वह दिलों को जोड़ने की बात करता रहा, राजनेताओं ने कहा गद्दार है !

punjabkesari.in Wednesday, Dec 26, 2018 - 02:10 PM (IST)

चंडीगढ़। (सूरज ठाकुर) पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को साल 2018 में भले ही अपने और परायों की फजीहत का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके विरोधियों ने उनकी जिनती मुखालफत की, उससे कहीं ज्यादा उन्हें पंजाब और देश में लोकप्रियता हासिल हुई।  सिद्धू जब पाकिस्तान में जनरल कमर बाजवा के गले मिले तो उन्हें कई राजनेताओं  ने "गद्दार" भी कहा। वह पाकिस्तान में इमरान सरकार के गठन के बाद वतन लौटे तो उन्होंने दोनों देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर करतारपुर कॉरिडोर बनाने की बात कही थी। मामले में सिख समुदाय के लोगों को कुछ आस बंधी। कॉरिडोर को लेकर उन्हें पाक जनरल कमर बाजवा ने आशवस्त किया था। सिद्धू धर्म के जरिए लोगों के दिलों को जोड़ने की बात करते रहे। आखिर में कॉरिडोर निर्माण के लिए पाकिस्तान राजी हो गया और वह सिख समुदाय के लोगों के हीरो बन गए। यहां तक कि कई पार्टियों के नेताओं ने कॉरिडोर की स्वीकृति का श्रेय नवजोत सिद्धू PunjabKesari, navjot singh sidhi at pakistan border को दिया। 
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र को है पाक की नीयत पर शक....
बताया जाता है कि करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण की चाहत को जगजाहिर करने की मांग को जनरल बाजवा ने सिद्धू को ही चुना था। इस घटनाक्रम के बाद पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पाकिस्तान की नीयत पर संदेह जाहिर करते हुए कहा था कि पाक कॉरिडोर को लेकर सिद्धू को मोहरा बनाकर इस्तेमाल कर रहा है। शिलान्यास होने से लेकर अब तक कैप्टन सरकार पाकिस्तान धन्यवाद प्रस्ताव भी पारित कर चुकी है। जबकि कैप्टन अमरेंद्र अभी भी पाकिस्तान से आतंक को रोकने और शांति  व अमन की अपील कर रहे हैं।PunjabKesari, navjot sidhu with pakistan pm imran khan
पाक पीएम इमरान खान ने की थी सिद्धू की जमकर तारीफ....
जब कॉरिडोर के शिलान्यास का वक्त आया तो, पंजाब में सियासत गरमा गई। सूबे के पूर्व सीएम सुखबीर बादल और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर जिन्होंने सिद्धू को गद्दार करार दिया था, उनके तेवर भी ढीले पड़ते नजर आए थे। शिअद नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर को भारत स्थित डेरा बाबा नानक और पाकिस्तान करतारपुर साहिब के शिलान्यास समारोह में ऐसे समय में शिरकत करनी पड़ी, जब भारी संख्या में लोग और कई राजनेता इस पहल का श्रेय सिद्धू को ही दे रहे थे। यही नहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने करतारपुर में अपने संबोधन में अपने अजीज दोस्त सिद्धू की शान में कसीदे पढ़े और कहा कि भारत वार्ता के लिए एक कदम बढ़ाएगा तो हम दो कदम चलेंगे।PunjabKesari, navjaot singh sidhu at dera baba nanak gurdaspur
जब खालिस्तानी आतंकी के साथ फोटो को लेकर हुआ विवाद...
शिलान्यास के समारोह के समापन के बाद नवंबर माह के अंत में अभी सिद्धू पाकिस्तान से लौटे भी नहीं थे कि समारोह के दौरान खालिस्तानी आतंकी गोपाल सिंह चावला के साथ खींची गई एक फोटो सोशल मीडिया पर वॉयरल हो गई। पूरे देश में फिर से बवाल मच गया। सिद्धू विवादों के घेरे में आ गए। शिअद नेताओं ने काफी हद तक राजनीति रंग देकर मामले को उछाला लेकिन जब एजीपीसी के अध्यक्ष गोविदं सिंह लोंगोवाल के साथ भी कुछ इस तरह के फोटो और वीडियो क्लीप सोशल साइट पर वॉयरल हो गए, तब जाकर हजारों नेताओं के मुंह पर ताले लगे।PunjabKesari, navjot singh sidhu with gopal chawla
पांच राज्यों के चुनाव में कैप्टन कौन बोलकर सिद्धू फिर फंस गए थे विवादों में....
पाकिस्तान से लौटने के बाद सिद्धू हाल ही में हुए पांच राज्यों के चुनावों के प्रचार में चले गए थे। उन्होंने अपने तेलंगना चुनाव प्रचार के दौरान एक प्रेस कॉंफ्रेंस में सीएम कैप्टन के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में पहले तो तो हैरानी जताकर कहा, कौन कैप्टन? जब प्रश्नकर्ता ने सीएम का पूरा नाम लिया तो वह "बोले ओ कैप्टन अमरेंद्र सिंह! आगे वह बोले वह तो आर्मी के कैप्टन हैं। मेरे कैप्टन तो राहुल गांधी हैं और कैप्टन अमरेंद्र के कैप्टन भी राहुल गांधी हैं। इस बात को लेकर सिद्धू जबरदस्त विवादों के घेरे में फंस गए। पंजाब के सरकार के मंत्री इसे कैप्टन की तौहीन बताने लगे और सिद्धू के इस्तीफे की मांग होने लगी। सिद्धू का हालांकि उस वक्त छत्तीसगढ़ से बयान आया कि सीएम कैप्टन उनके पिता के समान हैं, और वह इस विवाद को खुद सुलझा लेंगे।PunjabKesari, navjat singh sidhu bring kala titar from pakistan
पाक से लाई तीतर वाली ट्राफी को लेकर फिर हुआ विवाद...
पांच राज्यों के चुनाव खत्म हाने के बाद जब सिद्धू जब "कैप्टन कौन" विवाद को सुलझाने के लिए सिद्धू उनके आवास पहुंचे तो वह फिर विवादों के घेरे में आ गए। दरअसल वह पाकिस्तान से एक काले तीतर वाली ट्राफी ले आए। जिसे कैप्टन ने यह बोलकर लेने से इनकार कर दिया कि वाइल्ड लाइफ अधिनियम के तहत वह इसे घर में नहीं रख सकते हैं। यह मामला सार्वजनिक हो गया है। इस मामले में वन्य जीव अधिनियम के तहत मामला भी दर्ज कर लिया गया। कुल मिलाकर विवादों के बाद सिद्धू की पूरी तरह फजीहत करने की तमाम कोशिशें की गईं, जो खुदबखुद रेत के ढेर में तबदील होती रहीं।       


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Suraj Thakur

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