पत्नी बोली- "मैंने हाथ जोड़े, मिनतें कीं, मेरे पति को मार डाला", सरेबाजार घटना से खौफ में पूरा इलाका

punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 11:36 AM (IST)

तरनतारन (रमन): दिन-दिहाड़े तरनतारन-खडूर साहिब रोड पर गांव भुल्लर में एक किराना व्यापारी को दुकान के अंदर गोली मार दी गई और फिर बैग से 700 रुपये कैश लेकर फरार हो गए। इस बीच, दुकान मालिक की मौत को लेकर जहां लोग जिला परिषद चुनाव की घोषणा के बाद पुलिस के सुरक्षा इंतजामों के दावों की पोल खोल रहे हैं, वहीं पुलिस ने अलग-अलग टीमें बनाकर रंजिश और लूट के इरादे से हत्या मामले की जांच शुरू कर दी है।

करीब एक मिनट में वारदात को अंजाम देने के बाद व्यापारियों में दहशत फैल गई है। इस बीच, अपने पिता का साया सिर से छीन जाने वाले बेटे गुरसिमरन सिंह ने भी सरकार की तरफ से रोजाना सुरक्षा को लेकर किए जा रहे बड़े-बड़े दावों के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है, जबकि बुजुर्ग दादा-दादी, मां ने लुटेरों की इस हरकत को हद पार करने वाला अत्याचार बताया है। वहीं विलाप करती पत्नी ने कहा कि मेरा सब कुछ लुट गया, अब मै क्या करुंगी। मैंने हाथ जोड़े, मिनतें कीं, मेरे पति को मार डाला। वहींं बोटा ने कहा कि मेरे सिर से लुटेरों ने मेरे पापा का साया छीन लिया है, हमने किसी का क्या बिगाड़ा था। दोपहर करीब 1 बजे जब तरनतारन-खडूर साहिब रोड पर गांव भुल्लर में किराना का कारोबार करने वाले खजान सिंह का बेटा दलजीत सिंह रोजाना की तरह अपनी दुकान में ग्राहकों का इंतजार कर रहा था तो अचानक एक स्प्लैंडर मोटरसाइकिल पर सवार दो नकाबपोश लुटेरों ने मोटरसाइकिल को सड़क किनारे खड़ा किया और एक लुटेरा अंदर घुस आया।

बेटे व उसकी पत्नी ने लुटेरों के आगे जोड़े हाथ, लेकिन लुटेरों ने नहीं किया रहम
सूत्रों के अनुसार इस लुटेरे के व्यवहार को देखकर दुकान मालिक सतर्क हो गया और लुटेरे द्वारा निकाली गई पिस्तौल का सामना करता उसे रोकता है। इस दौरान लुटेरा अपने पकड़े जाने के डर से उस पर अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर देता है, जिससे करीब 3 गोलियां दलजीत सिंह की छाती और दिल पर लगती हैं, वह दुकान के अंदर जमीन पर गिर जाता है। यह आवाज़ सुनकर दुकान के पीछे बने घर से दलजीत सिंह का बेटा और उसकी पत्नी सर्बजीत कौर हाथ जोड़ते और लुटेरों से मिन्नतें करते दिखे, लेकिन इसी बीच बाहर मोटरसाइकिल पर इंतज़ार कर रहा दूसरा लुटेरा भी दुकान में घुस गया और दुकान के गलले में से कुछ रुपए निकालकर दोनों मौके से फरार हो गए। इस पूरी घटना के दौरान जो करीब एक मिनट का समय लगा, उसमें दलजीत सिंह की पत्नी अपने घायल पति को गोद में लिए और हाथ जोड़ते हुए दिखीं, लेकिन लुटेरों को रहम न आया। इस सहम भरे माहौल में लुटेरों को न तो दुकान मालिक के सीने पर लगी गोलियों के कारण निकलते खून को देखते हुए तरस आया और न ही उन्हें मां-बेटे की रोती-बिलखती मिन्नतें दिखाई दीं। बेरहमी का सबूत पेश करने वाले दोनों लुटेरे बड़ी आसानी से हवा में पिस्तौल लहराते हुए मौके से फरार हो गए।

बेटा बोला- कहां गए सरकार के सुरक्षा के दावे, मांगी नौकरी
इस बारे में मृतक दलजीत सिंह के इकलौते 19 वर्षीय बेटे गुरसिमरन सिंह ने पंजाब केसरी को बताया कि घर के मध्यवर्गीय हालात के चलते वह विदेश जाने का प्लान बना रहा था, जिसके चलते कुछ समय पहले 12वीं पास करने के बाद विदेश जाने की तैयारी शुरू कर दी थीं, लेकिन आज उसके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया है। गुरसिमरन सिंह ने रोते हुए कहा कि मुझे पता है कि आज हर कोई हमारे पास आकर हमें हिम्मत रखने का भरोसा दे रहा है, लेकिन बाद में मुझे अपनी पूरी जिंदगी पिता के साये के बिना अकेले ही बितानी पड़ेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि आज आप मंचों और स्पीकरों पर सुरक्षा के जो बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, वे कहां हैं। गुर सिमरन सिंह ने कहा कि घर के हालात बेहतर बनाने के लिए उसका सपना था कि वह विदेश जाकर अपने बुजुर्ग दादा-दादी और माता-पिता की जिंदगी और खुशहाल बनाए, लेकिन उसे कभी नहीं पता था कि लुटेरे उसके सपनों को चकनाचूर कर देंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से सरकारी नौकरी की मांग की है, ताकि वह अपने परिवार का गुज़ारा कर सके। उन्होंने कहा कि घर में उनके साथ रहने वाली बुजुर्ग-दादी कश्मीर कौर, दादा खजान सिंह, मां सरबजीत कौर और विधवा बुआ राजवंत कौर का पूरा बोझ उस पर आ गया है। लुटेरों ने उसके पिता पर कोई रहम नहीं दिखाया, जबकि उसकी मां और वह खुद उनके सामने हाथ जोड़ती रही। जब अड्डे पर मौजूद करीब आधा दर्जन दुकानदारों ने भागते समय लुटेरों का पीछा करने की कोशिश की तो उन्होंने पड़ोस में मौजूद दुकान मालिक शमशेर सिंह, सर्बजीत सिंह और हावर सिंह पर भी दो राउंड फायरिंग की, जिसके बाद लुटेरे तरनतारन की तरफ भाग गए।

पुलिस के सुरक्षा इंतजामों व जगह-जगह लगाए गए चैकप्वॉइंट की खुली पोल
इस बीच, जिला परिषद चुनाव के लिए जिले भर में पुलिस द्वारा किए गए सुरक्षा इंतजामों और जगह-जगह लगाए गए चैकप्वॉइंट की पोल खुल रही है। अगर पुलिस ने इस मेन रोड पर चैकपॉइंट लगाया होता, तो शायद लुटेरे पुलिस की गिरफ्त में आ जाते। इस घटना ने जहां दुकानदारों के हौंसले पस्त कर दिए हैं, वहीं लोग इस हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए सरकार की बुराई करते नजर आ रहे हैं।

लुटेरे सब कुछ ले जाते, लेकिन दलजीत को इस दुनिया से न ले जाते : बुजुर्ग दादी व चाची
बुजुर्ग दादी कश्मीर कौर और चाची राजवंत कौर ने रोते हुए कहा कि लुटेरे घर से सब कुछ ले जाते, लेकिन दलजीत को इस दुनिया से न ले जाते। इस बीच, इस बारे में जानकारी देते हुए डी.एस.पी. अतुल सोनी ने कहा कि पुलिस ने अलग-अलग एंगल से इस मामले की जांच शुरू कर दी है और अलग-अलग टीमें बनाकर करीब 117 कैमरे खंगाले गए हैं। उन्होंने कहा कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।


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Vatika

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