2022 विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर बलबीर राजेवाल का दावा

punjabkesari.in Monday, Apr 03, 2023 - 10:40 AM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत सिंह):  भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष भारतीय किसान नेता बलबीर सिंह ने पंजाब विधानसभा चुनाव के एक साल बाद दावा किया कि उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया गया था और प्रचारक खुद पीछे हट गए थे।

अन्य किसान संगठनों  के साथ मेल-मिलाप संबंधी पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बलबीर राजेवाल ने कहा कि मतभेद की वजह उनका चुनाव लड़ना है, जबकि उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में लड़ने के लिए मजबूर किया गया था और दावेदारों ने खुद ही हाथ पीछे खींच लिए थे। उन्होंने कहा कि उनके चुनाव लड़ने पर सवाल उठाने वाले भी स्वयं भी किसी न किसी राजनीतिक पार्टी के साथ स्थायी रूप से जुड़े हुए हैं, इसलिए कृषि संबंधी मुद्दों को लेकर ही हर मामले में साथ मिलकर काम करेंगे, बाकी अभी चर्चा चल रही है।

इसके अलावा पत्रकारों से बात करते हुए बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि बेमौसम बारिश से खराब हुई फसलों के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित मुआवजा राशि कम है। राजेवाल ने कहा कि आर्थिक आंकड़ों और महंगाई की मौजूदा दर के हिसाब से राज्य सरकार द्वारा घोषित 15 हजार रुपए बहुत कम है, लेकिन यह 50 हजार रुपए प्रति एकड़ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 50 साल पहले हमें फसल खराब होने पर मुआवजे के रूप में 5 हजार रुपए प्रति एकड़ मिलते थे, उस गणना के अनुसार 15 हजार रुपए कुछ भी नहीं है और यह घोषणा करके सरकार सोच रही है कि यह बहुत बड़ी बात है।

राजेवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान लगातार बयान दे रहे हैं कि जल्द से जल्द गिरदावरी कराकर मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि नुकसान का आकलन करने के लिए गिरदावरी नहीं की जा रही है। राजेवाल ने दावा किया कि राज्य सरकार के राजस्व विभाग में स्टाफ की कमी की ऐसी स्थिति है कि गिरदावरी करने वाले पटवारियों के पद 75 फीसदी तक खाली पड़े हैं। इससे हर पटवारी के पास 2 से 4 सर्किलों का काम है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतने गांवों की फसल बर्बादी का अंदाजा कैसे लगाया जा सकता है।

राजेवाल ने कहा कि सरकारों को तत्काल इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और फसल बर्बाद होने के कारण कमर तोड़ चुके किसानों की मदद के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि एक आशंका यह भी है कि बड़े पैमाने पर हुए नुकसान से आत्महत्याएं बढ़ेंगी। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि बेमौसम बारिश से न केवल मुख्य फसल गेहूं को नुकसान हुआ है, बल्कि गेहूं, सब्जियों के अलावा मक्का, आलू और बाजरा की फसल को भी नुकसान हुआ है. इससे न केवल कृषि क्षेत्र प्रभावित होगा, बल्कि उद्योग और सर्विस क्षेत्र पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।

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News Editor

Urmila

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