BSF के जवान सरहदी गांवों के लोगों की इस तरह बदल रहे हैं जिंदगी

punjabkesari.in Monday, May 23, 2022 - 02:12 PM (IST)

जलंधरः पंजाब में बी.एस.एफ. ने सरहदी गांवों के नौजवानों को नशे से दूर करने के लिए रोजगार के साथ जोड़ा है। बताने योग्य है कि पाकिस्तान की सरहद के साथ लगते पंजाब के गांव गट्टीमसता के ज्ञान सिंह काम करके जितना कमाते थे, वह पूरी कमाई शराब पर उड़ा देते थे। इसके साथ उनके पोतों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा था। बी.एस.एफ. की काउंसलिंग और इलाज के बाद शराब पूरी तरह के साथ छूट गई है। अब जो भी कमाते हैं, परिवार की खुशियों के लिए खर्च करते हैं। 

वहीं गांव की गुरमेज कौर मुताबिक उसके पति मजदूरी करते हैं परन्तु इसमें घर चलाना मुश्किल है। दो बच्चे भी हैं। बी.एस.एफ. के कैंप में सिलाई की ट्रेनिंग ली। अब आत्म निर्भर हो गई है और परिवार की मदद भी कर रही है। गांव बस्ती खानके नौजवान आकाश सिंह बताते हैं कि पढ़ाई के बाद वह बेरोजगार थे। बी.एस.एफ. में बिजली के साथ जुड़े काम की प्रशिक्षण दिया। अब हर महीने 8 से 10 हजार तक ले रहा हूं। यह बदलाव पाकिस्तान सरहद के साथ लगते पंजाब के 553 किलोमीटर सरहद के करीबी गांवों में दिखाई दे रहा है। इन गांवों में बी.एस.एफ. की करीब 140 कंपनियां तैनात हैं। सुरक्षा के साथ यह जवान सरहदी गांवों के लोगों की जिंदगी भी बदल रहे हैं। 

फिरोजपुर सेक्टर की बात की जाए तो करीब 100 गांव सरहदी क्षेत्र में हैं। इन गांवों में सबसे बड़ी चुनौती नौजवानों को नशा और तस्करी से दूर रखना है। बी.एस.एफ. इन नौजवानों को प्रशिक्षण कैंपों में खेल के साथ जोड़कर फौज और पुलिस में जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। गांवों में जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि सरहद पार होने वाली नशे की तस्करी को रोका जा सके। इसके अलावा महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए कामकाज के साथ जरूरी सामान भी मुहैया करवाया जा रहा है। महिलाएं और लड़कियां सिलाई के काम और नौजवान इलेक्ट्रिशियन समेत कारपेंटर जैसे पेशों के साथ जुड़ गए हैं। 

गांवों के किसानों को भी बागबानी बारे सिखाया जा रहा है। सरहदी क्षेत्र डिवेल्पमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत इन कोशिशों के साथ फाजिल्का, गुरदासपुर, अमृतसर, अबोहर चार सेक्टरों की तरह गांवों की तस्वीर बदलने लगी है। वहीं गांव गहोरा चक्क के सरपंच सुरजीत सिंह मुताबिक बी.एस.एफ. नौजवानों के लिए वालीवॉल, फुटबाल जैसे मुकाबले करवा रही है। गांव राजा राय के बलविन्दर सिंह बताते हैं कि यहां प्रशिक्षण के बाद नौजवानों का रुझान खेलों में बढ़ा है। पहले रोजगार का संकट था परन्तु अब इसमें कमी आई है। 

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News Editor

Urmila

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