CM मान द्वारा नीति आयोग की बैठक के Boycott पर भड़के पंजाब भाजपा उपाध्यक्ष, बोले...

punjabkesari.in Saturday, May 27, 2023 - 09:09 PM (IST)

चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. सुभाष शर्मा ने चंडीगढ़ भाजपा मुख्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान भगवंत मान सरकार के द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किए जाने पर भगवंत मान सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि भगवंत मान के द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार किया जाना पंजाब के विकास का बहिष्कार करने के समान है। उन्होंने कहा कि भगवंत मान ने इस बैठक में शामिल न होकर पंजाब तथा पंजाबियों के विकास को ब्रेक लगाई है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग देश की नीति एवं योजनाओं के निर्धारण के लिए बहुत बड़ी संस्था है। नीति आयोग देश के विकास की योजनाओं का रोड मैप तैयार करने और उन कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाती है।

डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि गवर्निंग काउंसिल मीटिंग (जी.सी.एम.) में 100+ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जानी है। इस महत्वपूर्ण बैठक में जो राज्य भाग नहीं लेंगे निश्चित रूप से उनका नुकसान होगा और वे विकास की दृष्टि से पीछे रह जाएंगे। जिन राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक का बहिष्कार करते हैं, वहां के लोग कम्प्लायंसेज कम करने, गतिशक्ति, आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास, एम.एस.एम.ई. एवं कौशल विकास पर चर्चा तथा इन विषयों से संबंधित निर्णयों का लाभ नहीं उठा पाएंगे। गवर्निंग काउंसिल मीटिंग (जी.सी.एम.) में विकसित भारत @ 2047, एम.एस.एम.ई. पर जोर, बुनियादी ढांचा और निवेश, कम्प्लायंसेज को कम करने, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास और क्षेत्रीय एवं सामाजिक तथा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए गति शक्ति पर रोडमैप तैयार किये जाएंगे।

डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि नीति आयोग देश के विकास और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है। इस बैठक में शामिल राज्यों के मुख्यमंत्री की सलाह और संवाद से केन्द्र सरकार निर्णय लेती है ताकि हर प्रदेश के अनुसार योजनाओं को कार्यान्वयन ठीक ढंग से हो और उस राज्य का समुचित विकास हो सके। लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान के द्वारा इस बैठक का बहिष्कार किए जाने से पंजाब व पंजाबियों के विकास को ब्रेक लग गई है। इस बैठक के माध्यम से जो अरबों रुपए का फंड केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा पंजाब के विकास के लिए दिया जाना था, भगवंत मान की नालायकी से पंजाब को नहीं मिल पाया। इसके लिए सीधे रूप से मुख्यमंत्री भगवंत मान जिम्मेदार हैं।

डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि जी.सी. बैठकें, केंद्र और राज्यों को प्रमुख विकास संबंधी मुद्दों की पहचान करने और उन्हें संयुक्त रूप से हल करने का अवसर देती हैं। अब तक हुई सात गवर्निंग काउंसिल की बैठकों में कई विषयों पर चर्चा की गई और कई मुद्दों का समाधान किया गया है। पिछली गवर्निंग काउंसिल की बैठक में लगभग 40 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई थी जिस पर केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के द्वारा संयुक्त रूप से काम किया जा रहा है।

डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि विपक्षी दल आरोप लगाते हैं कि भारतीय जनता पार्टी संस्थानों का सम्मान नहीं करती है, लेकिन सच्चाई यह है कि देश की संस्थाओं का अपमान विपक्ष की आदत बन चुकी है। आज जो दल इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं, इनमें से कई पार्टियों ने पहले भी सी.ए.जी, भारत निर्वाचन आयोग, सी.ई.सी, भारत की चुनाव प्रक्रिया का विरोध किया है। राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया था, बाद में उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। ये तमाम पार्टियां देश के संवैधानिक संस्थानों की खुलेआम आलोचना करती हैं। उनके पक्ष में निर्णय हुआ तो ठीक है और विरोध में निर्णय हुआ तो भी विरोध करेंगे। यही कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों की सोच है। डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विपक्षी दलों से पूछना चाहती है कि आप मोदी विरोध में कहां तक जाएंगे।

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News Editor

Paras Sanotra

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