दूसरी पार्टियों के नेताओं को प्राथमिकता देना भाजपा को पड़ सकता है भारी, जाने क्यों

punjabkesari.in Monday, Jan 17, 2022 - 08:10 PM (IST)

लुधियाना (हितेश) : पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अब तक उम्मीदवारों का ऐलान करने वाली तीन पार्टियों कांग्रेस, अकाली दल और ‘आप ’ में टिकटों की बांट को लेकर घमासान देखने को मिल रहा है  जिसके नतीजे टिकटें न मिलने से नाराज नेताओं की तरफ से बड़े पैमाने पर पार्टियों को बदलने या छोड़ने के रूप में सामने आ रहे हैं। कुछ नेताओं को तो दूसरी पार्टियों से भी टिकट मिल गई है। 

इस मुहिम में भाजपा का नाम मुख्य रूप से शामिल है, जिसकी तरफ से सबसे अधिक संख्या में दूसरी पार्टियों के नेताओं को अपनाया गया है। इसका बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है कि अकाली दल से अलग होने के बाद पहले के मुकाबले कई गुणा ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही भाजपा को अधिक उम्मीदवारों की जरूरत है हालांकि भाजपा की तरफ से कैप्टन अमरिन्दर सिंह और सुखदेव सिंह ढींडसा के लिए कुछ सीटें छोड़ीं जा रही हैं परन्तु किसान आंदोलन को लेकर विरोध के मद्देनजर भाजपा ने दूसरी पार्टियों के मजबूत चेहरों के लिए अपने दरवाजे खोले हुए हैं।

इनमें वे सीटें भी शामिल हैं, जहां भाजपा के पास पहले से कैडर मौजूद है, परन्तु कांग्रेस, अकाली दल और ‘आप ’ में दूसरी पार्टियों के नेताओं को प्राथमिकता दी जा रही है और यदि किसी सीट पर पुराने नेता को छोड़ कर दूसरी पार्टियाँ से आए नेता को टिकट दी गई तो भाजपा का पुराना वोट बैंक नाराज हो सकता है। 

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Subhash Kapoor

Recommended News

Related News