पंजाब के स्कूलों को लेकर बड़ा खुलासा, विद्यार्थियों को लेकर हैरान करने वाली बात आई सामने

punjabkesari.in Sunday, Dec 03, 2023 - 03:51 PM (IST)

चंडीगढ़ : पंजाब के स्कूलों में पढ़ने वाले 20,933 बच्चों की नजर कमजोर है। नेत्रहीनता को दूर करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा पिछले 3 वर्षों के दौरान 54,718 सरकारी  और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के बच्चों की आंखों की जांच की गई और स्क्रीनिंग के दौरान कमजोर आंखों वाले बच्चों को पंजाब सरकार द्वारा नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंड्स के तहत पिछले 6 महीनों के दौरान सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले 6,688 बच्चों को चश्मे दिए गए। 

तीन वर्षों में अमृतसर के 2862 बच्चे, बरनाला के 2380 बच्चे, बठिंडा के 2741 बच्चे, फरीदकोट के 2213 बच्चे, फाजिल्का के 2777, फतेहगढ़ साहिब के 1521, फिरोजपुर के 2919, गुरदासपुर के 2901, होशियारपुर के 3839, जालंधर के 2004, कपूरथला के 2528, लुधियाना का 3343, मानसा के 2517, मोगा के 2291, श्री मुक्तसर साहिब के 1831, मलेरकोटला के 659, एस.बी.एस. नगर के 1750, पठानकोट से 2153, पटियाला से 2170, रूपनगर से 2176, संगरूर से 1285 बच्चों, मोहाली से 1739 बच्चे, तरनतारन से 3139 बच्चों और पूरे पंजाब में से 54718 बच्चों का आंखों की जांच की गई है। 

पी.जी.आई चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. जगत राम का कहना है कि उन बच्चों की आंखों की जांच बहुत जरूरी है जिनका जन्म समय से पहले होता है। उन्हें रेटिना से जुड़ी समस्याएं होने की संभावना अधिक होती है। इसके बाद बच्चों को 3 वर्ष की उम्र में स्कूल भेजने से पहले उनकी आंखों की रोशनी की जांच करवानी बहुत जरुरी है क्योंकि आज कर बच्चे कई घंटे लगातार मोबाइल फोन से खेलते रहते हैं, ऐसी स्थिती में उनकी दूर की नजर कमजोर होने का खतरा होता है।  

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News Editor

Kalash

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