शराब का रेवेन्यू बचाने के लिए ''कैप्टन'' को बदलना पड़ा फैसला

punjabkesari.in Monday, Jun 15, 2020 - 11:20 AM (IST)

लुधियाना (हितेश): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से अनलॉक -1 के दौरान कर्फ़्यू में दी गई छूट वापस लेने के लिए चाहे मरीज़ों की बढ़ती संख्या का हवाला दिया जा रहा है परन्तु उनके इस फैसले पर पहले ही दिन से सवाल खड़े हो रहे हैं कि दो दिन की रोक के साथ किस तरह लोगों को कोरोना से बचाया जा सकता है। वही पाबंदी को ले कर जारी बयान और निर्देशों में बदलाव होने को लेकर भी कई तरह की चर्चा सुनने को मिल रही है, जिसमें मुख्य रूप पर यही कहा जा रहा है कि शराब का रेवेन्यू बचाने के लिए यह सब कुछ किया गया है क्योंकि पहले कैप्टन की तरफ से जारी प्रैस रिलीज में हफ्ते के आखिरी दो दिन के अलावा सरकारी छुट्टी के दौरान पूरी तरह लॉकडाउन होने साथ लोगों को घरों से निकलने के लिए ई -पास की ज़रूरत होने की बात कही गई थी परन्तु अगले दिन कैप्टन के बयान के अलावा गृह मंत्रालय की तरफ से जारी निर्देश बिल्कुल ही अलग थे, जिस के मुताबिक शनिवार और सरकारी छुट्टी दौरान ग़ैर -ज़रूरी सामान की दुकानों शाम 5 बजे तक खुलीं रखने और रविवार को पूरी तरह बंद रखने की बात कही गई है

दो दिन पूरी तरह बंद रखने के शुरुआती प्रस्ताव में शराब के ठेके को खोलने की छूट देने का पहलू सरकार के गले की हड्डी बन गया था क्योंकि यदि शराब के ठेके को बंद रखते तो दो दिन में ही करोड़ों की एक्साइज ड्यूटी का नुक्सान होना था और यदि ज़रूरी सामान की दुकानों बंद रख कर शराब के ठेके को खुले रखने की छूट दी जाती है तो लोगों में सरकार की किरकिरी होती और विरोधी पक्ष को हमला बोलने का मौका मिल जाता।

इसके मद्देनज़र शनिवार सरकारी छुट्टी दौरान ग़ैर -ज़रूरी सामान की दुकानों शाम 5 बजे तक खुलीं रहने की छूट देते हुए रविवार को पूरी तरह बंद रखने की बात कही गई है कि जब कि ज़रूरी सामान की दुकानों के अलावा होटल, रैस्टोरैंट को डिलीवरी के लिए सभी दिन शाम 7 बजे तक खुले रखने की छूट दी गई है। शराब की दुकानों को रात 8 बजे तक खुला रखने का फ़ैसला किया गया। वही शनिवार और रविवार के अलावा सरकारी छुट्टी वाले दिन भी राज्य में सभी तरह के वाहनों को रात 9 बजे तक मूवमैंट की छूट दी गई है। 


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Edited By

Tania pathak

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