मंत्रिमंडल की ओर से आटा सप्लाई करने को मिली हरी झंडी, जानें कब और कैसे मिलेगी यह सेवा

punjabkesari.in Tuesday, May 03, 2022 - 10:20 AM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब के लोगों को उनके दर पर जाकर सुचारू ढंग के साथ राशन मुहैया करवाने की वचनबद्धता को पूरा करते मुख्यमंत्री भगवंत मान का नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने पहली अक्तूबर से घर-घर जाकर आटे की सप्लाई करने की सेवा की शुरुआत करने की मंजूरी दे दी है और इस सेवा को राज्य भर में तीन पड़ावों में लागू किया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के अंतर्गत आटे की घर-घर सप्लाई की शुरुआत करने के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले बारे विभाग ने सहमति देते समूचे राज्य को 8 जोनों में बांटा गया है और पहले पड़ाव में एक जोन में यह सेवा शुरू की जाएगी और दूसरे पड़ाव में 2 जोनों में और तीसरे पड़ाव में बाकी 5 जोनों में शुरू की जाएगी।

मुख्यमंत्री दफ्तर के एक वक्ते मुताबिक राज्य सरकार एन.एफ.एस.ए. के अंतर्गत दर्ज किए हरेक लाभपात्री को आटे की होम डिलीवरी की पेशकश करेगी। कोई भी लाभपात्री, जोकि एक फेयर प्राइस शॉप (वाजिब कीमत दुकान, एफ.पी.एस.) से अपने हिस्से की गेहूं यदि खुद जाकर इकट्ठी करना चाहता है तो उसके पास मुफ्त में उपलब्ध एक उचित आई.टी. दखल द्वारा इससे बाहर रहने का विकल्प मौजूद होगा। यह राशन अब तिमाही चक्कर से महीनावार के चक्कर में बदला जाएगा।

घर-घर आटा पहुंचाने की सेवा मोबाइल फेयर प्राइस शॉप (एम.पी.एस.) की धारणा को पेश करेगी। एम.पी.एस. एक ट्रांसपोर्ट वाहन होगा, तरजीही तौर पर लाभपात्री को आटा सौंपने को लाइव करने के लिए जी.पी.एस. सुविधा और कैमरो के साथ लैस किया जाएगा। इसमें लाजिमी तौर पर तोलने की सुविधा होगी जिससे ग्राहक को आटे की डिलीवरी करने से पहले इस के वजन बारे संतुष्ट किया जा सके। बॉयोमीट्रिक तस्दीक, लाभपात्री को प्रिंट की वजन स्लिप सौंपना आदि की सभी लाजिमी जरूरतों एस.पी.एस. द्वारा प्रदान की जाएंगी। सभी एस.पी.एस. लाइसेंस, खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी किए जाएंगे। एक एम.पी.एस. को एन.एफ.एस.ए. के अधीन 'वाजिब कीमत की दुकान' जैसी स्थिति का दर्जा मिलेगा। सिर्फ एम.पी.एस.ही आटे की होम डिलीवरी की सुविधा प्रदान करेंगे। एफ.पी.एस. लाभपात्री को गेहूं की सुपुर्दगी की मौजूदा सुविधा की पेशकश करना जारी रखेगा और लाभपात्री को एफ.पी.एस. पर जाना होगा और गेहूं की अधिकारित मात्रा को शारीरिक तौर पर इकट्ठा करना होगा।

किसी भी एम.पी.एस. और एफ.पी.एस. के बीच अदला-बदली की इजाजत जारी रहेगी। जहां भी लाभपात्री ने आटे की होम डिलीवरी की सुविधा की चयन की है, यह अपने-आप यह भी संकेत करेगा कि लाभपात्री ने एम.पी.एस. को पसंदीदा वाजिब कीमत की दुकान के तौर पर चुना है और फिर एम.पी.एस. को ऐसे लाभपात्री के दरवाजे तक आटे की निर्धारित मात्रा पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जहां भी किसी लाभपात्री को आटे दिया जा रहा है, उस लाभपात्री से 2 रुपए प्रति किलो की मौजूदा राशि की वसूली एम.पी.एस. द्वारा इकट्ठी की जाएगी। इस मंतव्य के लिए एम.पी.एस. तरजीही तौर पर डिजिटल विधि के साथ भुगतान की रकम इकट्ठी करेगा। सिर्फ जहां लाभपात्री के पास डिजिटल भुगतान करन पहुंच नहीं होती, वहीं एम.पी.एस. भुगतान को नकदी रूप में इकट्ठा करेगा।

एन.एफ.एस.ए. के लाभपात्रियों को आटे की होम डिलीवरी की सेवा की सफलतापूर्वक पेशकश करने के लिए जरूरी सभी गतिविधियों को पूरा करने के लिए मार्कफैड द्वारा स्पेशल पर्पज व्हीकल (एस.पी.वी.) का गठन किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने यह भी फैसला किया कि गेहूं पीस कर आटा बनाने का सारा खर्चा राज्य सरकार सहन करेगी चाहे कि एन.एफ.एस.ए. के दिशा-निर्देश गेहूं की पिसवाई का खर्चा लाभपात्री से वसूलने की इजाजत देते हैं। इस नई सेवा के साथ लाभपात्रियों के लिए 170 करोड़ रुपए की बचत होगी, जो अब इन लाभपात्रियों की तरफ से स्थानीय आटा चक्कियों से गेहूं की पिसवाई पर खर्चा जाता है।

श्री मुक्तसर साहिब में नरमे की फसल का 50 प्रतिशत नुकसान मानते 5400 रुपए प्रति एकड़ राहत देने की मंजूरी
राज्य के बजट में से किसानों को वित्तीय राहत देने के लिए मंत्रिमंडल ने श्री मुक्तसर साहिब में समूचे क्षेत्र में नरमे का 50 प्रतिशत नुकसान मानते प्रति एकड़ 5400 रुपए की वित्तीय राहत देने का ऐलान किया है। इस फैसले के साथ प्रभावित किसानों और नरमा बीनने वाले को राज्यों के बजट में से क्रमवार 38.08 करोड़ रुपए और 3.81 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे। जिक्रयोग्य है कि जिला श्री मुक्तसर साहिब में गुलाबी सूंडी के हमले कारण नरमे की फसल को हुए नुक्सान के एवज में प्रभावित किसानों को 4.74 करोड़ रुपए और नरमा बीनने वाले को 47.44 लाख रुपए की राहत दी गई थी।

कैबिनेट ने पंजाब कंस्ट्रक्शन एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड की वर्ष 2015-16 और 2016-17 की वार्षिक और ऑडिट रिपोर्ट को भी मंजूरी दी और उन्हें कानून के तहत पंजाब विधानसभा में पेश करने की अनुमति दी।


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News Editor

Urmila

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