आशु के पक्ष में बोली हल्का वेस्ट की महिलाएं, कहा हमने देखे हैं इनके काम, दोबारा किसी और को नहीं अजमाना
punjabkesari.in Saturday, Jun 14, 2025 - 10:17 AM (IST)

लुधियाना (विक्की): लुधियाना वेस्ट की गलियों, मोहल्लों और कॉलोनियों में एक बात आजकल हर जुबान पर है “भारत भूषण आशु ने बतौर काउंसलर, विधायक और मंत्री रहते हुए हमारे लिए जो काम किए हैं उनको कभी भुलाया नहीं जा सकता। आशु तो ऐसा है जिसे कोई काम बताना ही नहीं पड़ता खुद कहीं गया वहां कोई कमी देखी या समस्या से जूझ रही जनता को देखा तो उसके समाधान के लिए खुद ही रास्ते निकालकर परेशानी को जड़ से खत्म कर दिया। आशु एक ऐसा नेता है जो वादा नहीं, काम करके दिखाता है।
गोपाल नगर की एक महिला ने कहा 2022 में हमने आम आदमी पार्टी वालों की बातों में आकर उनको वोट दे दिया लेकिन अभी तक 1 हजार रुपए का इंतजार कर रहे हैं जिसके बारे में आप वाले इस चुनाव में भी बात तक नहीं कर रहे तो अब हम सोच रहे हैं कि हमने झाड़ू वालों की बातों में आकर आशु को क्यों बदला, अब पिछले तीन साल से उसी के परिणाम भुगत रहे हैं कोई सुनने वाला ही नहीं है। अब हमारे पास मौका है आशु को जिताने का तो क्यों न जिताएं।
गर्मी की लहरें चाहे जितनी तेज हों, लेकिन कांग्रेस की इनडोर और आउटडोर मीटिंग्स में जनता का जोश आशु के लिए किसी ठंडी हवा से कम नहीं। भीड़ खुद बताती है कि ये महज चुनावी सभा नहीं बल्कि एक भरोसे की गूंज है जो कह रही है कि लुधियाना वेस्ट को फालतू प्रयोग नहीं, एक अनुभवी, जमीन से जुड़ा और सेवाभावी नेता चाहिए और वो है भारत भूषण आशु।
जनता के इस फैसले के पीछे कोई भावनात्मक बहाव नहीं, बल्कि ठोस अनुभव भी हैं
एक महिला आशा देवी ने कहा सरकार ने हमारे राशन कार्ड तक काट दिए किसी पार्षद के दफ्तर में जाओ तो केवाईसी न होने की बात कहकर वापिस भेज देता है। अगर हमें राशन ही नहीं मिलना तो क्यों इनको वोट दें। हमारे राशन कार्ड कटे तो न सिर्फ आशु ने आवाज उठाई बल्कि यह भी कहा कि विधायक बनते भी सभी के राशन कार्ड बहाल करवाऊंगा। सरकार में न होते हुए भी वो इतनी तसल्ली दे रहा है लेकिन सरकार वालों ने तो इस बारे अभी तक कोई बात तक नहीं करी।
एक अन्य महिला मनप्रीत कौर ने मीटिंग के दौरान कहा कि मुझे नौकरी के लिए प्रमाण पत्र के रूप में आधार कार्ड में संशोधन की जरूरत थी लेकिन सरकारी सिस्टम काम लेट कर था तो आशु जी विधायक न होते हुए भी मेरे लिए एक उम्मीद बनकर आए। जब मैं उनके पास अपनी समस्या लेकर गई तो उन्होंने तुरंत मेरी परेशानी का समाधान करवाने के लिए अपने ऑफिस से किसी को मेरे साथ भेजा जिससे मेरी नौकरी भी लग गई और आधार कार्ड भी सही हो गया।
आप बताएं कि ऐसे इंसान को हम छोड़ देंगे क्या?”
युवाओं ने साफ कहा – “हम किसी बाहरी चेहरे पर दांव नहीं लगाएंगे। जिन्होंने मुश्किल वक्त में साथ दिया, अब वक्त है उन्हें और ताकत देने का।” आज जब कई नेता वादों की चकाचौंध में खोए हैं, तब भारत भूषण आशु की सादगी, संघर्ष और सेवा की राजनीति ने जनता का दिल जीत लिया है। उनका रिकॉर्ड ही उनकी सबसे बड़ी प्रचार सामग्री है।
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