केंद्र की पंजाब को चेतावनी: अगर टोल प्लाजों पर लगे किसानों के धरने नहीं उठवाए तो...

punjabkesari.in Wednesday, Apr 07, 2021 - 10:51 AM (IST)

जालंधर (एन.मोहन): केंद्र सरकार ने परोक्ष रूप से पंजाब को चेतावनी दी है कि अगर पंजाब सरकार ने आंदोलनकारी किसानों के टोल प्लाजों पर लगे धरने नहीं उठवाए तो राज्य में अन्य नई सड़क परियोजनाओं पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा पंजाब सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इन धरनों की वजह से 500 करोड़ से अधिक का आॢथक नुक्सान हो चुका है। केंद्र ने इस बात पर निराशा भी प्रकट की है कि पंजाब सरकार अभी तक किसानों को टोल प्लाजों से हटाने के लिए कुछ नहीं कर सकी है। आंदोलन से पंजाब में चल रहे अन्य बी.ओ.टी. (निर्माण-परिचालन-हस्तांतरण) प्रोजैक्टों पर भी असर पड़ा है।

पंजाब में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया अर्थात एन.एच.ए.आई.) के 25 टोल प्लाजा हैं, जो अथॉरिटी द्वारा प्रत्यक्ष रूप में व कुछ बी.ओ.टी. के माध्यम से चलाए जा रहे हैं परंतु आंदोलन के चलते 1 अक्तूबर, 2020 से राज्य के सभी टोल प्लाजों पर किसानों का कब्जा है और किसानों ने वहां दिन-रात के धरने लगा रखे हैं। किसान आंदोलन में ही पंजाब और पड़ोसी राज्य हरियाणा के 51 टोल प्लाजा किसानों के कब्जे में हैं। इन प्लाजों से सभी वाहनों को बिना शुल्क अदा किए जाने दिया जा रहा है। पंजाब सरकार को लिखे पत्र में अथॉरिटी ने कहा है कि केवल पंजाब में किसान आंदोलन से टोल प्लाजों की फीस के रूप में 500 करोड़ रुपए का नुक्सान हो चुका है।

इन तमाम बातों को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी पंजाब के मुख्यमंत्री से बात की थी और अधिकारी स्तर पर भी बात की गई थी।  पंजाब सरकार को कहा गया था कि आंदोलन कर रहे किसानों से बात करके उन्हें टोल प्लाजों से हटाया जाए। पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि केंद्र द्वारा राज्य के लिए अन्य हाईवे परियोजनाएं भी अभी लटकी पड़ी हैं, जबकि नई परियोजनाओं पर भी विचार किया जाना है।


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Content Writer

Tania pathak

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