लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में मिली हार के मंथन को लेकर पिछड़ी भाजपा

punjabkesari.in Sunday, Jun 16, 2024 - 10:22 AM (IST)

लुधियाना (हितेश): केंद्र में लगातार तीसरी बार मोदी सरकार बनने के जश्न मना रही भाजपा पंजाब में लोकसभा चुनाव के दौरान मिली हार के मंथन को लेकर बाकी पार्टियों के मुकाबले पिछड़ गई है। अगर लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब के नतीजों की बात करें तो कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 7 सीटों पर जीत दर्ज की है, जिसके बाद पंजाब कांग्रेस के प्रधान राजा वड़िंग व नेता विपक्ष प्रताप बाजवा द्वारा जीत के लिए धन्यवाद करने के अलावा हार को लेकर मंथन करने के नाम पर हल्का वाइस वर्कर्स मीटिंग की जा रही है।

इसी तरह लोकसभा चुनाव के दौरान 3 सीटों पर जीत हासिल करने वाली सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत मान व महासचिव संदीप पाठक द्वारा एक के बाद एक सभी उम्मीदवारों के साथ विधायकों, हल्का इंचार्जों व चेयरमैनों की मीटिंग बुलाकर फीडबैक हासिल किया गया है। इसके अलावा सिर्फ बठिंडा की एक सीट पर जीत दर्ज करने के मुकाबले 10 सीटों पर जमानत जब्त होने को लेकर पार्टी के भीतर विरोध का सामना कर रहे सुखबीर बादल द्वारा भी वीरवार को कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक की गई। लेकिन इस मामले में एक भी सीट पर जीत हासिल करने में असमर्थ रही पंजाब भाजपा द्वारा 23 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने के साथ 2022 के मुकाबले वोट शेयर लगभग तीन गुना होने का प्रचार करने पर जोर दिया गया। यहां तक सुनील जाखड़ की कार्यप्रणाली पिछले दिनों में प्रैस कॉन्फ्रैंस करने के बाद महासचिवों के साथ मीटिंग करने तक ही सीमित रही और सभी पार्टियों के बाद शनिवार को चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों व अन्य पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई है।

जालंधर उप चुनाव को लेकर भी अब तक देखने को नहीं मिली हलचल

जालंधर वेस्ट सीट पर उपचुनाव विधायक शीतल अंगुराल के भाजपा में शामिल होने की वजह से हो रहे हैं। लेकिन इस सीट को लेकर कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के मुकाबले भाजपा में खास हलचल नहीं देखने को मिल रही है। क्योंकि ‘आप’ की तरफ से खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा इस मुद्दे पर एक के बाद एक कई मीटिंग की गई है और कांग्रेस की तरफ से एम.पी. बने चरणजीत चन्नी ने कमान संभाल ली है। जिसके मुकाबले सुनील जाखड़ अब तक जालंधर नहीं पहुंचे, जिससे जाखड़ के हाईकमान से नाराज होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। क्योंकि पहले उनकी सहमति के बिना लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में टिकटों के वितरण की बात सामने आई थी। इसमें रवनीत बिट्टू को पार्टी में शामिल करने से लेकर हार के बावजूद राज्य मंत्री बनाने का मामला भी शामिल है। जिसे लेकर हाल ही में पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा द्वारा तंज कसा गया है कि जाखड़ पहले कांग्रेस पर हिन्दू होने की वजह से सी.एम. न बनाने का आरोप लगा रहे थे और अब भाजपा ने मंत्री बनाने के मामले में उन्हें क्यों नजरअंदाज किया है, हालांकि इस बारे में अब तक जाखड़ की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Kalash

Related News