Stop..! कहीं आप तो नहीं दे रहे अपने बच्चों को "जहर", होश उड़ा देगी ये Report
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 09:37 AM (IST)

पंजाब डेस्कः रंग-बिरंगे फूड्स बच्चों को लुभाते ज़रूर हैं, लेकिन इनका सेहत पर असर बेहद खतरनाक हो सकता है। कैंडी, जूस, चॉकलेट, स्नैक्स जैसी चीज़ें जिनमें Red 40, Yellow 5, Yellow 6 और Blue 1 जैसे आर्टिफिशियल फूड कलर्स मिलाए जाते हैं, बच्चों की सेहत के लिए बड़ा खतरा बन रहे हैं। ये रंग जहां एक ओर खाने को आकर्षक बनाते हैं, वहीं दूसरी ओर बच्चों में चिड़चिड़ापन, एलर्जी, माइग्रेन, हाइपरएक्टिविटी और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं।
क्या कहते हैं शोध?
इन रंगों पर हुई स्टडीज़ के अनुसार:
Red 40 (Allura Red) – बच्चों के व्यवहार को प्रभावित करता है, जिससे ध्यान की कमी, गुस्सा और स्किन एलर्जी हो सकती है।
Yellow 5 (Tartrazine) – अस्थमा, नींद की दिक्कतें और मानसिक अस्थिरता से जुड़ा हो सकता है।
Yellow 6 (Sunset Yellow) – पेट दर्द, डायरिया और ट्यूमर जैसी स्थितियों से जुड़ा पाया गया।
Blue 1 (Brilliant Blue) – मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान और गठिया जैसी समस्या को बढ़ा सकता है।
क्यों बच्चे होते हैं ज़्यादा प्रभावित?
बच्चों का शरीर और मस्तिष्क विकास की अवस्था में होते हैं, इसलिए इन हानिकारक रसायनों का असर उन पर ज़्यादा तेज़ी से पड़ता है। ये कलर्स उनकी सोच, व्यवहार और शारीरिक स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित कर सकते हैं।
Parents के लिए जरूरी सुझाव:
लेबल पढ़ें – फूड आइटम खरीदते समय E नंबर और कलर की जानकारी ज़रूर देखें।
घर का खाना दें – ताज़े फल, सब्ज़ी, दाल और दूध बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित हैं।
प्राकृतिक रंगों का करें इस्तेमाल – चुकंदर, हल्दी, केसर, पालक जैसे नेचुरल फूड कलर्स से बच्चों का खाना भी रंगीन और सेहतमंद बन सकता है।
रंगीन पैक्ड फूड्स से बचाएं – कैंडी, कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम, जेली आदि को सीमित या पूरी तरह से बंद करें।
बच्चे का व्यवहार देखें – अगर बच्चा ज़्यादा चिड़चिड़ा या असामान्य लग रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
Natural Colours से सजाएं बच्चों की Plate
लाल – चुकंदर, अनार
पीला – हल्दी, केसर
हरा – पालक, धनिया
नीला/बैंगनी – ब्लूबेरी, जामुन
याद रखें – रंगीन खाना ज़रूरी नहीं कि सेहतमंद भी हो। अपने बच्चों को रंग से नहीं, पोषण से प्यार करना सिखाएं।