पंजाब कैबिनेट मीटिंगः आबकारी नीति व श्रम कानूनों में परिवर्तन करेगी पंजाब सरकार

punjabkesari.in Saturday, May 09, 2020 - 11:43 AM (IST)

चंडीगढ़ / जालंधर(अश्वनी/धवन): कोरोन वायरस संकट के चलते राज्य की खराब हुई अर्थव्यवस्था व उद्योगों के पुनरुत्थान के लिए पंजाब सरकार ने आवकारी नीति तथ बम कानूनों में परिवर्तन करने का फैसला किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की अध्यक्षतामंत्री परिषद के सदस्यों ने इन दोनों महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें यह भी निर्णय लिया गया कि सी.एम. कोविड रिलीफ फंड में सरकारी कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से ही अंशदान दिया जाएगा।

आबकारी नीति के मामले में मंत्री परिषद ने कोविड तथा लॉकडाऊन के पड़े विस्तृत प्रभावों को देखते हुए आबकारी नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया। आबकारी विभाग को निर्देश दिए गए कि वह मौजूदा परिस्थितियों में आबकारी नीति की समीक्ष करे तथा कल पुनः होने वाली मंत्री परिषद की बैठक में पेश किया जाए। मंत्री परिषद ने अनुभव किया कि मौजदा परिस्थितियों में आवकारी उद्योग को पुन: अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए नए संभावित विकल्पों को तलाशा जाना चाहिए तथा राज्य के राजस्व मॉडल की महत को ध्यान में रखा जाना चाहिए। पंजाब से श्रमिकों के पलायन को रोकने व उद्योगों की चिंता पर मुख्यमंत्री ने उद्योग मंत्री को निर्देश दिए कि वह श्रमिकों के कल्याण के लिए हरसंभव कदम उठाए। मंत्री परिषद ने लॉकडाऊन प्रतिबंधों को सरल बनाने पर 9,500 औद्योगिक इकाइयों में काम शुरू होने का स्वागत किया।

कैप्टन ने कहा कि उद्योगों के शुरू होने के बाद पंजीकृत श्रमिकों में से 35 प्रतिशत ने अब पंजाब में ही रहने का निर्णय लिया है। उन्होंने विभाग से कहा कि वह राज्य सरकार के मौजूदा बजट में ही 4 औद्योगिक पार्कों को विकसित करने के लिए तेजी से काम करे। उन्होंने कहा कि फार्मास्यूटिकल पैस्टीसाइड्स सहित कई उद्योगों में अब व्यापक संभावनाएं पैदा हुई है क्योंकि कई उद्योग चीन में अपनी प्रक्रिया को बंद करने में लगे हुए है। 


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