गोधरा दंगे मोदी के समय हुए, सैम पित्रोदा के बयान से सहमत नहीं : अमरेन्द्र

punjabkesari.in Friday, May 10, 2019 - 05:25 PM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने 1984 के दंगों के साथ पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी को लपेटने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों का डट कर विरोध करते हुए कहा है कि गोधरा में साम्प्रदायिक दंगे उस समय हुए थे जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। मोदी द्वारा राजीव गांधी का नाम 1984 के सिख विरोधी दंगों के साथ जोडऩा गलत है। देश के प्रधानमंत्री को यह शोभा नहीं देता है कि वह इतनी निम्र स्तर की राजनीति करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैम पित्रोदा 1984 के दंगों को लेकर विवादास्पद बयान दिया है तो वह उनसे सहमत नहीं हैं। सैम पित्रोदा द्वारा 1984 के दंगों को लेकर यह कहना कि जो ‘हुआ तो हुआ’ वास्तव में पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने के समान है। 
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 उन्होंने कहा कि 1984 के दंगे एक बड़ी घटना थी तथा इस मामले में पीड़ितों को अभी तक इंसाफ नहीं मिल सका है। दंगों में संलिप्त नेताओं व लोगों को कानून के अनुसार दंड मिलना चाहिए। जब दंगे हुए थे तो उन्होंने इसमें सज्जन कुमार, एच.के.एल. भगत, धर्मदास शास्त्री, ललित माकन तथा अर्जुन दास के नाम सुने थे।  वे आज भी अपने बयान पर कायम हैं। अगर कोई व्यक्तिगत नेता दंगों में संलिप्त थे तो इसका यह अर्थ नहीं कि उसमें राजीव गांधी व कांग्रेस पार्टी की भी शमूलियत थी।  मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि मोदी को यह नहीं भूलना चाहिए कि 1984 के दिल्ली दंगों में कई भाजपा व आर.एस.एस. नेताओं के नाम भी सामने आए थे। उनके विरुद्ध भी कानून के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए। मोदी वास्तव में अपने 5 वर्षों की विफलताओं से जनता का ध्यान हटाना चाहते हैं। मोदी ने 5 वर्षों में किसानों की आत्महत्याओं, बढ़ती बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मामलों पर अपने विचार क्यों नहीं प्रकट कर रहे हैं। चाहे श्री करतारपुर साहिब कॉरीडोर बनने जा रहा है परन्तु फिर भी भारत सरकार को आई.एस.आई. व उसकी साजिशों से सतर्क रहना होगा। पाकिस्तान में आई.एस.आई. ही सरकार पर हावी है। वह कॉरीडोर बनने के बाद पहले जत्थे के साथ श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन करने के लिए जाएंगे। 
मोदी ने पंजाब से किया सौतेला व्यवहार, वोटें मांगने का अधिकार नहीं
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सीधा सियासी हमला बोलते हुए कहा है कि मोदी ने पिछले 5 वर्षों में पंजाब के लिए कुछ भी नहीं किया इसलिए उन्हें पंजाब के लोगों से वोटें मांगने का नैतिक अधिकार नहीं है। पिछले 2 वर्षों में तो पंजाब के कई मसलों को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कई बार मुलाकात की जिसमें पंजाब के ऊपर पूर्व अकाली सरकार द्वारा डाले गए 31,000 करोड़ रुपए के फूड अकाऊंट में घाटे का मामला भी शामिल था परन्तु इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने पंजाब को कुछ नहीं दिया। मोदी सरकार ने पंजाब के साथ पूरी तरह से सौतेला व्यवहार किया जबकि पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने यू.पी.ए. सरकार के कार्यकाल के दौरान पंजाब को दिल खोल कर ग्रांटों के गप्फे दिए थे। 


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Mohit

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