जालंधर नगर निगम में बड़ा फर्जीवाड़ा! एक महीने बाद भी नहीं दे सके 3 बड़े अफसर ये Report

punjabkesari.in Friday, May 12, 2023 - 08:05 AM (IST)

जालंधर (खुराना): पिछले लंबे समय से जालंधर शहर कूड़े कर्कट  की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। स्वच्छ भारत मिशन और स्मार्ट सिटी मिशन के माध्यम से जालंधर निगम को साफ सफाई व्यवस्था सुधारने हेतु करोड़ों रुपए की ग्रांट प्राप्त हो चुकी है परंतु इसके बावजूद निगम के अधिकारी शहर को साफ और स्वच्छ नहीं बना पाए । 

निगम अधिकारियों में विजन की कमी के चलते शहर में आज तक सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट नहीं लग सका और वरियाणा डंप का पुराना कूड़ा खत्म करने के लिए बायो माइनिंग प्लांट भी लगने से पहले ही फाइलों में दफन हो गया ।  कूड़े को मैनेज करने के मामले में जालंधर निगम के अधिकारी किस प्रकार लापरवाहीपूर्ण रवैया धारण किए हुए हैं , इसकी मिसाल इसी बात से ही मिल जाती है कि जालंधर निगम के तीन  बड़े अफसर शहर का कूड़ा ढोने  में हो रहे फर्जीवाड़े की रिपोर्ट एक महीने बाद भी नगर निगम कमिश्नर को नहीं सौंप पाए । इसका मतलब साफ आंका  जा रहा है कि निगम के अधिकारी वित्तीय गड़बड़ी से जुड़े मामलों को भी गंभीरता से नहीं लेते । निगम के अधिकारी अभी तक यह पता नहीं लगा पाए कि इस फर्जीवाडे के चलते कितनी पेमैंट निगम खजाने से हो चुकी है और कितनी क्लेम की जा रही थी ।

अभी तक तथ्य जुटाने में ही लगे हुए हैं तीनों अफसर 
"पंजाब केसरी" ने पिछले महीने 7 अप्रैल को विस्तार से खबर प्रकाशित की थी कि निगम का कूड़ा ढोने  हेतु प्राइवेट ठेकेदार की जो गाड़ियां चलाई जा रही हैं  और उनके जो बिल बन रहे हैं उनमें गाड़ियों के जो नंबर दिए गए हैं , वह स्कूटरों  के हैं । कमिश्नर अभिजीत कपलिश  ने इस स्कैंडल की जांच का जिम्मा असिस्टेंट कमिश्नर राजेश खोखर  , डी.सी.एफ.ए पंकज कपूर और हेल्थ ऑफिसर डॉक्टर श्री कृष्ण शर्मा को सौंपा था परंतु हैरानीजनक बात यह है कि लाखों रुपए से जुड़े इस स्कैंडल की जांच एक महीने में भी पूरी नहीं हो सकी और अभी तक तीनों ही अफसर केवल तथ्य जुटाने में ही लगे हुए हैं । खास बात यह है कि इस स्कैंडल में लिप्त गाड़ियां जिस प्राइवेट ठेकेदार की बताई जा रही हैं ,  उसी ठेकेदार से अब यही निगम अधिकारी दोबारा काम ले रहे  हैं और उस काम के भी लाखों रुपए के बिल दोबारा बनाए जाने हैं । अब सवाल यह उठता है कि एक स्कैंडल की जांच किए बिना उसी ठेकेदार से दोबारा काम करवाना और बिल बनवाना क्या उचित है।

अब कूड़ा तौलने  के बाद ही वरियाणा  डंप जा रही हैं  गाड़ियां
"पंजाब केसरी" द्वारा कूड़े की लिफ्टिंग में हो रहे फर्जीवाड़े बारे विस्तार से खबर प्रकाशित करने का असर यह हुआ है कि अब निगम की सभी गाड़ियों से उठाया गया कूड़ा बस्ती बावा खेल के ऊषा धर्मकंडे  पर तौला  जा रहा है और उसके बाद ही वरियाणा डंप पर फैंका  जा रहा है । गौरतलब है कि कूड़े की लिफ्टिंग में हो रही गड़बड़ी को देखते हुए नगर निगम कमिश्नर अभिजीत कपलिश  ने निगम के सभी 16 सेनेटरी इंस्पेक्टरों की ड्यूटी लगाई है कि वह तीन तीन  दिन ऊषा धर्मकंडे  पर बैठकर कूड़े को तौलने के काम की निगरानी किया करेंगे । निगम कमिश्नर ने आदेश जारी करके सेनेटरी इंस्पेक्टर विक्रांत सिद्धू  , अमरजीत सिंह ,  कुलविंदर सिंह  , अमनदीप धवन , गुरुदयाल सैनी  , नरेश कुमार  , संजीव कुमार ,  पवन कुमार ,  जगसीर सिंह  , राज कुमार  , धीरज कुमार  , बंटू  सब्बरवाल ,  नीरज कुमार ,  रिंपी कल्याण  , राजेंद्र कुमार और राजेश कुमार की ड्यूटी लगाई है। इस मामले में चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर हितेश अग्रवाल को नोडल अफसर बनाया गया है जो रोजाना कूड़े की लिफ्टिंग और तौल संबंधी रिपोर्ट पेश किया करेंगे ।  गौरतलब है कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय भी शहर से निकलते कूड़े को तौलने  का काम शुरू हुआ था परंतु कुछ दिनों बाद ही उसे बंद करना पड़ा था ।अब देखना है कि निगम कमिश्नर का यह प्रयास कितने दिन सफल रहता है ।


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Vatika

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