कारोबारी वी.पी. सिंह और पूर्व विधायक पिंकी के दर्ज करवाए मुकद्दमों की जांच में हुआ खुलासा

punjabkesari.in Wednesday, May 25, 2022 - 11:53 AM (IST)

जालंधर: पंजाब की सत्ता में रही कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में पंजाब के मशहूर कारोबारी वी.पी. सिंह और उनके बेटे कर्णपाल सिंह के खिलाफ सियासी रंजिश के चलते पूर्व एम.एल.ए. परमिंद्र सिंह पिंकी के दबाव में थाना सदर फिरोजपुर में दर्ज मुकद्दमा नंबर 249/18, थाना कुलगढ़ी में दर्ज मुकद्दमा नंबर 179/2020 तथा 82/21 झूठे साबित हुए हैं। इन मुकद्दमों में गठित सिट द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने कर्णपाल सिंह और वी.पी. सिंह को निर्दोष करार दिया है और पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने भी इन्हें बेगुनाह करार दे दिया है। 

कर्णपाल का आरोप है कि ये सभी झूठे मुकद्दमे पिंकी और उनके साले बिट्टू सांघा की सियासी रंजिश के चलते एक षड्यंत्र के तहत पुलिस पर दबाव बनाकर दर्ज करवाए गए थे। दलजीत सिंह ने थाना सदर फिरोजपुर को लिखित शिकायत दी थी कि 2 अज्ञात हथियारबंद लोगों ने उसकी कार पर फायरिंग की और थाना सदर ने इस संबंध में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकद्दमा नंबर 249/2018 दर्ज किया था। सियासी षड्यंत्र के चलते पुलिस ने दलजीत सिंह, इकबाल सिंह और बोहड़ सिंह के बयान बनाकर 16 नवम्बर, 2020 को इस केस में कर्ण और जरनैल सिंह को नामजद कर दिया था जिसमें लिखा गया कि कर्णपाल अपने साथियों के साथ 20 अक्तूबर, 2020 को फिरोजपुर की जिला कचहरी की कार पार्किंग में यह बातें कर रहे थे कि दलजीत सिंह वासी दुलचीके, जो वरिंद्र पाल सिंह के खिलाफ गवाह बना फिरता है, उसका पक्का हल करते हैं और पहले भी जब दलजीत सिंह पर फायर किए थे तो उस समय अंधेरा होने के कारण वह बच गया था तो जरनैल सिंह ने कहा कि अब इसका पक्का इलाज कर देते हैं जबकि वास्तव में ऐसा कुछ भी नहीं था।

इस केस की जांच करने के लिए पुलिस कप्तान (आप्रेशन) फिरोजपुर के नेतृत्व में एक स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम का गठन किया गया जिसमें डी.एस.पी. (पी.आई.बी.) स्पैशल क्राइम और थाना सदर फिरोजपुर के एस.एच.ओ. को बतौर मैंबर शामिल किया गया। इस सिट ने एस.एस.पी. फिरोजपुर को अपनी रिपोर्ट दी कि जांच में उस दिन इकबाल सिंह विर्क और बोहड़ सिंह का जिला कचहरी फिरोजपुर में जाना साबित ही नहीं हुआ और 16 नवम्बर 2020 को शाम 4 बजे गांव दुलचीके के खेतों में दलजीत सिंह, बोहड़ सिंह तथा इकबाल सिंह विर्क इकट्ठे नहीं हुए, न ही 16 नवम्बर, 2020 की रात 9 बजे थाना सदर फिरोजपुर में इकट्ठे होने संबंधी कोई बात सामने आई है। 

उनकी लोकेशनों से भी ऐसा कुछ साबित नहीं होता है तथा स्पष्ट होता है कि जरनैल सिंह और कर्णपाल को षड्यंत्र के तहत झूठे मुकद्दमे में फंसाया गया। सिट द्वारा अपनी रिपोर्ट देने पर एस.एस.पी. फिरोजपुर ने डी.जी.पी. पंजाब को पत्र नंबर 1391 सी.पी., दिनांक 7 अगस्त, 2021 लिखकर स्पष्ट किया कि जरनैल सिंह और कर्णपाल सिंह को झूठे केस में फंसाया गया है। सिट की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस द्वारा मुकद्दमा नंबर 249/18 में करणपाल आदि को निर्दोष करार दिया गया है। दूसरी ओर इस मुकद्दमे के मुद्दई दलजीत सिंह ने मुख्यमंत्री, डी.जी.पी. पंजाब, डी.आई.जी. और एस.एस.पी. फिरोजपुर आदि को लिखित शिकायतें भेजकर कहा कि उसने कर्णपाल और जरनैल सिंह के खिलाफ कोई बयान दर्ज नहीं करवाए और उस समय के एस.एच.ओ. द्वारा सियासी दबाव में आकर और झूठे बयान बनाकर एक षड्यंत्र के तहत कर्णपाल सिंह और जरनैल सिंह को झूठे केस में फंसाया है इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए और उसे नौकरी से बर्खास्त किया जाए। इस शिकायत पर कार्रवाई शुरू हो गई है जिसकी जांच एस.पी. ऑप्रेशन फिरोजपुर की ओर की जा रही है।

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News Editor

Urmila

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