प्रदूषित नदियों को चुनावी मुद्दा बनाए जनता: मान

punjabkesari.in Thursday, May 02, 2019 - 03:49 PM (IST)

चंडीगढ़ः आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने आज लोगों से अपील की कि प्रदूषित नदियों को चुनावी मुद्दा बनाया जाए। उन्होंने यहां जारी बयाान में कहा कि पंजाब के दूषित किये जा रहे पानी के कुदरती स्रोतों को बचाने के लिए पिछली बादल सरकार की तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार भी बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही, जबकि यह मुद्दा न केवल पंजाब और राजस्थान के करोड़ों लोगों की जिंदगियों के साथ हो रहे खिलवाड़ का मुद्दा है, बल्कि करोड़ों-अरबों जल-जीवों के अस्तित्व के साथ जुड़ा हुआ है।
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मान ने कहा कि उनकी पार्टी पिछले काफी समय से सतलुज, ब्यास, रावी, घग्गर, बूढ़ा नाला और चिट्टी वेईं जैसे कुदरती जल स्रोतों को प्रदूषित करने के विरुद्ध सड़कों से लेकर विधान सभा और संसद तक आवाज बुलंद करती आ रही है, परंतु न केंद्र की मोदी सरकार और न ही कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार ने इस के हल के लिए कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्व प्रसिद्ध पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल, बाबा सेवा सिंह खडूर साहिब वाले और अन्य धार्मिक-सामाजिक संगठनों की तरफ से पवन-पानी के कुदरती साधन बचाने के लिए की जा रही जद्दोजहद की भी कैप्टन सरकार ने उसी तरह परवाह नहीं की जैसे पहले बादल सरकार नहीं करती थी। मान ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की एक टीम ने बुधवार को लुधियाना के बूढ़े नाले का दौरा करने के बाद अफसोस जताया कि बूढ़े नाले को बचाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से कुछ भी नहीं किया गया।

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मान के अनुसार एनजीटी समिति के प्रमुख न्यायाधीश (सेवानवृत्त) प्रीतम सिंह ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि यदि बूढ़ा नाला के हालात सुधारने के लिए कोई कदम न उठाया तो सम्बन्धित आधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही होगी। आप अध्यक्ष ने मांग की कि अफसरों-आधिकारियों पर कारर्वाई से पहले प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन, मुख्य सचिव पंजाब, सम्बन्धित मंत्री और मुख्य मंत्री को इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर भी पक्ष बनाया जाए, क्योंकि यह राज्य के लोगों की तरफ से सौंपी गई कानूनन ड्यूटी निभाने में असफल साबित हुए हैं। मान ने कहा कि प्रदूषित पानी की समस्या चरम सीमा पर पहुंच गई है। पिछले 10 दिनों से सरहन्द और राजस्थान फीडर नहरों में बहते काले रंग के पानी की लगातार खबरें आ रही हैं, परंतु सरकार के कान पर जूं तक नहीं सरक रही। लाखों की संख्या में मछलियां और अन्य जल-जीव-जंतु मर रहे हैं। जालंधर, संगरूर, कपूरथला, लुधियाना, फिरोजपुर, फरीदकोट, बठिंडा, और फाजिल्का जिले में प्रदूषित पानी के कारण कैंसर, काला पीलिया और अन्य जानलेवा बीमारियों ने प्रकोप मचा रखा है। उन्होंने पंजाबवासियों से अपील की कि वह कर्ज, बेरोजगारी और धार्मि बेअदबी जैसे अहम मुद्दों के साथ-साथ हवा-पानी के जानलेवा प्रदूषण के लिए भी सत्ताधारी कांग्रेसियों और अकाली-भाजपा नेताओं को तब सवाल जरूर पूछें जब वह वोट मांगने के लिए आते हैं।


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