दिया जाए। दस्तावेज व रिकॉर्ड देते वक्त इस बात का खास ख्याल रखा जाए कि जांच को भटकाने या सूचना को धूमिल करने की मंशा से अवांछित दस्तावेज व रिकॉर्ड न दिया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मांगे गए दस्तावेज व रिकॉर्ड की फोटोस्टेट कॉपियां विजिलेंस ब्यूरो को 15 दिन के भीतर सौंप दी जाएं।

विभाग प्रमुख या अधीनस्थ अधिकारी रखेंगे निगरानी

दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जैसे ही किसी विभाग या सरकार अधीन संस्था को विजिलेंस से रिकॉर्ड या दस्तावेज मांगने संबंधी लिखित पत्र हासिल होता है, तभी से विभाग प्रमुख खुद या फिर अपने अधीनस्थ अधिकारी के जरिए यह सुनिश्चित करेंगे कि रिकॉर्ड सौंपने संबंधी कार्रवाई सही तरीके से 15 दिन के समय में पूरी हो व रिकॉर्ड विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दिया जाए।

शिकायतकर्ता की तस्दीक करना विजिलेंस की जिम्मेदारी

सरकार द्वारा जारी पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सरकारी विभागों व सरकार के अधीन आने वाले बोर्ड-कॉर्पोरेशनों से रिकॉर्ड व दस्तावेज मांगने से पहले विजिलेंस ब्यूरो को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। यह विजिलेंस ब्यूरो की जिम्मेदारी होगी कि शिकायतकर्ता के बारे में पूरी जानकारी तस्दीक कर ली जाए और शिकायत के तथ्यों के बारे में भी। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि यह भी विजिलेंस ब्यूरो की जिम्मेदारी है कि फर्जी व तथ्यहीन शिकायतों की वजह से सरकारी विभागीय मशीनरी व विजिलेंस ब्यूरो के समय की बर्बादी न हो। 

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Content Writer

Sunita sarangal

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